RE: XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग
‘आइ लव यू…..आइ लव यू सो मच समीर…’ बस इतना ही कहा उसने और चुप हो गई।
मैंने उसका चेहरे अपनी तरफ किया और उसके होठों पे एक प्यारी सी पप्पी दे दी और उसे अपनी बाहों में भर लिया।
हमने इशारों-इशारों में ही एक दूसरे को वक़्त का एहसास दिलाया और बिना कुछ बोले एक दूसरे से अलग होकर अपने-अपने कपड़े समेटे और पहन कर घर जाने को तैयार हो गए।
कपड़े पहन लेने के बाद वंदना ने अपनी सीट ठीक की और हम दोनों अपने-अपने सीट पर बैठ गए… एक बार फिर से हमारी नज़रें मिलीं और हमने आगे बढ़ कर एक दूसरे को चूमा..
और अब हम कार स्टार्ट कर घर की तरफ चल दिए…!!
तो यह थी मेरी और वंदना के प्रेम, प्यार, इश्क या यूँ कहें कि चुदाई की पहली दास्तान आपको कैसी लगी ज़रूर बताए
दोस्तो आप भी अपनी कहानियाँ लेकर आए और इस साइट को आगे बढ़ाने मे अपना योगदान दें
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