RE: Hindi Sex Kahani माया ने लगाया चस्का
…. अब आगे…
में: क्यों क्या हूँ आ…माया…?
माया: अरे!!!! मेरे अनाड़ी लल्ले में जड़ गयी… मेरा पानी छुट गया.. वो मेरी गोद से उठी.
में: मतलब…. क्या हूँ आ तुम इतना मचल क्यों गयी? हलाकि मुझे इस बात का इल्म ही नहीं था..
माया: ठहर तुजे बताती हूँ क्या होता है. उसने मेरा टी शर्ट एक जटके के साथ उची करके निकाल दि. मुझे धक्का दे कर बिस्तर पे सुला दिया और मेरी बरमूडा एक जटके के साथ खीच के मेरी झांघो से खीचते हूँ ए पूरी निकाल दी. अब में केवल निक्कर में ही था. मेरी धड़कन तेज हो गयी थी. मेरा लोडा निक्कर मेंसे बम्बू सा ताना हूँ आ था. मेरी सांसे तेज चल रही थी. मेरे बदन थिरक रहा था मेरे अन्दर गज़ब की आग लग चुकी थी.
में: माया कुछ होगा तो नहीं ना. मुझे डर है अगर कुछ हूँ आ तो? वो हसी…
माया: ओह्ह्ह मुना भगवान् का मुजपे जो अभिशाप है वो आज आशीर्वाद बनेगा… तुजे पता है में माँ तो बन ही नहीं सकती तो में प्रेग्नेंट हुंगी ही नहीं और कुछ होने का डर ही नहीं. हां तुजे जरुर होगा….. तू आज मेरा चोदु पति बन जायेगा….निक्कर में ही वो मेरे खड़े लोडे को बड़े प्यार से सहलाने लगी….अब तड़पने की बारी मेरी थी. वो अपनी एक हथेली लंड को रगड़ते हूँ ए सहला रही थी और उसकी एक हथेली मेरी बड़ी झांघो को सहला रही थी, मेरे लोडे के सुपाडे पर करंट लग रहा था और वो जटके मर रहा था. मेरे लंड में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी और उसमे एक सिरहन पैदा होने लगी जो मुझे मीठा दर्द दे रही थी. मेरी आंखे बन्ध होने लेगी थी और मेंरे लंड में एक अजीब सी फीलिंग्स पैदा होने लगी थी जिसका शब्दों में वर्णन असंभव है. में सिसियाने लगा सी सीस सी श अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह माया मुझे कु……छ हो रहह्ह्ह्हह्हहा है प्ली……ज मुझ…से…. र…हा नहीं….. जाता…..मा….या….. उसने एक जटके के साथ मेरा निक्कर भी खीच लिया और मुझे बिलकुल नंगा कर दिया. मेने भी अपने पैर उठाके उसे सहयोग दिया. उसने मेरा तना हूँ आ लालचटक लंड देखा तो वो हैरान होते हूँ ए मेरे कड़े लंड को ताकती रही, निक्कर मेसे निकला हूँ आ अकड़ा और फनफनाता हूँ आ मेरा लोडा बहार आते ही उसकी आंखे चोडी हो गयी. उसका मुह खुला का खुला रह गया. मेरा तपता लोहै जैसा लंड १.५ इंच चोडा और ६ इंच लब्बा ऊपर की और तन के उठा हूँ आ था, लंड के ऊपर का सुपाडा फुल के लाल चटक दिख रहा था. उसने उसपर अपने मुलायम होंठ रहकर किस किया पुच्च्च……… वो बोल उठी…
माया: ओह्ह्ह्हह्ह माँ इतना बड़ा तेरी निक्कर में समाता कैसे है? ओह गोड में इससे कैसे जेल पाऊँगी माँ!!!!!!!. उसने लपक के मेरा लौडा अपनी मुठी में भरकर उसकी चमड़ी सुपाडे से निचे खिची तो मुझे दर्द हूँ आ और में चिल्लाया ……
में: अरे माया दर्द होता है जरा धीरे…..
क्योकि अभी मेरे लंड के सुपाडे से चमड़ी पूरी निचे नहीं उतरती थी क्योंके मेरे लंड का अभी शील टुटा नहीं था.
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