RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
फस गयी रिंकी -2
रिंकी और मेरे बीच जो पिछली रात को हुआ उस से हम दोनो बोहत खुश थे, अगले दिन जब मैं उठा तो मैं एक अलग ही इंसान था मेरे व्यकित्व मैं परिवर्तन हो चुका था, आप कह सकते हैं की मैं मर्द बन चुका था –सच है पर बदलाव की इस लहर ने मुझे उस से कुछ ज़्यादा दिया था.मेरे अंदर की आग और ज़्यादा भड़क गयी थी.अब मैं और रिंकी दोनो ही सेक्स करते समय बोहत आक्रामक हो जाते थे.
जल्द ही यह मेरा रुटीन बन गया गया था की मैं रात को उसकी छत पर या उसके रूम मैं जाकर उसे चोद्ता था. हमारा चुदाई का टाइम भी अब बढ़ कर 15-20 मिनिट तक हो गया था लंड गहराई तक उसकी चूत मैं उतर जाता था. और उसका दाना भी बीच मैं दबा रहता था. यह बोहत ही थका देने वाला पर बेहद ही मज़ेदार गेम है. हमने अलग – अलग पोज़िशन्स मैं सेक्स का मज़ा लेना शुरू कर दिया था. मेरी पसंदीदा सेक्स पोज़िशन ‘बैल ऑन दा ट्री थे’[ इस पोज़िशन मैं लड़का अपने पैरो पर खड़ा होता है , लड़की उस पर ऐसे लिपटी होती है की उसके पैरे लड़के की कमर से लिपटे रहते हैं. उसकी चूत लॅंड खा रही होती है, लड़का – लड़की की कमर को हाथो से पकड़ कर उसे सहारा देता है और उसके चूचे या होंठ चूसेता है, धक्के आग्गे से पीछे की तरफ लगाने की बजाए , नीचे से उपेर की तरफ़ लगते है,-- इसे लिए इसे बैल ऑन दा ट्री कहते हैं] जब मैं रिंकी को इस तरह से चोद्ता था तो बोहत ही मज़ा आता था, मैं झटका दे कर उसे अपने लंड से उपेर की तरफ उछालता था और फिर वो अपने वज़न और ग्रॅविटी के कारण नीचे आती थी. इससे मेरा पूरालंड रिंकी की चूत
जड़ तक टक्कर मारता था
रिंकी की फॅवुरेट पोज़िशन लेडी ऑन टॉप है. इस मैं वो मेरे उपर होती हैं सारा काम लड़की को करना होता है लड़का सिर्फ़ अपने लंड को खड़ा रख के नीचे लेटा रहता है. यह रिंकी को इस लिए पसंद थी की उसे अपनी मर्ज़ी से धक्के मारने को मिलते थे स्पीड भी वो ही कंट्रोल करती थी , इसलिए वो अपने हिसाब से मज़ा ले सकती थी.
पर जैसा की होता है धीरे धीरे यह जो एक्सट्रा फ्लेवर वाला सेक्स है यह कम होने लगता है ओर सेक्स मैं मज़ा तो आता है पर यह रुटीन की तरह लगने लगता है,
इसलिए मैने तय किया की मैं उसके साथ अनुअल सेक्स क्यो ना ट्राइ करू. लड़को के लिए यह हमेशा ही एक आकर्षण का ब्न्दू होती है. कारण यह की जब हम किसी भी लड़की पर नज़र डालते हैं तो हम उसकी चूत नही देख रहे होते – जो चीज़ लड़को को आकर्षित करते हैं वो उसके हूथ , उसके बूब्स और उसकी गान्ड होती है- जी हाँ उसकी गान्ड . किसी भी लड़की की बॅक की फिगर बिना उभरी हुई गान्ड के पूरी नही होती .
हालाकी रिंकी की गान्ड कोई खास बड़ी नही है , वो गोरी तो है पर उसमे उभार की कमी है जो की मुझे आकर्षित करता है. मैं तो फूली हुई चीज़ें ही पसंद करता हूँ.मेरे लिए उभरी हुई छाती , फूली हुई चूत और भरी हुई गान्ड ही पर्फेक्ट लड़की की पहचान हैं .
पर क्यो की इस वक्त मैं रिंकी से लगा हुआ था और कुछ एमोशनल अटॅचमेंट भी थी तो मैने उसे त्यागने की बजाए अपनाने का फ़ैसला किया , मतलब की अब मैं उसकी गान्ड भी चाहता था. पर मुस्किल यह है की जितना लड़के गान्ड पसंद करते हैं लड़किया उतनी ही उससे दूर भागती है. क्योकि गान्ड के छेद पर कोई दाना तो होता नही जो लड़कियो को स्टिमुलेट करे . इसलिए उनके हिस्से मैं सिर्फ़ दर्द ही आता है, हालाँकि यह भी सच है की एक बार जब किसी को गान्ड देने की आदत पड़ जाए तो वो बिना दिए नही रह सकती.उसे चूत के बजाए गान्ड ही मरवानी अच्छी लगती है.
पर मसला रिंकी को राज्जी करने का था. मैं जानता था की अगर मैं उससे प्यार से कहुगा तो एक बार वो मना नही करेगी पर एक बार मैं कहाँ बात बनने वाली थी. जब तक उसकी गान्ड का छेद पूरा राव नही हो जाता तब तक उसे वो एंजाय नही कर पाएगी और फिर मैं उसे मजबूर[ फोर्स ] भी नही करना कहता था.इसलिए मैने एक प्लान बनाया . मैने थे किया की उसकी गान्ड मैं अपने लंड से मारने के बजाए पहले अपनी उंगली या की ऐसी ही चीज़ से मारूँगा . जब वो थोड़ा रिलॅक्स होकर लेने लगगी यानी एंजाय करना सीख जाए गी तो मैं उसे अपना लंड दूँगा. इस प्लान मैं उसे खोने का ख़तरा भी नही था.
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