RE: Incest Sex Kahani प्यार का रिश्ता
मेरी हर पिचकार्री पर शिवानी''' ' आआआआअ मेरी चूत की जानम जनाममम की प्याअसस्स्स्सस्स बुझ गेयीयियैयियीयियी आआआआआआ आआआआआआ और कितने बार निकलोगे... ......... ......... और लंड शिवानी की चूत मे ही डाले उस पर ढेर हो गया ..... हम दोनो की साँसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी.... और एसी चलने के बावजूद हम दोनो पसीने मे तरबतर थे........
मैने लंड पूरा ढीला होने पर बाहर निकाला.... कमरे मे प्र्याप्त लाइट जल रही थी..... मैने जब शिवानी की चूत की हालत देखी तो वो सूज गई थी..... और उस पर और गुलाब की पंखुड़िया मसलकर अलग हो गई थी सो चादर पर हमारे दोनो के छोड़े चुदाई रस और शिवानी के खून के दब्बे थे... कमरे का पुख़्ता इंतज़ाम किया गया था...मुझे कपड़ा पलंग के सिरहाने टंगा दिखा मैने शिवानी की चूत सॉफ करनी चाही जैसे ही हाथ लगाया तो शिवानी कराह उठी..." नैइ मेरे राजा.... बहुत दुखती हाई... मुझे बाथरूम हो आने दो......" शिवानी ने उठना चाहा पर वो दर्द के मारे उठ ना सकी....... मैं उसे सहारा देकर बाथरूम मे ले गया वो पेशाब कर के आई और कह रही थी "पेशाब करने मे बहुत दर्द हुआ और फिर धोने मे भी......... . "
मैने कहा "यहा आओ अभी प्पूरा दर्द गायब हो जाएगा...... लेटो तो ज़रा" उसे लिटाकर उसकी चूत पर मैने क्रीम लगाई क्रीम का इंतज़ाम भी मेरी वाइफ ने किया था तभी मेरी नज़र साइड टेबल पर रखी मिठाई पर पड़ी मैने ट्रे उठी उस्मै आधा सेर के लग भग राबड़ी और कुछ मिठाई थी... मैने और शिवानी ने मिठाई और रबरी खाई और वही पर चाँदी के बार्क लगे पान रखे थे उन्मै वाइटॅलिटी के लिए भरपूर मसाला डाला गया था वो पान खाए..... और पलंग से सिरहाने से टिक कर मैं बैठ गया और शिवानी को अपनी गोदी मे खींच लिया मेरा और शिवानी का नंगा बदन एक दूसरे से चिपका हुआ था..... थोड़ी देर बाद मुझे भी शिवानी के नाखूनो का दर्द सा महसूस हुआ पर मेरा लंड अब दुबारा हरकत मे आने लगा था.. मैने शिवानी से कहा....
" शिवानी तुमने अब तक कोई भी बॉय फ्रेंड नही बनाया...... ना ही तुमने कोई ऐसी अंतरंग सहेली जो तुम्हे सेक्स के बारे मे बता सके...मुझे तो लगता है तुमने कभी ब्लू फिल्म भी नही देखी होगी"मैं बात करते हुए शिवानी के मम्मे और चूत के उपेर का हिस्सा भी सहला रहा था...
" क्या तुम ब्लूफिल्म देखना चाहोगी" मैने शिवानी से कहा...
उसने अपनी सहमति दे दी
मैने डीवीडी ऑन कर दिया हम पिक्चर भी देख रहे थे और बात भी कर रहे थे
" हा डीवीडी... मुझे तुम्हे देखने के पहले कोई इंटरेस्ट नही था.... पर जब पहली बार तुमको देखा तो उसी होटेल मे मेरी एक सहेली की एंगेज्मेंट हो रही थी.... तुम्हे देखते ही मेरी पॅंटी गीली हो गई और मेरी वो फड़कने लगी....." वो अभी भी खुल कर लंड और चूत नही बोल रही थी
" क्या फड़कने लगी थी" मैने पोछा
"अरे यह......" उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया....
इसका कुछ नाम है.... मैने कहा
हा मेरी पुसी.... चूत....... ..
"फिर क्या हुआ..."
मैं बाथरूम गई और चड्डी उतारकर उसपर हाथ फेरा तो अछा लगा कुछ देर हाथ फेरती रही तो मेरी पेशाब निकल गई और मैं अपने आप को फ्रेश महसूस करने लगी......"
|