RE: Behen Chudai Kahani जुड़वाँ बहनों की चुदाई
मैंने सीमा की चूत पर हाथ लगाया तो उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी। मैंने सीमा की चूत में अपनी अँगुली डाल दी और अंदर बाहर करने लगी। वो अभी भी धरम का लंड चाट रही थी। जोश में आकर वो सिसकरियाँ भरने लगी और थोड़ी ही देर बाद वो झड़ गयी।
जब उसने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ कर दिया तो मैंने सीमा से कहा, “तुमने धरम का लंड तो चाट कर साफ़ कर दिया। अब मैं तुम्हारी चूत को भी चाट कर साफ़ कर देती हूँ।”
धरम ने मुझसे कहा, “तुम क्यों तकलीफ करती हो। मैं ही सीमा की चूत को चाट कर साफ़ कर देता हूँ।”
सीमा कुछ नहीं बोली। धरम ने सीमा की चूत को चाटना शुरु कर दिया। जब धरम ने सीमा की चूत को चाट कर साफ़ कर दिया तो मैंने धरम से कहा, “मेरी चूत को कौन चाट कर साफ़ करेगा?”
धरम ने कहा, “आज तुम सीमा से साफ़ करा लो।”
मैंने सीमा से कहा तो उसने मेरी चूत को चाट कर साफ़ करना शुरु कर दिया। उसके बाद हम सब बेड पर लेट कर आराम करने लगे। लगभग तीन बजे धरम ने मुझसे कहा, “हेमा, अगले राऊँड के लिये तैयार हो जाओ।”
मैंने कहा, “मैं तैयार हूँ।”
सीमा भी जाग रही थी। धरम ने सीमा से पूछा, “मेरा लंड चूसोगी?”
उसने शरमाते हुए कहा, “हाँ।”
धरम ने अपना लंड सीमा के मुँह के पास कर दिया और सीमा ने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरु कर दिया। धरम मेरी चूत को चाटने लगे। सीमा इस बार धरम के लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी। वो अपने हाथों से धरम की दोनों गोलियाँ भी सहला रही थी। जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना लंड सीमा के मुँह से बाहर निकाला और सीमा से कहा, “मज़ा आ गया। इस बार तुमने मेरा लंड बड़े प्यार से चूसा है।”
धरम मेरे ऊपर आ गये और मुझे चोदने लगे। सीमा बैठ कर बड़े ध्यान से देख रही थी और अपनी चूत को सहला रही थी। उसकी आँखें एक दम गुलाबी हो गयी थी। धरम बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहे थे। दस मिनट चुदवाने के बाद मैं झड़ गयी तो धरम ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। लगभग बीस मिनट की चुदाई के बाद जब मैं फिर से झड़ गयी तो धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा। मैं डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम मेरे पीछे आ गये और मुझे चोदने लगे। वो बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहे थे। दस-पंद्रह मिनट तक और चोदने के बाद धरम झड़ गये और उनके साथ ही साथ मैं भी झड़ गयी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर सीमा के मुँह के पास कर दिया तो सीमा ने धरम के लंड को चाटना शुरु कर दिया।
उसके बाद मैंने सीमा से अपनी चूत को चाटने को कहा तो उसने मेरी चूत को भी चाट-चाट कर साफ़ कर दिया। लगभग पाँच बजे धरम फिर से तैयार हो गये। इस बार सीमा ने बिना कुछ कहे ही धरम का लंड चूसना शुरु कर दिया। धरम मेरी चूत को चाट रहे थे।
जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो धरम ने सीमा से कहा, “लेट जाओ।”
वो चुपचाप लेट गयी। धरम उसकी टाँगों के बीच आ गये और अपना लंड सीमा की चूत पर रख दिया। सीमा फिर भी कुछ भी नहीं बोली। मैं समझ गयी कि वो चुदवाने के लिये एक दम तैयार है। मैंने धरम से कहा, “ये क्या कर रहे हो?”
वो बोले, “कुछ नहीं। मैं केवल अपना लंड थोड़ी देर तक सीमा की चूत पर रगड़ुँगा।”
मैंने कहा, “अच्छा ठीक है। लेकिन कुछ और मत करना।” वो अपना लंड सीमा की चूत पर रगड़ने लगे। दो मिनट में ही सीमा झड़ गयी तो धरम हट गये।
सीमा ने धरम को पकड़ लिया और बोली, “आग लगा कर भाग रहे हो। अपने लंड के पानी से इस आग को बुझा दो प्लीज़।”
धरम ने कहा, “बाद में बुझा दुँगा।”
वो कुछ नहीं बोली। उसके बाद धरम ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे। बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद जब धरम झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मुझसे बोले, “इस बार मैं अपने लंड के पानी से सीमा की चूत की आग बुझा देता हूँ।”
वो फिर से सीमा की टाँगों के बीच आ गये। उन्होंने सीमा की चूत पर फिर से अपना लंड रगड़ना शुरु कर दिया। सीमा जोश से पागल हुई जा रही थी। दो-तीन मिनट बाद धरम के लंड से पानी निकलने लगा तो धरम ने सारा पानी सीमा की चूत पर और उसके आसपास गिरा दिया। लंड का पूरा पानी गिरा देने के बाद धरम ने सीमा से पूछा, “मैंने आग पर पानी डाल दिया है। अब आग ठंडी हो गयी?”
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