RE: Hindi Sex Stories दोस्त का परिवार
ढक्कन खोल कर ढेर सारा वस्सलिन अपने हाथो मे ले लिया और मेरे लौरे की मालीश करने लगी. अब मेरा लॉरा रोशनी मे चमकने लगा. फिर मुझे डिब्बी दे डी और बोली, “अब मैं झुकती हूँ और तुम मेरे गंद मे ठीकसे वस्सेलीन लगा दो. और वो पलंग पर पेट के बल लेट गयी और अपने घुटनो के बल होकर अपने चूतर हवा मे उठा दिए. देखने लायक नज़ारा था. भुआ के गोल मटोल चूतर मेरी आँखों के सामने लहरा रहे थे. मुझसे रहा नही गया और झुक कर चूतर को मुँह मे भर कर कस कर काट लिया. भुवा की चीख निकल गयी.
फिर मैने ढेर सारा वसल्लिन लेकर उनकी गांद की दरार मे लगा दिया. भुवा बोली, “आरे मेरे भोले सैयाँ, उपर से लगाने से नही होगा. उंगली से लेकर अंदर भी लगाओ और अपनी उंगली पेल पेल कर पहले गांद के छेद को ढीला करो.”
मैने अपनी बीच वाली उंगली पर वसल्लिन लगा कर उनकी गंद मे घुसाने की कोशिश की. पहली बार जब नही घुसी तो दूसरे हाथ से छेद फैला कर दोबारा कोशिश की तो मेरा उंगली थोड़ी सी उंगली घुस गयी. मैने थोड़ा बाहर निकाल कर फिर झटका दे कर डाला तो घापक से पूरी उंगली धँस गयी. भुवा ने एकदम से अपने चूतर सिकोर लिए जिससे की उंगली फिर बाहर निकल गयी.
भुवा बोली “इसी तरह उंगली अंदर-बाहर करते रहो कुछ देर तक. मैं उनके कहे मुताबिक उंगली जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा. मुझे इसमे बड़ा मज़ा आ रहा था. वो भी कमर हिला-हिला कर मज़ा ले रही थी. कुछ देर बाद भुवा बोली, “चलो राजा आ जाओ मोर्चे पर और मारो गंद अपनी भुवा की.” मैं उठ कर घुटने का बल बैठ गया और लंड को पकड़ कर भुवा की गंद के छेद पर रख दिया.
भुवा ने थोड़ा पीछे होकर लंड को निशाने पर रखा. फिर मैने उनकी चूतर को दोनो हाथों से पकड़ कर धक्का लगाया. भुवा की गंद का छेद बहुत टाइट था. मैं बोला, “भुवा मेरा लंड आप की गन्ड में नही घुस रहा है.” भुवा ने तब अपने दोनो हाथों अपने चूतर को खींच कर गंद का छेद को फैला दिया और दोबारा ज़ोर लगाने को कहा. इसबार मैने थोड़ा और ज़ोर लगाया और मेरा सुपरा उनकी गंद के छेद मे चला गया. भुवा की कसी गंद ने मेरे सुपरे को जाकड़ लिया.
मुझे बरा मज़ा आया. मैने दोबारा धक्का दिया तो उनकी गंद को चीरता हुआ मेरा आधा लंड भुवा की गंद मे दाखिल हो गया. भुवा ज़ोर से चीख उठी, “उईइ मा, दुख़्ता है मेरे राजा.” पर मैने उनकी चीख पर कोई ध्यान नही दिया और लंड थोड़ा पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगाया. मेरा 9” का लॉरा उनकी गंद को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर दाखिल हो गया. भुवा फिर चीख उठी.
वो बार बार अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी. मैने आगे को झुक कर उनकी चूंची को पकड़ लिया और उन्हे सहलाने लगा. लंड अभी भी पूरा का पूरा उनकी गंद के अंदर था. कुछ देर बाद भुवा की गंद मे लंड डाले डाले उनकी चूंची को सहलाता रहा.
जब भुवा कुछ नॉर्मल हुई तो अपने चूतर हिला कर बोले, “चलो राजा अब ठीक है.” उनका सिग्नल पाकर मैने दोबारा सीधे होकर उनकी चूतर पकड़ कर धीरे-धीरे कमर हिला कर लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. भुवा की गंद बहुत ही टाइट थी.
इसे चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था. अब भुवा भी अपना दर्द भूल कर सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगी. उन्होने अपनी एक उंगली अपनी चूत मे डाल कर कमर हिलाना शुरू कर दिया. भुवा की मस्ती देख कर मैं भी जोश मे आ गया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. मेरा लंड अब पूरी तेज़ी से उनकी गंद मे अंदर-बाहर हो रहा था. भुवा भी पूरी तेज़ी से कमर आगे पीछे करके मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. लंड ऐसे अंदर-बाहर हो रहा था मानो एंजिन का पिस्टन.
पूरे कमरे मे चुदाई का ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थी. जब भुवा के थिरकते हुए चूतर से मेरी जंघे टकराती थी तो लगता कोई तबलची तबले पर ठप दे रहा हो. भुवा पूरे जोश मे पूरी तेज़ी से चूत मे उंगली अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर रही थी. हम दोनो ही पसीने पसीने हो गये थे पर कोई भी रुकने का नाम नही ले रहा था. भुवा मुझे बार बार ललकार रही थी, “चोद लो मेरे राजा चोद लो अपनी भुवा की गंद. आज फाड़ डालो इससे. शाबाश मेरे शेर, और ज़ोर से राज्ज्जा और ज़ोर से.
फाड़ डाली तुमने मेरी तो.” मैं भी हुमच हुमच कर शॉट लगा रहा था. पूरा का पूरा लंड बाहर खीच कर झटके से अंदर डालता तो उनकी चीख निकल जाती. मेरा लावा अब निकलने वाला था. उधेर भुवा भी उंगली से चूत को चोद चोद कर अपनी मंज़िल के पास थी. तभी मैने एक झटके से लंड निकाला और उनकी चूत मे जड़ तक धंसा दिया. भुवा इसके लिए तैय्यार नही थी, इसलिए उनकी उंगली भी चूत मे ही रहा गयी थी जिससे उनकी चूत टाइट लग रही था. मैं भुवा के बदन को पूरी तरह अपनी बाहों मे समेट कर दनादन शॉट लगाने लगा.
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