RE: Bhabhi Sex Stories कुछ नहीं होगा भाभी !
थोड़ी देर में मेरे हाथ-पैर कड़क हो गए, मैं झड़ गई।
सुशील बोला- भाभी, आप तो बहुत जल्दी झड़ गई?
मैंने कहा- मेरे राजा, मैं झड़ तो गई हूँ पर मेरे प्यास नहीं बुझी है। तुम
तो करते रहो।
मेरी चूत गीली होने से सुशील को और मजा आ गया और वो और जोश से करने लगा
और करीब 5 मिनट के बाद मैं फिर से झड़ गई और इस बार सुशील भी झड़ गया, वो
मेरी चूत में ही झड़ गया, मेरी चूत उसके वीर्य से भर गई।
वो उठा अपना लिंग मेरे मुँह में डाल कर बोला- साफ कर दो भाभी !
और सुनील से बोला- भैया, भाभी को अब तुम संभालो ! काफी हॉट है यार भाभी
तो ! विनोद भाई तो कुछ भी नहीं कर पक़ते होंगे अकेले !
तो मैंने कहा- हाँ सुशील, वो तो मेरी चूत में डालते ही झड़ जाते हैं।
और अब सुनील आ गया मुझे चोदने ! चूँकि सुशील का वीर्य से मेरी फ़ुद्दी
गीली थी तो सुनील का लिंग अंदर बाहर बहुत आराम से हो रहा था। वो बार बार
बाहर निकाल कर मेरे मुँह में अपना लिंग डाल रहा था तो मुझे मेरी चूत के
रस और सुशील के लिंग के रस का स्वाद मिला कर करवा रहा था, काफी अच्छा लग
रहा था। मैं फिर से कड़क होने लगी और झड़ गई।
थोड़ी देर में सुनील भी मेरी चूत में ही झड़ गया और आकर बोला- लो भाभी मजे
से चूस लो हम तीनों के रस का स्वाद !
हम फिर से नहाये और बाहर आ गए। कुछ खाना वगैरह का आर्डर दे दिया क्यूंकि
मैं बहुत थक गई थी !
साथ बैठ कर नाश्ता किया और सुशील बोला- भाभी, मैं घर जाता हूँ ताकि कोई
भी परेशानी न हो, और जरुरत के सामान भी ले आता हूँ।
मैंने कहा- ठीक है, पर सुनील तुम यहीं रहो अब सात दिन ! रोज सुशील चला
जायेगा और जो भी जरुरी सामान है लेकर आ जायेगा। सुनील को कोई परेशानी
नहीं थी तो उसको तो मजा आ गया। फिर हम रोज ऐसे ही मजे करते रहे और कब सात
दिन गुजर गए पता ही नहीं चला।
वैसे मैं सुशील के साथ तो जब चाहूँ सेक्स कर सकती थी पर तीनों को साथ
सेक्स करने का मौका अब जाने कब मिलने वाला था, यह नहीं पता था।
सुनील काफी भरी मन से घर जाने लगा और कहा- भाभी, मैं तुमसे अलग नहीं हो
सकता हूँ ! काश तुम मेरी बीवी होती !
"पर फिर मैं ऐसे ही किसी और से करती तो क्या तुमको बुरा नहीं लगता?"
वो बोला- नहीं भाभी, तुम्हारी यही अदा तो जान लेती है कि तुम दो दो लिंग
के मजे बहुत आराम से लेती हो ! जब मेरी शादी होगी तो मैं अपनी बीवी को
जरुर एक बार सुशील से चुदवाऊँगा। क्यों सुशील चोदोगे न मेरी बीवी को?
सुशील बोला- क्यों नहीं सुनील भाई !
सुनील चला गया, सुशील वहीं था, तब ही विनोद का फ़ोन आया- मैं आज आ रहा
हूँ, दो घंटे में पहुँच जाऊँगा।
मैंने कहा- ठीक है, आओ बहुत याद आ रही है आपकी !
और फोन रख दिया।
सुशील बोला- भाभी, मेरा एक दोस्त है रवि ! बहुत अच्छा है यार ! और उसका
लिंग भी बहुत सुंदर है, हम दोनों ने साथ साथ हस्तमैथुन किया है, मैंने
उसका लिंग देखा है। क्या तुम उसका लिंग देखना चाहोगी? कहो तो अगली बार जब
हम साथ हो तो उसको साथ लेकर आऊँ? वो कहता है कि यार तेरे पास वाली भाभी
क्या लगती है। तुमको बहुत चाहता है।
मैंने कहा- नहीं, मैं क्या रंडी हूँ जो सबसे चुदती रहूँगी ! ऐसी गलती मत करना !
वो बोला- प्लीज भाभी ! मैं उसको तुम्हारे साथ सेक्स के बारे में बता चुका
हूँ ! एक बार करवा लो ना ! बहुत मरता है वो तुम पर !
मैंने कहा- ठीक है, देखेंगे ! पर अब तुम जाओ !
थोड़ी देर में विनोद आ गया !
मैंने उसको आते ही चूमा और कहा- विनोद, मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी !
ऐसा दिखाया कि जैसे मैं बहुत अकेली थी।
वो बहुत खुश हुआ और बोला- कुछ परेशानी तो नहीं हुई ना?
मैंने कहा- नहीं, यह पास का लड़का सुशील काफी अच्छा है, बहुत मदद करता
है, मेरा सब काम कर देता है, और तुम्हारा दोस्त
सुनील, वो रोज आकर पूछता ही है, दोनों के कारण तुम्हारी ज्यादा कमी महसूस नहीं हुई।
वो बोला- चलो अच्छा है, कभी मिलाना मुझे भी सुशील से !
और सुनील को फोन लगा दिया, कहने लगा- यार सुनील, धन्यवाद, तुमने मेरे
पीछे से इसका मन रखा।
सुनील बोला- यह क्या कहने की बात है !
और फिर विनोद और मैं सेक्स करने में लग गए। विनोद ने अपना काम जल्दी पूरा
कर लिया और यह कह कर सो गया- मैं बहुत थक गया हूँ !
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