RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
वसीम साहिब का आइडिया सब को पसंद आया और फिर सब से पहली बारी भी वसीम साहिब की ही थी. वसीम साहिब ने 40 मिनिट तक मेरी खूब शानदार तरीके से चुदाई करी और मैं इस दोरान 4 बरतबा फारिग होई, दोसरा नंबर अस्घर साहिब का था और उन्हो ने मेरी 35 मिनिट तक चुदाई करी और मैं इस दोरान 2 मर्तबा फरीक हुई, तीसरा नंबर शार्फ़ो बाबा का था और उन्हो ने मेरी 50 मिनिट तक मेरी जम कर चुदाई करी और मैं शार्फ़ो बाबा से चुदवाते हुए 6 मर्तबा फारिग हुई, चोथा नंबर तनवीर साहिब था और उन्हो ने मेरी 45 मिनिट तक छुदाई करी और उन्हो ने मेरा 4 मर्तबा पानी निकाला. फिर इस के बाद सब ऐक ऐक कर के आते रहे और मेरी खूब छुदाई करते रहे. मुझे सब से ज़ियादा देर तक शार्फ़ो बाबा के ऐक पठान दोस्त ने चोदा. उसने मुझे पूरे 1 घंटे 20 मिनिट तक तेज़ी के साथ चोदा और चोद चोद कर मेरी चूत और गंद को सूजा दिया. मेरी चुदाई का पहला डोर ख़तम होते होते रात के 12 बज गये. इन लोगो ने मेरी चुदाई सुबह 11 बजे शुरू करी थी यानी मैं ने मुसलसल 13 घंटों तक चुदवाया था. 13 घंटे की चुदाई के बाद मैं बुरी तरहा से थक चुक्की थी. वसीम साहिब ने मेरी बुरी हालत को देखते हुए कहा के अभी सोनिया को आराम करने दिया जाय ताकि ये सुबह तक फ्रेश होजाय और फिर हम सब मिल कर सुबह इस की दोबारा से चुदाई शुरू करेंगे . सब ने वसीम साहिब की बात से इत्तेफ़ाक़ किया. फिर हम सब ने खाना खाया और नंगे ही सोने के लिए लेट गये. सुबह 9 बजे तक हम सब उठ गये फिर नाश्ता करने के बाद मेरी चुदाई का दोसरा दोर शुरू हुआ. अब के बार वो लोग 2, 2 के ग्रूप मे मेरी चुदाइ करने लगे. वसीम साहिब ने कहा था के हर ग्रूप 1 घंटे तक सोनिया को चोदे गा. फिर मेरी चुदाई का दोसरा दोर ख़तम हुआ तो शाम के 5 बजने वाले थे. फिर हम सब ने खाना खा के थोड़ा आराम किया. और फिर शाम के 7 बजे मेरी चुदाई का तीसरा दोर शुरू होवा अब की बार वो लोग 3, 3 के ग्रूप मे मुझे चोद रहे थे. मेरी चुदाई का तीसरा दोर रात के 12 बजे ख़तम होना था मगर उन लोगो ने ये दोर 2 मर्तबा चलाया और उन लोगो ने मुझे सुबह 5 बजे तक मुसलसल खूब जम कर चोदा. फिर हम सब सोने के लिए लेट गये. फिर अम्मी और अब्बू वापिस ना आगाये वो लोग मुझे इसी तरहा चोदते रहे. अब्बू और अम्मी गये तो 2 या 3 दिन के लिए थे मगर वो लोग पूरे 10 दिन के बाद आए और पूरे 10 दिनो तक मैं इन 14 आदमियों से चुदवाती रही. अम्मी अब्बू के आने के बाद वसीम साहिब 2 वीक और हमारे घर मे रहे और इन 2 वीक के दोरान भी मेरी चुदाई का सिलसला जारी रहा. दिन मे वसीम साहिब अम्मी और अब्बू से कोई ना कोई बहाना कर के मुझे अस्घर साहिब के फ्लॅट मे ले आते जहा मैं वसीम साहिब और अस्घर साहिब से चुदवाती. कभी कभी अस्घर साहिब के दोस्त भी आजाते और वो भी मुझे वसीम साहिब और अस्घर साहिब के साथ मिल कर मुझे चोदते. रात मे तो वसीम साहिब और शार्फ़ो बाबा की हकूमत थी और पूरी रात वसीम साहिब और शार्फ़ो बाबा मुझे चोदते. अब जब के वसीम साहिब वापिस लाहोर जा चूक्के हैं तो अब मुझे सिर्फ़ शार्फ़ो बाबा चोदते हैं. कभी मोका मिलता हैं तो कभी शार्फ़ो बाबा अपने दोस्तो को बुला लेते हैं या फिर मैं अस्घर साहिब के फ्लॅट चली जाती हूँ और खूब चुदवाती हूँ. 1 वीक बाद मेरी छुट्टिया ख़तम होरहै हैं और मैं वापिस पढ़ने के लिए लाहोर जा रही हूँ मगर अब मैं यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टिल मे नही रहूंगी. लाहोर मैं मेरा वसीम साहिब इंतेज़ार कर रहे हैं और उन्हो ने मेरे लिए ऐक फ्लॅट का इन्तिजाम किया हैं जहा मुझे रहना हैं क्यूँ के अब वो अपने दोस्तो से भी मुझे चुदवाना चाहते हैं. अब मैं लाहोर जाने के लिए और वसीम साहिब के दोस्तो से चुदवाने के लिए बेकरार हून. मुझे लाहोर मे मुझे कोन कोन चोद्ता है और किस किस तरहा मेरी चुदाई होती है ये मैं आप लोगो को बाद मे बताउन्गि जब तक के लिए इजाज़त. बाइ आप लोगों को सोनिया की ये सेक्सी लाइफ की ये स्टोरी केसी लगी मुझे ज़रूर बताईएगा आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त..............
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