RE: Desi Sex Kahani चाची की चुदाई
सोनिया जो शायद दरवाजे पर खड़ी हो कर हमारी बातें सुन रही थी, सिर्फ़ सैंडल पहने नंगी ही एक दम बाहर आ गयी और बोली, “मम्मी आज से तुम मेरी सबसे बेस्ट फ़्रैंड हो और चुदवाने में क्या शरमाना। मैं भी तो देखूँ कि चुदाई का असली मज़ा कैसे लिया जाता है।”
मीना चाची उठ कर खड़ी हुईं तो गिरते-गिरते बचीं। उन्होंने काफ़ी ड्रिंक कर रखी थी और नशे और हाई पेन्सिल हील की सैण्डलों की वजह से उनका बैलेंस बिगड़ गया पर सोनिया ने उनको अपनी बाहों में भर लिया। मैने भी पीछे से जा कर मीना चाची की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबा लिया और मीना चाची को बीच में दबाये हुए बेडरूम में ले कर आ गये क्योंकि वो नशे में अपने आप चलने की सूरत में नहीं थीं।
मैंने सोनिया को कहा, “चलो दीदी! अपनी मम्मी का पेटीकोट उतारो और अपनी मम्मी की चूत नंगी कर के मुझे दिखाओ।”
मैंने मीना चाची की ब्रा खोल कर उनकी चूचियाँ नंगी कर दीं। सोनिया ने भी मीना चाची के सारे कपड़े उतार दिये और बोली, “लो सुनील अबकी बार मेरी मम्मी की चूत की सिकाई करो।” लेखक सुनिल जैन हैं।
क्या नज़ारा था दोस्तों! अब दोनों माँ बेटी एक साथ बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ हाई हील सैण्डलों में, मेरे सामने थीं। मैंने भी नंगी मीना चाची को अपनी बाहों में ले लिया और किस करने के बाद बोला, “मीना डार्लिंग! आज तुम्हारी बेटी की चूत खोली है तो आज मैं तुम्हारे साथ भी हनीमून मनाऊँगा और जैसे तुमने उस दिन कहा था कि कोरी चूत तो नहीं दे सकी पर अपनी कोरी गाँड मरवाऊँगी, तो डार्लिंग तुम्हारी बेटी मेरा लंड चूस कर मोटा करेगी और आज मैं तुम्हारी गाँड का उद्घाटन करूँगा। अपनी गाँड मरवाओगी ना मीना डार्लिंग।”
मीना चाची नशे के कारण बहकी हुई आवाज़ में बोलीं, “मेरे गाँडू राजा! मैं तुझे अपना सब कुछ सौंप चुकी हूँ। साले (हुच्च) तू... तूने... मेरी चूत मारी... मेरे मुँह, गले में मादरचोद अपना लंड चोदा और मेरी चूचियों के बीच में भी लंड घिस के चोदा और.... और... यहाँ तक की साले चूतिये तूने मेरे सैण्डलों और पैरों को भी नहीं छोड़ा.... बोल साले भोसड़ी के... (हुच्च) तुझे कभी मैंने ना कहा क्या... हैं? तो इसके बाद क्या पूछता है... जैसे तू मुझे चोदना चाहता है वैसे चोद, अब गाँड मारनी है... तो साले गाँड मार ले, पर मेरी गाँड जरा प्यार से मारना, मैंने आज तक (हुच्च) तेरे चाचा को उँगली तक नहीं लगाने दी।”
मैंने कहा, “डार्लिंग तुम बस आराम से एक और ड्रिंक लगा कर कुत्तिया बन कर अपनी गाँड हवा में उठाओ... मैं अपना लंड सोनिया से तबियत से चुसवाकर तुम्हारी मस्त गाँड के लिये तैयार करता हूँ।”
मीना चाची ने ड्रिंक बनाने की बजाये व्हिस्की की बोत्तल ही मुँह से लगा कर पीने लगी। मुझे पहले तो चिंता हुई कि कहीं इतना पीने से बिल्कुल ही पस्त हो कर सो ना हो जायें और मेरा सब प्लैन चोपट हो जाये पर फिर ख्याल आया कि चाची पीने की आदी हैं। वैसे तो आम-तौर से वो लिमिट में ही पीती हैं पर पहले भी मैंने उन्हें ज्यादा पी कर नशे में धुत्त देखा है और जब भी मीना चाची नशे में कंट्रोल के बहार हुई हैं तब वो पस्त या शाँत होने की बजाय हमेशा काफ़ी बेकाबू और ज्यादा उत्तेजित ही हुई हैं। यही सोच कर मैंने सोनिया को बुला कर अपने सामने घुटने बर बैठा कर लंड चूसने के लिये बोला और कहा, “लो सोनिया दीदी! चूस के तैयार करो अपनी मम्मी के लिये। देखो आज आपकी मम्मी कैसे नशे में धुत्त होकर मेरा लंड अपनी गाँड में लेगी। मीना! देख तेरी बेटी क्या तबियत से मेरा लंड चूसे के मोटा कर रही है तेरी गाँड के लिये। ये तो आज अपनी मम्मी की गाँड फड़वाकर ही मानेगी। देख तो सही साली एक दिन में ही क्या रंडी की तरह चूसने लग गयी है।”
मैं सोनिया का मुँह पकड़ कर हलके-हलके शॉट लगाने लगा। इतनी देर में मीना चाची भी एक हाथ में बोत्तल पकड़ कर पलंग पर जैसे मैंने कहा था वैसे ही कुत्तिया बन गयी। मैने सोनिया के मुँह से अपना लंड निकाला और बोला, “दीदी चलो ज़रा अपनी मम्मी कि गाँड के छेद को तैयार करो मेरे लंड के लिये... अच्छे से क्रीम लगाओ ताकि आपकी मम्मी को ज्यादा तकलीफ न हो।”
सोनिया ने अपने हाथ में खूब सारी क्रीम भरी और मीना चाची की गाँड के छेद पर लगाने लगी और बोली, “सुनील! मम्मी की गाँड का छेद तो बहुत टाईट है। मेरी उँगली भी बड़ी मुशकिल से अंदर जा रही है।”
मैंने कहा, “आराम से खूब क्रीम मलो। थोड़ी देर बाद जब गाँड का छेद रीलैक्स हो जायेगा तब बड़े आराम से मेरा लंड अंदर जायेगा...” और मैं स्मोक करने लग गया। दोस्तों क्या सीन था कि एक बेटी अपनी माँ की गाँड पर पूरी लगन से क्रीम मल रही थी और अपनी माँ को गाँड मरवाने के लिये तैयार कर रही थी। सिगरेट खतम होने के बाद मैं पलंग पर चढ़ा और अपना तन्नाया हुआ लंड मीना चाची के चूत्तड़ों पर फेरने लगा और सोनिया को बोला, “अब ज़रा मेरे लंड के ऊपर भी क्रीम लगाओ! अब मैं आपकी मम्मी के भूरे रंग के गाँड के छेद को खोलूँगा।”
सोनिया ने बड़े ही प्यार से मेरे लंड पर क्रीम लगायी और एकदम चिकना कर दिया। मैंने सोनिया को कहा कि वो अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी के चूत्तड़ पकड़ ले और खींच कर चौड़े करे ताकि मीना चाची की गाँड का छेद थोड़ा सा खुल जाये। सोनिया ने मेरे कहे अनुसार अपनी मम्मी के दोनों विशाल चूत्तड़ों को पकड़ लिया और चौड़े कर दिये जिससे मीना चाची की गाँड का छेद थोड़ा सा खुल गया। मैंने अपने हाथ से लंड पकड़ा और गाँड के भूरे छेद पर टिका दिया और दूसरे हाथ की उँगलियों से गाँड के छेद को और चौड़ा किया और लंड का सुपाड़ा टिका कर हल्के से झटका दे कर मीना चाची की कोरी गाँड में सरका दिया। क्रीम की चिकनाहट के कारण मेरा एक इंच लंड मीना चाची की गाँड के छल्ले में जा कर फँस गया।
मीना चाची बोलीं, “सुनील बहुत दर्द कर रहा है बाहर निकाल ले।”
मैंने कहा, “मीना घबराओ नहीं। आराम-आराम से दूँगा। बस तुम हिम्मत कर के लंड लेती रहो।”
इतना बोल कर मैंने सोनिया को इशारा किया कि वो अपनी माँ की गाँड एक दम कस कर पकड़ ले। सोनिया ने भी मेरा कहना माना और मैंने अपने दोनों हाथों से मीना चाची की कमर पकड़ ली और ज़ोरदार झटका मारा जिससे चिकनाहट होने के कारण मेरा लंड सरकते हुए पूरा सात इंच मीना चाची की गाँड में समा गया। मीना चाची को तो जैसे बिजली का शॉक लग गया हो। अगर सोनिया ने उनके चूत्तड़ और मैंने उनकी कमर कस कर नहीं पकड़ी होती तो शायद मीना चाची मेरा लंड निकाल देतीं पर बेचारी मजबूर थी... सिवाये कसमसाने के और गालियाँ देने के अलावा वो कुछ भी नहीं कर सकती थीं।
मैंने भी बिना कुछ परवाह किये बिना अपना पूर लंड मीना चाची की गाँड में उतार कर ही दम लिया और हल्के-हल्के शॉट देने लगा। मीना चाची तो दर्द के मारे पागल हो गयी थी और बोले जा रही थीं, “अरे मादरचोद, भोसड़ी वाले मार डाला रे। तेरी माँ का भोंसड़ा मादरचोद! अगर मुझे मालूम होता कि गाँड मरवाने में इतना दर्द होता है तो बहन के लंड तुझे छूने भी ना देती। बहनचोद मैं ज़िंदगी भर तुझे जैसे कहेगा वैसे ही चुदवाऊँगी और चूसूँगी। तू जिसको बोलेगा मैं उसको चुदवा दूँगी तेरे से। मुझे छोड़ दे माँ के लौड़े। हाय मेरी माँ! फट गयी मेरी गाँड। मादरचोद सत्यानाश कर दिया तूने आज मेरी गाँड का। आज तक मैंने बड़े प्यार से बचा कर रखी थी।”
मीना चाची बोलती रहीं पर अब मैं ताव में आ चुका था और हुमच-हुमच कर अपना लंड गाँड में पेल रहा था। मीना चाची को भी अब अच्छा लगने लगा था क्योंकि अब वो कह रही थीं, “मार ले मेरे डार्लिंग! मार ले अपनी चाची की गाँड। हाय हाय! शूरू-शूरू में तो बहुत दर्द हुआ डार्लिंग पर वाकय में अब बहुत मज़ा आ रहा है। सोनिया तू भी सुनील से अपनी गाँड जरूर मरवाना।”
करीब बीस पच्चीस मिनट तक मीना चाची की गाँड मारने के बाद मैंने अपना रस मीना चाची की गाँड में ही निकाल दिया।
दोस्तों! उस दिन के बाद महीने भर जब तक चाचा नहीं आये, मैंने उन दोनों माँ-बेटी को एक ही बिस्तर पर एक साथ नंगा करके खूब चोदा। चाचा के आने के बाद, मीना चाची को दिन में जब भी समय मिलता, एक बार तो चुदवा ही लेती थी। और मैं हर रोज़ सोनिया के साथ सोता था और हम दोनों जम कर चुदाई करते थे। मीना चाची ने और सोनिया ने अपनी सहेलियों का भी खूब मज़ा दिलवाया। मीना चाची और सोनिया के कारण मुझे अलग-अलग औरतों को चोदने का मौका मिला। आशा करता हूँ कि आप सब को मेरी आप-बीती सुन कर मज़ा आया होगा।
!! समाप्त !!!
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