RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
बहुत देर हम स्वर्ग मे थे, पर फिर नीचे आ गये. पहले टॉमी झाड़ा और
मेरा मूह चिप चिपे पानी से भर गया. मेरी उत्तेजित अवस्था मे मुझे लगा कि
मूह मे अमृत आ गया हो. कुत्ते के लंड को खूब चुसते हुए बूँद बूँद मैने
निचोड़ ली. शेरू के झदने का मुझे पता चला जब उसकी गान्ड ने मेरे लंड
को कस कर पकड़ लिया और वह कीकियाने लगा. मैं भी तिलमिला कर शेरू की
गान्ड मे झाड़ गया. रघु भी दो मिनिट के अंदर झाड़ गया.
उधर वी तीनों चुदैल मादाएँ, अम्मा, मंजू और ज़िनी भी झाड़ झाड़ कर
तृप्त हो गयी थी. हम इतने थक गये थे कि हमारी आँख लग गयी.
जब मैं उठा तो बाकी सब पहले ही जाग गये थे. तीनों कुत्ते बेचारे गहरे
नींद सोए थे. मंजू और रघु अम्मा के सामने खड़े थे. मा सिर हिला कर
मना कर रही थी. "अरे मैं नही चुदाति बाबा मोती से, मरना है क्या?"
मंजू मा की चुचि दबाते हुए बोली. "चुदवा लो दीदी, बहुत मज़ा आएगा. एक
बार घोड़े का लोगि तो और कोई अच्छा नही लगेगा."
अम्मा कानों पर हाथ रखकर मना करने लगी. "इसीलिए तो नही
चुदवाना मुझे, मेरी पूरी चौड़ी कर देगा, फिर मेरे लाल को क्या मज़ा आएगा
अपनी मा को चोदने मे, आख़िर जनम भर मेरे बेटे से भी चुदवाना है
मुझे."
रघु ने भी आग्रह किया. "चुदवा लो मालकिन, मोटी मस्त चोदेगा, बहुत
प्यार से डालेगा, बड़ा शांत और समझदार जानवर है, जब तुम उसका
लंड चुसती हो तो देखा नही कैसे चुप चाप खड़ा रहता है! और मुन्ना तो
तुम्हारी गान्ड का दीवाना है, बुर चुसेगा और गान्ड मारेगा, आपकी बुर
का भोसड़ा हो भी गया तो उसे कोई फरक नही पड़ेगा!"
"अरे तो अपनी अम्मा को क्यों नही चुदवा लेता पहले? इस प्यारे घोड़े का
लंड चूसने मे तो बहुत आनंद आता है, मुझे भी और तेरी इस रंडी अम्मा को
भी, पर चुदवाने की बात और है, चूत फाड़ देगा ये बदमाश" मा अब
धीरे धीरे अपनी बुर मे उंगली कर रही थी. सॉफ था कि वह बहुत उत्तेजित हो
गयी है पर डर रही थी!
मंजू ने फिर मा को बाँहों मे लेकर चूमते हुए कहा. "अरे मालकिन, आपने
तो बच्चे जने है, उससे ज़्यादा क्या चूत फटेगी? आप फालतू मे डरती हो.
चलो, पहले मैं चुदा लूँगी, फिर आप चुदा लेना!"
मा ने कहा. "ठीक है, कल देखेंगे, पर अभी तो चलो मोती के पास, बेचारा
लंड खड़ा करके हमारी राहा देख रहा होगा."
--- भाग 12 समाप्त ---
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