RE: Hindi Sex Stories दोस्त का परिवार
दोनो हाथों से चूंचियो को पकड़ कर मसल्ते हुए बोला, “नखरे क्यों दिखाती है? खुदा ने हुस्न दिया है क्या मार ही डालॉगी, आरे हमे नही दोगी तो क्या आचार डालॉगी? चल आजा और प्यार से अपनी मस्त जवानी का का मज़ा लेते हैं.”
कहते हुए उसके ब्लाउस को खींच कर खोल दिया. फिर एक हाथ को नीचे ले जाकर उसके पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और उसकी चिकनी चिकनी जाँघो को सहलाने लगा. धीरे धीरे हाथ उसकी चूत पर ले गया. पर वो तो दोनो जांघों को कस कर दबाई हुए थी. मैं उसकी चूत को उपर से कस कस कर मसल्ने लगा और उंगली को किसी तरह चूत के अंदर डाल दिया.
उंगली अंदर होते ही वो कस कर छटपताई और बाहर निकालने के लिए कमर हिलाने लगी. इससे उसका पेटिकोट उपर उठ गया. मैने कमर पीछे कर के अपने लंड को नंगे चूतर की दरार मे लगा दिया. क्या फूले फूले चूतर थे. अपना दूसरा हाथ भी उसकी चूंची पर से हटा कर उसके चूतर को पकड़ लिया और अपना लंड से उसकी गंद की दरार मे रख कर उसकी चूत को मैं उंगली से चोद्ते हुए गंद की दरार मे लंड थोड़ा थोड़ा धंसा रहा था. कुछ ही देर मे वो ढीली पड़ गयी और जांघों को ढीला कर के कमर हिला हिला कर आगे और पीछे की चुदाई का मज़ा लेने लगी.
“क्यों रानी मज़ा आ रहा है?” मैने धक्का लगाते हुए पूछा. “हाँ भैयाँ मज़ा आ रहा. है” उसने जंघे फैला दी जिससे कि मेरी उंगली आसानी से अंदर-बाहर होने लगी. फिर उसने अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी मोटाई को नाप कर बोली, “हाई इतना मोटा लंड. चलो मुझे सीधा होने दो,” कहते हुए वो चित लेट गयी.
अब हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे. मैने अपनी टांग उसकी टांग पर चढ़ा ली और लंड को उसकी जाँघ पर रगड़ते हुए चूंचीओ को चूसने लगा. पत्थर जैसी सख़्त थी उसकी चूंची. एक हाथ से उसकी चूंची मसल रहा था और दूसरे हाथ की उंगली से उसकी चूत चोद रहा था. वो भी लगातार मेरे लंड को पकड़ कर अपनी जांघों पर घिस रही थी. जब हम दोनो पूरे जोश मे आगये तब सुमन बोली, “अब मत तद्पाओ भैया चोद दो मुझे अब.”मैने झटपट उसकी सारी और पेटिकोट को कमर से उपर उठा कर उसकी चूत को पूरा नंगा कर दिया.
वो बोली, “पहले मेरे सारे कपड़े तो उतारो.” मैं बोला, “नही तुझे आध नंगी देख कर जोश और डबल हो गया है, इसलिए पहली चुदाई तो कपड़ो के साथ होगी.” फिर मैने उसकी टाँगे अपनी कंधों पर रखी और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर रख लिया और बोले, “आओ , शुरू हो जाओ.” मैने कमर आगे कर के ज़ोर दार धक्का दिया और मेरा आधा लंड दनदनाता हुआ उसकी चूत मे धँस गया.
वो चिल्ला उठी. “आहिस्ते भैया आहिस्ते दर्द हो रहा हैं और उसने अपनी चूत को सिकोड लिया जिस से मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया. मैने उसकी सख़्त चूंची को पकड़ कर मसलते हुए फिर अपना लंड उसकी चूत पर रख कर एक और शॉट लगाया तो मेरा सूपड़ा उसकी चूत मैं घुस गया कुछ देर तक मैने कुच्छ हरकत नहीं की और उसके होटो को अपने होटो में लेकर चूसने लगा. उसकी आँखों से अब भी आँसू निकल रहे थे थोड़ी देर बाद वो थोड़ा शांत हुई और अब मैने दूसरा शॉट लगाया तो मेरा बचा हुआ लॉरा भी जड़ तक उसकी चूत मे धँस गया.
मारे दर्द के उसकी चीख निकल गयी और बोली, “बरा जालिम है तुम्हारा लॉरा. किसी कुँवारी छोकरी को इसतरह चोदोगे तो वो मर जाएगी. संभाल कर चोदना.”मैं उसकी चूंचियो को पकड़ कर मसल्ते हुए धीरे-धीरे लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगा. चूत तो इसकी भी टाइट थी
में उसकी चूत को पहले आराम से चोद्ता रहा जब मेरा लंड उसकी चूत में आराम से आने जाने लगा तो में उसे बहुत ज़ोर से चोदने लगा, मेने उसको आधे घंटे तक चोदा ... और फिर उसकी चूत में अपना वीर्य भर दिया इस बीच वो 3 बार झारी .... झरने के बाद मैं उसके उपर ही ढेर होगया .... फिर तो मैने पुर एक महीने तक मा बुआ और सुमन की खूब चुदाई की
छुट्टी ख़तम होने को थी इसलिए मुझे शहर वापिस आना पड़ा लेकिन जब भी ये लोग शहर आते है हमारी राते रंगीन होती रहती है तो दोस्तो कैसी लगी ये मस्त कहानी आपका दोस्त राज शर्मा
दा एंड ....
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