RE: Hindi Sex Kahani माया ने लगाया चस्का
में भी उदास सा हो गया था. हमलोगों ने चुपचाप दोपहर का खाना खाया और में ऊपर अपने कमरे में चला गया. आज इतवार हो ने से सुस्ता रहा था तो दोपहर में सो गया. शाम होने को होगी और मुझे नींद में कुछ छूने का एहसास हूँ आ. मैंने आंख खोली तो माया मेरे सर के पास बेठे हूँ ए मेरे सर को चूम रही थी.
में: (जागते हूँ ए) उदासी से ओह तुम हो? यार तुम तो परायी हो गई. उसने अपनी गोद में मेरा सर ले कर मेरे होठो पर अपना हाथ रखते हूँ ए ….
माया: नहीं विकी हम कभी पराये नहीं होंगे… तू मेरा पहला और आखरी प्यार है. अब माया किसी को प्यार नहीं करेगी..
में: अरे यार तुमे डर नहीं लगता चाची आ गयी तो?
माया: नहीं आएगी वो दोनों और दीपू ताउजी के घर गए है और कल सुबह आयेगे और सीमा और सपना कल शाम को आयेगे. भाभी ने मुझे तेरा खाना बनाने और खयाल रखने कह अभी अभी गए है. हमदोनो अकेले. चल तू हाथ मुह धो के निचे आ.
माया निचे गयी और में ब्रश करने…… में निचे गया तो घर का मेन गेट बन्ध था और घर में शांति थी. माया ने मुझे आवाज़ दी…
माया: मुना यहाँ आ…..
वो अपने कमरे में थी.. में उसके कमरे में गया तो में अचम्बे में पड़ गया. कमरा एकदम सजाया हूँ आ और बिस्तर पर मे सुबह जो फूल लाया था वो बिछाए हूँ ए थे. कमरा मानो सुहागरात का कमरा हो वेसे खुशबूदार था. माया को देखा तो मेरे लंड में करंट दोड गया! क्या क़यामत लग रही थी वो इतनी तैयार तो वो आज ससुबह जब उसे लड़का देखने आया था तब भी तैयार नहीं हूँ ए थी. उसने गुलाबी रंग का एकदम लोअर कट कुरता और सलवार पहना था, वो इतना चुस्त था की उसकी गोरी मुलायम चुचिया मानो कुर्ती के कसाव की वजह से ऊपर उभरी होई थी, कुरते में ऐसे ऐसे दबी हूँ ई थी मानो अभी कुरते को फाड़ कर बहार आ जाये गी. उसके मखमली गुलाबी होंठ आज कुछ ज्यादा ही रसीले लग रहै थे. मेरे साथ यह सब पहलीबार हो रहा था. मुझे एक अजीब सा पर जिन्दगी का पहला नसीला एह्सास हो रहा था. उसमे पलंग पर रेशमी मखमली मरुन चद्दर बिछाई थी, पास में पड़े टेबल पर केशर वाले दूध का गिलास था. माया की आँखों एक जबरदस्त नशा था, उसके चहैरे पर एक अजीब सी ख़ुशी जलक रही थी. मैंने उसकी आँखों में देखा तो वो मानो जिन्दगीभर की तरसी है और उसमे एक वासना के अंगारे भड़के हूँ ए थे. मुझे लगा आज यह मुझे कचा चबा जाएगी और इसमें इतना एकांत, मेरा दिल थोडा फड़क गया और मुझे सीमा का ख्याल आया और लगा अगर में इसमें फसा तो सीमा हाथ से छुट जाएगी जोकि वो मेरी हॉट फेवरिट थी. इतने में माया बोली –
माया: लला आज चाय नहीं यह दूध पियो. मेरे पास आ मेरे कलेजे टुकड़े.. यहाँ आजा,
में उसके पास गया और उसके करीब बैठ गया और दूध पिने लगा, तो उसने कहा एक घूंट मेरे लिए रखना.
में: क्या तु मेरा जूठा दूध पियोगी…
माया: अरे मेरे राजा तुजे क्या बताऊ में तेरा क्या क्या पीना चाहती हूँ ? आज तो में तुजे ही पीना चाहती हूँ . उसने मेरा जूठा दूध पिया और गिलास रखते हूँ ए बोली आजा मेरे राज्जा तुजे बढ़िया और नसीला दूध पिलाती हूँ .. मुझे खीचा और और मुझे अपनी छाती से कस के चिपका लिया…उसका बदन अंगारे की तरह दहक रहा था, उसकी धड़कन से लग रहा था मानो उसका दिल उसकी छाती फाड़ के बहार आ जायेगा, बदन से एक अजीब सी मगर जबरदस्त मादक खुश्बू थी. मेरी जिन्दगी का यह पहला नशा था दोस्तों और मुझे क्या हो रहा था यह कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं, में उसके बदन आग में जल के सिकने लगा, फिर मेरे दिमाग में सीमा का विचार आया. तो मेने उससे बाहों लेते हूँ ए कहा माया में एक बात करू तो तू बुरा तो नहीं मानेगी?
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