RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
अंदर का मंज़र देख कर वो हेरान रह गये जब के वसीम साहिब घबरा कर मेरे उपर से उतर गये और मैं भी घबरा गई थी. शार्फ़ो बाबा धोती और कुर्ते मे थे और मैं ने उनकी धोती मे होने वाली हलचल सॉफ महसूस कर ली. शार्फ़ो बाबा पहले तो हेरान हुए फिर हम दोनो को उन्हो ने घबराया हुआ देखा तो उन्हे गुस्सा आगेया और वो गुस्से से बोले, यहा ये क्या होरहा है क्या मैं अभी जाकर साहिब को बताऊ आप लोगो की हरकत के बारे मे. मैं ने सॉफ महसूस किया के शार्फ़ो बाबा के गुस्से मे कड़क पन नही है और उनकी नज़रे मेरे खूबसूरत और सेक्सी जिस्म पर जेसे अटक सी गई थी. वसीम साहिब जो पहले घबरा गये थे अब संभाल कर बोले, तुम यहा क्या कर रहे हो ये मेरा और सोनिया का आपस का मामला है. शार्फ़ो बाबा गुस्से से बोले, ठीक है मैं ये आप दोनो का मामला साहिब को बता देता हूँ फिर वो खुद ही निपट लेंगे . शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर तो मेरी रूह ही फ़ना होगई जब के वसीम साहिब बोले, तुम नमार्द हो जब ही जाकर ये बात जब्बार को बताओ गे अगर तुम मर्द होते तो अभी आकर सोनिया को चोद देते. नमार्द की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा को गुस्सा आगेया और वो बोले, वसीम साहिब मैं नमार्द नही हूँ मगर मैं सही और ग़लत की पहचान रखता हूँ सोनिया को मैं ने बेटी की तरहा पाला है तो मैं सोनिया के साथ ऐसा केसे कर सकता हूँ. वसीम साहिब हँसे और बोले, ये सब बहाने हैं अपनी नमार्दी छुपाने के लिए और सोनिया तुम्हारी बेटी तो नही है ना अगर तुम मर्द हो तो सोनिया को चोद कर दिखाओ जेसे मैं चोद रहा था और सोनिया मेरी बेटी की उमर की है मैं ने तो ये नही सोचा जो ठीक लगा वो किया. शार्फ़ो बाबा बोले, वसीम साहिब आप मुझे भटका रहे हैं. वसीम साहिब ने कहा, मैं भटका नही रहा हूँ बलके तुम्हारी असलियत बता रहा हूँ के तुम नमार्द हो. वसीम साहिब की बातों से मैं ने अंदाज़ा लगा लिया था के वो क्या करना चाहते हैं और इसी लिए अब मैं भी डर की केफियत से बाहर आगाई थी. शार्फ़ो बाबा ने कहा, आप चाहे जो कहे पर मेरा और सोनिया बेटी का रिश्ता नाजायज़ होगा. वसीम साहिब हँसे और बोले, कुछ देर का रिश्ता नाजायज़ नही होता अगर तुम मर्द हो तो सोनिया को चोदो वरना यहा से चले जाओ. ये कह कर वसीम साहिब ने डोगी स्टाइल मे होने को कहा तो मैं डोगी पोज़िशन मे आगई. वसीम साहिब ने मेरे पीछे से आकर अपना लंड मेरी चूत मे घुस्साया और ऐक ज़ोरदार झटका मारा. वसीम साहिब का झटका बोहत ज़ोरदार था और मेरे हलक़ से बे इकतियार तेज़ सिसकारी निकल गई. मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारी ने शार्फ़ो बाबा को बेचैन कर दिया और उनकी धोती कुछ और तन गई. वसीम साहिब ने ऐक तेज़ झटका और मारा और मुस्कराते हो शार्फ़ो बाबा से बोले, देखो मर्द ऐसे चोदते हैं मगर तुम जेसे नमार्द ऐसा नही कर सकते. अब वसीम साहिब के ताने शार्फ़ो बाबा की बर्दाश्त से बाहर होगये थे और उन्हो ने ऐक दम से अपनी धोती खोल कर फीँक दी और उनका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड ऐक झटके से पूरा का पूरा खड़ा होगया. शार्फ़ो बाबा बोले, बस बोहत होगया अब मैं बेज़्जती बर्दाश्त नही कर सकता आज मैं साबित कर दूँगा के मैं नमार्द नही हूँ और तुम से अछी तरहा सोनिया को चोद कर दिखाउन्गा. ये कह कर शार्फ़ो बाबा करीब आगाये तो वसीम साहिब ने मुस्कराते हो मुझे चोदना बंद कर दिया और मुझ से अलग होगये. गुस्से की वजा से शार्फ़ो बाबा का चेहरा लाल होरहा था और उन्हो ने बेदर्दी के साथ ऐक ही झटके मे अपना लंड मेरी चूत मे घुस्सा दिया. शार्फ़ो बाबा का झटका बोहत ही ज़ोरदार था और मैं ये झटका बर्दाश्त नही कर पाई और मैं चीखती हुई गिर पड़ी. शार्फ़ो बाबा ने मुझे दोबारा चारों हाथ पेरो पर खड़ा किया और पहले से भी ज़ियादा ज़ोरदार झटका मारा. शार्फ़ो बाबा के झटके के ज़ोर से मैं फिर चीखी और गिर पड़ी. अब के शार्फ़ो बाबा ने मुझे उठाया नही बलके वो कुछ और मेरे उपर झुक आए और खूब तेज़ी के साथ झटके मार कर मुझे चोदने लगे. शार्फ़ो बाबा का लंड पत्थर की तरहा ठोस और सख़्त था. मुझे दर्द तो बोहत होरहा था मगर उस से भी ज़ियादा माज़ा आरहा था. मैं बुरी तरहा से चीख रही थी सिसक रही थी और शार्फ़ो बाबा खूब तेज़ी के साथ मेरी चुदाइ कर रहे थे. वसीम साहिब ऐक तरफ खड़े अपनी कामयाबी पर मुस्करा रहे थे. शार्फ़ो बाबा ने 15 मिनिट तक मेरी चूत को फाडा फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गंद मे घुसा दिया और खूब तेज़ी के साथ झटके मारते हुए मेरी गंद मारने लगे. फिर शार्फ़ो बाबा ने 20 मिनिट तक मेरी गंद और फिर वो अपने लंड की मनी मेरी गंद मैं छोड़ कर फारिग होगये. 35 मिनिट की चुदाइ ने ही मेरे जिस्म का जोड़ जोड़ दुखा दिया था और मैं नीचे लेट कर लंबे लंबे सांस लेने लगी. शार्फ़ो बाबा उठ कर खड़े होगये और वसीम साहिब से बोले, अब बताओ मैं मर्द हूँ या नमार्द? वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, शार्फ़ो बाबा आप पूरे मर्द हैं बलके ऐक मज़बूत मर्द हैं मैं तो पहले ही जानता था मगर मैं तो आप को नमार्द बोल कर जोश दिला रहा था. वसीम साहिब की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा चोन्के और बोले, क्या मतलब है आप का? वसीम साहिब मुसकराए और बोले, मतलब ये के मैं चाहता था के आप गुस्से मे आकर सोनिया को चोद दे. शार्फ़ो बाबा को अब भी बात समझ नही आई और वो बोले, मगर आप ऐसा क्यूँ चाहते थे? वसीम साहिब ने कहा वो इस लिए के आप मेरे और सोनिया के बारे मैं अपने साहिब को ना बता सकैं और मैं खूब माज़े से सोनिया की चुदाई कर सकू. ये कह कर वसीम साहिब मुस्कराने लगे. अब शार्फ़ो बाबा भी मुस्कराए और बोले, यानी आप ने मुझे जोश दिला कर अपने आप को सेव किया है. वसीम साहिब शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर हँसे और बोले, तो किया मैं ने ग़लत किया है. शार्फ़ो बाबा ने ऐक नज़र मुझे देखा और फिर वसीम साहिब से बोले, मगर वसीम साहिब बिचारी सोनिया बेटी का हशर नशर होगया है.
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