RE: Behen Chudai Kahani जुड़वाँ बहनों की चुदाई
मैंने उसे फिर से कुरेदा तो उसने अपनी आँखें खोल दी। वो शरमायी आँखों से मुझे चुदवाते हुए देखने लगी। थोड़ी ही देर में उसकी आँखें जोश से भर कर एक दम गुलाबी हो गयी। अब तक धरम को मुझे चोदते हुए बीस-पच्चीस मिनट हो चुके थे। उनके लंड ने मेरी चूत को भरना शुरु कर दिया और साथ ही साथ मैं भी झड़ गयी।
धरम ने पूरा पानी निकल जाने के बाद अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मुँह के पास कर दिया। मैंने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरु कर दिया। सीमा धरम के लंड को बड़े ध्यान से देख रही थी। उसने अपनी जाँघें एक दूसरे पर कस रखी थी और कसमसा रही थी। जब मैंने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ कर दिया तो फिर धरम ने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मैंने देखा कि सीमा कि निगाहें अभी भी धरम के लंड पर थी।
वो कुछ नहीं बोली। उसके बाद हम सोने लगे। दूसरे दिन रात में जब हम सोने के लिये बेड पर जाने लगे तो मैंने और धरम ने अपने कपड़े उतार दिये। सीमा ने भी बिना कुछ कहे अपने कपड़े उतार दिये लेकिन उसने आज भी अपनी ब्रा और पैंटी नहीं उतारी। लेकिन जब मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतारने की कोशिश कि तो उसने मुझे रोका नहीं। मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी। अब सीमा भी एक दम नंगी हो गयी। उसके बाद हम सब बेड पर आ गये।
धरम ने सीमा से कहा, “साली जी, अगर आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो मैं हेमा की चुदाई शुरु कर दूँ।”
वो शरमाते हुए बोली, “जीजू, मैं कैसे मना कर सकती हूँ। आखिर ये आप कि बीवी है।”
धरम ने अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया। मैंने धरम का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। आज सीमा ने अपना सिर दूसरी तरफ़ नहीं किया। वो मुझे धरम का लंड चूसते हुए बड़े ध्यान से देख रही थी। मैं समझ गयी कि अब उसे मज़ा आने लगा है।
जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो मैं लेट गयी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत के बीच रखा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। उसके बाद उन्होंने मेरे बूब्स को पकड़ कर मसलना शुरु कर दिया और जोर जोर से धक्के लगाते हुए मुझे चोदने लगे। सीमा बड़े ध्यान से धरम का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर आता जाता देख रही थी।
धरम ने सीमा से कहा, “साली जी, कैसा लग रहा है। मैं ठीक से चोद रहा हूँ ना हेमा को?”
वो बोली, “आप बड़े बेशरम हैं।”
सीमा को भी जोश आने लगा था और वो अपनी जाँघों को एक दूसरे पर रगड़ रही थी। धरम ने मेरी चुदाई जारी रखते हुए सीमा से कहा, “साली जी, आप के बूब्स बहुत ही अच्छे लग रहे हैं। मैं हाथ लगा कर देख लूँ?”
वो कुछ नहीं बोली। मैं समझ गयी कि सीमा जोश में है। धरम ने अपना हाथ सीमा के बूब्स पर रख दिया। सीमा के मुँह से एक सिसकरी निकली। उसने धरम को मना नहीं किया और ना ही उसका हाथ हटाने की कोशिश की। धरम की हिम्मत बढ़ गयी और उन्होंने सीमा के बूब्स को मसलना शुरु कर दिया। वो सीमा के बूब्स को मसलते हुए मुझे चोद रहे थे। बीस-पच्चीस मिनट तक चोदने के बाद धरम झड़ गये। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीमा की तरफ़ कर दिया।
मैंने सीमा से कहा, “मैंने तुझसे कहा था ना कि धरम का लंड आठ इंच का है और तू नहीं मानती थी। तूने धरम का लंड अपनी आँखों से देख लिया। अब तो तुझे विश्वास हो गया ना। कैसा लगा धरम का लंड।”
सीमा ने शरमाते हुए कहा, “बहुत ही अच्छा है। लेकिन तू इतना बड़ा लंड कैसे पूरा अंदर ले लेती है। तुझे ज़रा भी तकलीफ नहीं होती?”
मैंने कहा, “शुरु-शुरु में कुछ दिन हुई थी। लेकिन अब ये मेरी चूत में आराम से घुस जाता है और मुझे खूब मज़ा आता है।”
तभी धरम बोले, “साली जी, ध्यान से देख लो मेरा लंड। इतना लंबा और मोटा लंड तुम्हारी बहन पूरा का पूरा अपनी चूत के अंदर ले लेती है।”
वो बोली, “क्या जीजू, आप को शरम नहीं आती कि आप अपना लंड मुझे दिखा रहे हो।”
धरम बोले, “मैं तो केवल दिखा रहा हूँ, कुछ कर थोड़े ही रहा हूँ। अगर तुम कहोगी तो मैं जरूर इसका मज़ा तुम्हें भी दे सकता हूँ।”
सीमा शरमाते हुए बोली, “धत्त!”
धरम का लंड अभी भी सीमा के मुँह के पास था और सीमा चुपचाप धरम के लंड को देख रही थी। उसकी आँखों में भी मस्ती दिख रही थी। थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखें बंद कर ली तो धरम ने अपना लंड हटा लिया। मैंने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ किया और धरम ने मेरी चूत को चाट- चाट कर साफ़ किया। उसके बाद हम सो गये। तीसरे दिन संडे था। सुबह के आठ बजे हम सब उठ गये।
धरम ने सीमा से कहा, “हेमा ने तो तुम्हें बताया होगा कि संडे को क्या होता है।”
सीमा ने शरमाते हुए कहा, “मुझे सब मालूम है। आपको कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है।”
हम सब अभी भी एक दम नंगे ही थे। अब सीमा ज्यादा नहीं शरमाती थी। धरम मेरे ऊपर सिक्स्टी नाईन की पोज़िशन में हो गये। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया और मैंने धरम का लंड चूसना शुरु कर दिया। सीमा चुपचाप देखती रही। उसे भी जोश आ रहा था और जोश के मारे उसकी आँखें गुलाबी सी होने लगी। जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उन्होंने मेरे चूतड़ सीमा के बगल में बेड के किनारे पर रख कर मुझे लिटा दिया और खुद ज़मीन पर मेरी टाँगों के बीच खड़े हो गये। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया और मुझे चोदने लगे। धरम जोर-जोर से धक्के लगा रहे थे।
थोड़ी देर बाद उन्होंने सीमा के बूब्स पर अपना हाथ रखा तो सीमा कुछ नहीं बोली। वो बड़े ध्यान से धरम का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता हुआ देख रही थी। धरम ने सीमा के बूब्स को मसलते हुए मेरी चुदाई ज़ारी रखी। वो जोर-जोर से धक्के लगाते हुए बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहे थे। थोड़ी देर बाद धरम ने अपना हाथ सीमा की जाँघों पर फिराना शुरु कर दिया तो सीमा ने मना नहीं किया। धरम ने उसकी जाँघों को सहलाना शुरु कर दिया। वो भी जोश में आ गयी थी। धरम की स्पीड अब बहुत तेज़ हो गयी थी। उन्होंने सीमा की जाँघों को सहलाते हुए धीरे से अपना हाथ उसकी चूत की तरफ़ बढ़ा दिया। जब सीमा ने फिर भी कुछ नहीं कहा तो धरम ने उसकी चूत को सहलाना शुरु कर दिया।
थोड़ी देर तक सहलाने के बाद सीमा सिसकरियाँ भरने लगी लेकिन उसने धरम को बिल्कुल नहीं रोका। धरम सीमा की चूत को सहलाते हुए मुझे चोद रहे थे। थोड़ी देर बाद जब सीमा की चूत से पानी निकलने लगा तो उसने धरम का हाथ हटा दिया। बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद धरम झड़ गये। मैं भी उनके साथ ही साथ झड़ चुकी थी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीमा के मुँह के पास कर दिया और कहा, “देखो ध्यान से, इस पर हेमा की चूत का और मेरे लंड का पानी लगा हुआ है। कैसा दिख रहा है मेरा लंड। मुँह में लोगी इसे।”
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