RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
वसीम साहिब ज़ोर से हँसे और बोले, ये तो होना ही था लोड्े की नीचे आकर कों बच पाया है वैसे आप फिकर ना करे सोनिया के बारे मे, आप इस से पूछे के मैं अब तक इस को किस किस तरहा चोद चुक्का हूँ वैसे ये तो बताए के आप कमरे मे आए क्यूँ थे. वसीम साहिब की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा ने अपने माथे पर हाथ मारा और बोले, लो मैं चुदाई के चक्कर मे भूल ही गया के आप को साहिब ने बोलाया था. शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर वसीम साहिब बोले, अछा मैं तुम्हारे साहिब से मिल कर आता हूँ जब तक आप यही रहिए गा क्यूँ मैं चाहता हूँ के आज रात सोनिया की चुदाई मे आप मेरा साथ दे. वसीम साहिब की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा ने खुश होकर सर हिला दिया. फिर वसीम साहिब तो कपड़े पहन कर कमरे से चले गे जब के शार्फ़ो बाबा मेरे पास आकर बैठ गये. उन्हो ने मेरी चूत को देखा जो सूजी हुई थी और वो बोले, सोनिया बेटी क्या बोहत दर्द होरहा है. मैं शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर मुस्करा दी और बोली, नही बाबा दर्द केसा मुझे तो आप की चुदाई से बोहत माज़ा आया है. शार्फ़ो बाबा बोले, बेटी मुझे अभी तक यही फील होरहा है के मैं ने तुम्हारे साथ ग़लत किया है और मैं ने तो तुम्हे अपनी गौद मे खिलाया है और फिर तुम्हारी और मेरी उमर मे कितना फ़र्क़ है. शार्फ़ो बाबा की बार सुनकर उठ कर बैठ गई और बोली, उमर से किया फ़र्क़ पड़ता है बाबा बस आदमी का लंड मज़बूत होना चाहिए और आप का लंड तो किसी जवान आदमी से भी ज़ियादा मज़बूत है और रही बात गौद मे खिलाने की तो आप ये समझे के आप मुझे चोद कर अपना हक़ वसूल कर रहे हैं मुझे पालने पोसने का हक़ और अब आप ज़ियादा ना सोचिए और अब मैं आप को ये बताती हूँ के वसीम साहिब ने मुझे किस किस तरहा और किस किस से चुदवाया है. फिर मैं ने शार्फ़ो बाबा को ट्रेन मे अपने रेप से लेकर अस्घर साहिब के घर मे होने वाली अपनी ज़बरदस्त चुदाई तक सब कुछ बता दिया. मेरी चुदाई की ज़बरदस्त दास्तान सुनकर शार्फ़ो बाबा का लंड फुल खड़ा होगया और झटके खाने लगा. शार्फ़ो बाबा ने कहा गैर लोगो के यार दोस्त तुम्हे चोद रहे हैं और यहा मैं अब तक सिर्फ़ हाथ पर ही गुज़ारा कर रहा था. शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर मैं हंस पड़ी और बोली, शार्फ़ो बाबा अब आप को कभी मूठ नही मारनी पड़े गी आप का जब दिल चाहे मुझे चोद लीजिए गा मैं आप को कभी भी मना नही करूँगी. अगर बाहर के लोगो से मैं चुदवा सकती हूँ तो आप का हक़ तो सब से ज़ियादा है आप तो इस हक़ पर मुझे पकड़ पकड़ कर चोद सकते हैं. शार्फ़ो बाबा अपना लंड मसलते हुए बोले, फिर मुझे मेरा हक़ दो मेरा लंड फुल मस्ती मे है. मैं मुस्कराई और बोली, मैं अभी इसकी सारी मस्ती निकाल देती हूँ. ये कह कर मैं झुकी और मैं ने अपने मुँह मे शार्फ़ो बाबा का लंड ले लिया और वो चुसाइ लगाई के शार्फ़ो बाबा ने 20 मिनिट बाद ही मेरे मुँह मे फाइयर कर दिया. मैं माज़े से उनके लंड से निकलने वाली मनी पी गई. मैं ने अछी तरहा से चाट चाट कर शार्फ़ो बाबा का लंड सॉफ किया और फिर दोबारा उसे मुँह मे लेकर चूसने लगी. 5 मिनिट बाद ही उनका लंड साँप की तरहा फनकारियाँ मारने लगा. मैं ने उनका लंड मुँह से निकाला और लेटते हो बोली, शार्फ़ो बाबा आओ और मुझे चोद कर अपना हक़ वसूल कर लो. शार्फ़ो बाबा ने मेरी टाँगे उठा कर अपने कंधों पर रखी और अपना लंड मेरी चूत पर मसलने लगे. फिर इस से पहले शार्फ़ो बाबा अपना लंड मेरी चूत मे घुसाते के कमरे का दरवाज़ा खुला और वाहा वसीम साहिब खड़े नज़र आए. वो मुस्कराते हुए कमरे आए और दरवाज़ा लॉक करते हुए बोले, वाह शार्फ़ो बाबा अकेले अकेले ही माज़े हो रहे हैं. शार्फ़ो बाबा हँसे और बोले, वसीम साहिब आप को किस ने माना किया है आप तो मेहमान हैं और मेहमान का हक़ ज़ियादा होता है. ये कह कर शार्फ़ो बाबा हटने लगे तो वसीम साहिब ने उन्हे रोकते हुए कहा, अरे आप क्यूँ हट रहे हैं आज तो पूरी रात हम दोनो मिल कर सोनिया की चुदाई करेंगे . फिर शार्फ़ो बाबा ने अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया और फिर वो इसी तरहा मुझे गौद मे उठा कर खड़े होगये. फिर पीछे से आकर वसीम साहिब ने अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया और उसके बाद दोनो ने खूब ज़ोर-ओ-शोर से झटके मार कर मुझे चोदना शुरू कर दिया और मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ कमरे मे गूंजने लगी. दोनो ने मेरी सुबह 5 बजे तक खूब छुदाई करी फिर शार्फ़ो बाबा तो कमरे से चले गये जब के मैं वसीम साहिब से लिपट कर सो गई
क्रमशः........................
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