RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
पद्मा और जीजाजी कि गरम हरकतो ने मुझे भी काफी गरम कर दिया था,इधर दीदी भी जीजाजी कि सब हरकतो को देख रही थी तो उनका भी पूरा चेहरा लाल हो चूका था जबकि जीजाजी और पद्मा ये समझ रहे थे कि उन दोनों को कोई नही देख रहा हे इसलिए वो ये सारा तमाशा कर रहे थे।
शायद अब पद्मा भी काफी गरम हो गयी थी और उसको लगने लगा था कि जीजाजी उसे चोदे बगैर मानेगे नही तो उसने जीजाजी से धीरे से कहा कि जीजाजी अब सहन नही होगा पर ये भी हे और दीदी भी बाकि होली आप रात को मना लेना। जीजाजी ने कहा सलहज जी क्या गारंटी हे कि आप रात को मुझे होली मनाने देंगी?और रोहित का आप क्या करेंगी,तब पद्मा ने कहा कि आप रात को फिर से इनके साथ ड्रिंक करने बेठ जाना और इनको इतनी पिला देना कि इन्हे सुबह तक होश नही आये तब में आपके साथ अभी का अधूरा काम पूरा कर दूंगी,पर उन दोनों को ये पता नही था कि दीदी और में उनकी ये बात सुन रहे हे।
दीदी ने मेरे पास आकर कहा कि कि रोहित मुझे पता नही था कि तेरे जीजाजी पद्मा के साथ ऐसी होली खेलेंगे ,मेने कहा दीदी कोई बात नही,कभी कभी सब बहक जाते हे ,मेरी समझ में ये तो आ गया था कि पद्मा के मन में भी आज जीजाजी से चुदाई का मन हे,पर न जाने क्यू में भी ये सोच रहा था कि आज जीजाजी और पद्मा कि चुदाई देखु।
हुआ रात को वो ही जीजाजी ने मुझसे कहा कि साले साहब थोड़ी ड्रिंक हो जाये,,मेने सहमति से अपना सर हिला दिया और हम ड्रिंक करने बेठ गए,दीदी कमरे में सोने चली गयी और हम अपने रूम में आकर ड्रिंक करने लगे ,पद्मा ने नमकीन वगेरा रख दी और हम पेग पर पेग बनाते चले गए,में देख रहा था कि जीजाजी अपना पेग तो छोटा बना रहे थे पर मेरा पेग लार्ज बना रहे थे ,में भी उन दोनों कि चुदाई देखना चाहता था इसलिए उनकी नजरे बचाकर कभी कभी पेग को फेला भी देता था।
हम दोनों दारू पीते पीते बातें करने लगे ! पीते पीते रात के १०.३० बज गए ! पद्मा भी अब सो चुकी थी या कहे की सोने का नाटक कर रही थी ! मैंने इस तरह से नशा चड़ने की एक्टिंग की जीजाजी को लगा अब में जरुर सो जाऊंगा , और मैंने किया भी ऐसे ही में वही जहाँ नीचे बिस्तर लगा हुआ था वही लेट गया , अब जीजाजी उठे और पद्मा को जगाने लगा !
"भाभी देखो रोहित भाई तो यही लुड़क गए ! "
"ओह हो ये भी ना इनको भी ज्यादा नहीं झिलती अब ये तो सुबह ही उठेंगे "
मुझे पता था की वो दोनों जानबूझ कर ऐसी बातें कर रहे है ! पद्मा ने वहां से सारा सामान उठाया और किचन में रखने चली गयी जीजाजी वही मेरे पास लेट गए
"आप ऊपर सो जाए में यहाँ इनके पास नीचे लेट जाती हूँ , आप को नीचे नींद नहीं आएगी " पद्मा ने जीजाजी को कहा !
"नहीं भाभी आप भाई को ऊपर बेड पर लेटा दो और आप भी ऊपर सो जाओ में यहाँ आराम से सो जाऊंगा "
पद्मा ने मुझे उठाने की कोशिश की पर में भी तो पक्का खिलाडी था ! में भी इस तरह से बेसुध पड़ा रहा की उन दोनों को यकीं हो जाए की में सच में नशे में सो गया हूँ
"क्या भाई ऐसे ही नशे में ऐसे ही सो जाते है क्या भाभी"
"हा ज्यादा पी लेते है तो ऐसे ही हो जाते है अब ये सुबह ही उठेंगे और फिर सर पकड़ कर बैठ जाएँगे "
"मतलब अब नहीं उठेंगे "
"हा जी अब नहीं उठेंगे "
"पक्का है ना "
"हा हा पक्का है "
"
में समझ गया अब काम शुरू होने वाला है , पर मुझे डर भी था की कही इन दोनों में मुझे इनको कुछ करते देख लिया तो पद्मा का क्या रिअक्शन होगा ! तो मुझे बड़ी सावधानी से सब कुछ देखना होगा !
"चलो अब रात बहुत हो गयी है मुझे नींद आ रही है , आप भी सो जाएँ " पद्मा उठी और उसने टी वी और लाईट दोनों बंद कर दी !
धत तेरे की ये क्या ये लाईट बंद हो गयी अब क्या कद्दू दिखेगा मुझे, हो गया सारे प्लान का गुड़ गोबर !
जीजाजी मेरे बगल में आकर लेट गए और पद्मा ऊपर बेड पर ! काफी देर तक वो दोनों ऐसे ही पड़े रहे में भी ये सोच रहा था क्या हुआ क्या आज इन का मन नहीं हो रहा !
अब लेटे लेटे मुझे सही में नींद आने लगी थी ! तभी अचानक पद्मा उठी और किचन में फ्रीज़ में पानी पीने की लिए उसने लाईट जलाई मैंने चुपचाप देखा तो जीजाजी भी उठे हुआ थे और पद्मा को ही देख रहा था !
"क्या बात है भाभी नींद नहीं आ रही है " उसने धीरे से कहा!
"आ तो रही है पर प्यास भी तो लग रही है ना , बिना प्यास मिटाए नींद कहा से आएगी" पद्मा ने भी धीरे से जवाब दिया
बस अब की बार लाईट बंद ना हो में ऐसा भगवान् से प्राथना कर रहा था
"प्यास तो मुझे भी लगी है "
"तो बुझाते क्यों नहीं "
ऐसा सुन कर जीजाजी खड़े हुए और किचन की तरफ चले गए वहां उन्होंने भी पानी पिया और फिर मेरे पास आकर मुझे हिलाते हुए मुझसे पानी के लिए पूछा ! पर में कहाँ उठाने वाला था जब उसे तस्सली हो गयी की में अब नहीं उठूँगा तो वो फिर से किचन में गया जहाँ पद्मा खड़ी थी
उसने पद्मा के कान में कुछ कहा तो पद्मा मुस्कुरा दी , उसके बाद पद्मा ने लाईट बंद कर दी और वापस बिस्तर पर लेट गयी !जीजाजी मेरे पास दुबारा आ गए , में सोच रहा था ये हो क्या रहा है !
थोड़ी देर हुई होगी की जीजाजी चुपके से उठे और सीधा बिस्तर पर चढ़ गए ! अँधेरा होने की वज़ह से मुझे साफ़ साफ़ नहीं दिख रहा था पर उन दोनों की फुसफुसाहट थोड़ी थोड़ी सुनाई दे रही थी !
"आप यहाँ क्या कर रहे हो " पद्मा ने अचानक उन्हें देख कर कहा
"भाभी अब तो नाराज़ ना हो दिन में में कुछ ज्यादा ही मस्त हो गया था इसलिए "
"तो अब क्या इरादा है"
"अब तो सारी रात ही हमारी है "
"अच्छा दिन में तो इतनी जल्दी हो गए अब रात भर क्या मुझे लोरी सुनाओगे"
"ये देखो ना क्या हाल है मेरा "
"अरे बाप रे ये क्या है"
" भाभी देखो ना कैसे तड़प रहा है "
"तो में क्या कर सकती हूँ इसका "
"आप कुछ मत करो जो करूँगा में करूँगा "
"देखते है "
"ये क्या ...? नहीं अभी कपडे मत उतारो "
"तो भाभी मज़ा कैसे आएगा "
"ऐसे ही करना है वो कर लो "
जीजाजी उसके कपडे उतारने की कोशिश कर रहे होंगे और पद्मा उसे मना कर रही होगी ! अब तो मेरा तन कर आधा इंच और लम्बा हो गया था !
"बस नीचे की स्कर्ट उतारने दो ना भाभी "
"नही , अरे .....नहीईइ ना ओह्ह हो आप मानोगे नहीं .....कही रोहित उठ गया तो "
"अब वो नहीं उठता "
"चलो नीचे उतारो मत बस ऊपर कर लो "
"नहीं ना भाभी मज़ा तो नंगे बदन ही आता है "
"प्लीस्स्स्स ....नहीई आप नहीं मानोगे ना ......ओह्ह्ह हो ....मत करो !!!!!!
"अब आएगा ना मज़ा" जीजाजी ने जितने वाली आवाज़ में कहा
मतलब स्कर्ट उतार चूका था !
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