Barasat ki ek rat-बरसात की एक रात
09-17-2017, 10:47 AM,
#4
RE: Barasat ki ek rat-बरसात की एक रात
मुझे खुद से घिन्न आने लगी और दिल ही दिल उसपे बहुत गुस्सा आया कि उसने मेरी चूत चोद के उसे झड़ने पे मजबूर कर दिया। उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाल के मेरी गाँड पे रख दिया। मैं तो जैसे नींद से जाग उठी और फिर काँप गयी जब मेरी गाँड के छेद पे धक्क लगा।



“यही तो सवाल था मेरी राँड... तुझे मेरा लंड अपनी चूत में पसँद है या फिर मैं उसका नमूना तेरी इस कसी हुई गाँड को भी दिखाऊँ... बोल कुत्तिया बोल!”



“नहींईंईंईंईंईं... प्लीईईईईज़ नहीं मेरी गाँड नहीं...!” चिल्लायी।



“क्यों साली। टाईट साड़ी और ऊँची हील की सैंडल पहन के बहुत गाँड मटका-मटका के चलती है... ले ना एक बार मेरा मूसल अपनी गाँड में... तेरी गाँड को भी पता चले कि ऐसा मस्त लंड क्या होता है!” उसने गुर्रा के कहा।



मैं उसके सामने काफी गिड़गिड़ायी। वो बेशर्मी से हँसते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा। मेरी चूंचियाँ जैसे हिमालय की चोटियों की तरह तन गयी थी। उसने चूचियाँ गरम कर के ऐसी कठोर बना दी थीं कि अगर ब्लाऊज़ पहना होता तो शायद उसके सारे हुक टूट गये होते।



“प्लीईईई...ज़ज़ मेरी चूत में डालो अपना काला मोटा लंड… प्लीज़ उसे फाड़ दो… बना दो उसे भोंसड़ा प्लीज़... लेकिन मेरी गाँड मत मारो। मैं तुम्हारी राँड बनके रहुँगी। तुम कहोगे तो तुम्हारे दोस्तों से भी चुदवाऊँगी लेकिन मेरी गाँड को बख़्श दो... प्लीज़ मेरी चूत को चोदो। मुझे बहुत पसँद है की तुम्हारा लंड मेरी चूत में जाके उसका भोंसड़ा बना दे... प्लीज़ मुझे अपने लंड से चोदो... मेरी चूत को चोदो...!” मुझे पता नहीं एक औरत कैसे यह सब कह सकती है किसी अजनबी मर्द को कि वो अपने लंड से उसकी चूत का भोंसड़ा बन दे। पता नहीं मेरे मुँह से ये अल्फाज़ कैसे निकल आये... क्या यह मेरा डर था या फिर मेरी चूत ही थी जो अपील कर रही थी।



“बढ़िया मेरी राँड। मैं यही सुनना चाहता था!” और उसने एक ही झटके में अपने काले मोटे लंड को मेरी फुदकती हुई चूत में घुसा दिया। उसके ज़ोरदार झटके ने मेरी सारी हवा निकाल दी थी। ऐसा लगा कि उसका लंड सीधा मेरे गर्भाशय को छू रहा हो। वो अब ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। उसके लंड ने मेरी चूत को एकदम चौड़ा कर दिया था और मेरी चूत उसके इर्द-गिर्द मियान के जैसे चिपक गयी। उसकी जोरदार चुदाई ने मेरी चूत को फलक पे पहुँचा दिया था। “पुच्च.. पुच.. पुच्च...” जैसी आवाज़ें आ रही थीं जब उसका लंड मेरी चूत से अंदर-बाहर हो रहा था। लेखिका: सबा रिज़वी



“आहहहह आहहहह आहहह सबा मैं अब तेरी चूत को अपने लंड के गाढ़े रस से भरने वाला हूँ!” वो गुर्राया।



“प्लीईईईईईईज़ ऐसा मत करनाआआआआ मैं तुम्हारा सारा रस पी लूँगी प्लीज़ मेरी चूत में अपना रस मत डालना… मैं प्रेगनेंट होना नहीं चाहती हूँ!”



उसका लंड अब बिजली कि तरह मेरे अंदर-बाहर हो रहा था और जोर-जोर से अवाज़े निकालता था। मेरी चूत अपने चूत-रस से एक दम गीली हो गयी थी और क्लिट तो मानो सूज के लाल-लाल हो गयी थी। मेरा चूत-रस चू कर मेरी जाँघों पे बह रहा था और बारिश के पानी में मिल रहा था। अब उसने मुझे मेरे बालों से खींच के कार के हुड से नीचे उतारा और अपने सामने खड़ा कर दिया। मैं अपने आप ही उसके कुल्हों को अपनी और खींच रही थी और उसे झटके दे रही थी।



“आहहहह... आहहह और तेज... और तेज सबा... और तेज चोद मुझे... और तेज!”



मैं जैसा वो कह रहा था वैसा करने लगी और एक राँड की तरह झटके देने लगी। मुझे खुद पे बेहद शर्म आने लगी थी। मैं एक राँड बन गयी थी... उसकी राँड… मैं क्यों नहीं रूकी… मैं रुकना नहीं चाहती थी।



“मैं अब झड़ने वाला हूँउँउँ छिनाल मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ मेरे साथ तू भी झड़ जाआआआ...!”



उसने कस के अपना एक हाथ मेरी कमर में डाल के एक जोर का झटका दिया और उसका लंड जैसे कि मेरे गर्भाशय तक पहुँच गया।



“आआआहह... आआआहहह...!” वो चिल्लाया और मुझे थोड़ा सा पीछे ठेल के मेरी गाँड कार के बोनेट पे टिका दी।



जब उसने अपने रस की पहली धार मेरी चूत की गहराई में छोड़ दी तो उसकी पहली धार के साथ ही मैं भी झड़ गयी। “आआआहहहह.... आआआघहह..ओहहह... नहींईंईंईं...!” मेरी चूत उसके लंड के आसपास एकदम सिकुड़ गयी। उसके लंड-रस की दूसरी धार भी मुझे मेरे चूत के अंदर महसूस हुई।



जब उसका लंड अपने रस से मेरी भूखी चूत को भर रहा था, तब वो जोर-जोर से दहाड़ रहा था और चिल्ला रहा था। वो लगातार अपना रस मेरी चूत में डाल रहा था। मेरी टाँगों में ज़रा भी ताकत नहीं बची थी और मैं अब बोनेट पे टीकी हुई थी। मेरी टाँगें और बाहें हवा में झूला खा रही थीं और उसका मोटा काला लंड मेरी चूत में अपना रस भर रहा था। वो आखिरी बार दहाड़ा और मेरे ऊपर हाँफते हुए गिर गया। वो वहाँ बोनेट पे मेरे ऊपर उसी हालत में कुछ पल पड़ा रहा और उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत में से अपने आप बाहर आने लगा। उसका गरम-गरम लंड-रस मेरी चूत में से बह कर बाहर टपक रहा था।



“मममम.... सच मुच साली तू सबसे चुदास निकली... तेरे जैसी कई औरतों को चोदा है लेकिन तेरे जितना मज़ा मुझे किसी ने नहीं दिया...!” वो हँसते हुए कहता गया और अपनी पैंट पहन के मुझे नंगी हालत में छोड़ के चल दिया।



मैंने तब अपने कपड़ों की खोज की। ब्लाऊज़ और पैंटी के तो उसने पहनने लायक ही नहीं छोड़ा था, फट कर चिथड़े ही हो गये थे। मैं अपना बरसात में भीग हुआ पेटीकोट पहना और फिर किसी तरह गीली साड़ी लपेटी। चूत तो अंदर नंगी ही रह गयी थी पैंटी के बिना। फिर अपना पल्ला सीने पे ले आयी। नीचे तो सिर्फ़ ब्रा थी। फिर कार मे बैठ के चल पड़ी। अच्छी बात यह थी कि उस दिन घर में कोई नहीं था। इसी लिए किसी ने मुझे उस हालत मे नहीं देखा और किसी को मेरे रेप के बारे में कुछ पता भी ना चला।



!!! समाप्त !!!
Reply


Messages In This Thread
RE: Barasat ki ek rat-बरसात की एक रात - by sexstories - 09-17-2017, 10:47 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,484,893 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,622 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,404 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,796 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,734 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,874 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,937,740 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,013,051 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,015,439 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,303 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)