RE: Desi Sex Kahani चाची की चुदाई
मीना चाची बोलती रहीं और मैंने मीना चाची को उनकी कमर के नीचे से उभरे हुए मोटे चूतड़ों से पकड़ा और अपने चूतड़ों का पूरा दम लगा कर जबरदस्त शॉट मारा जिस से मेरा पूर लंड मीना चाची की चूत में समा गया और मीना चाची के बदन पर लेट गया और अपनी बाहों में कस के पकड़ लिया जिस से उनकी निप्पल मेरे निप्पल से लग गयी और उनके माँसल जोबन मेरी छाती के नीचे दब गये।
मीना चाची ने दर्द के मारे करीब एक फुट अपनी गांड हवा में उछाली और गालियाँ देती हुई बोली, “माँ के लौड़े! क्या कर दिया तूने… माँ चोद कर रख दी मेरी चूत की… अरे भोसड़ी वाले ऐसे थोड़ी मैंने चूत की माँ चोदने को कहा था… तेरा साला लंड है कि मूसल… मेरी तो मदरचोद चूत फट गयी आज… चोद दे मादरचोद… हाय हाय बड़ा दर्द हो रहा है!” पर मैंने मीना चाची को पूरी तरह से दबोच रखा था और उनकी टाँगें अपनी टाँगों में फसायी हुई थीं।
अब धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे करना चालू किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर बड़े प्यार से उनके मुँह को और उनकी जीभ को चूसते हुए शॉट लगाने लगा। जब मैंने देखा की मीना चाची का तड़पना कुछ कम हो गया तो मैंने उन से पूछा कि “डार्लिंग दर्द हो रहा है तो थोड़ा सा बाहर निकाल लूँ?”
मीना चाची एकदम शेरनी की तरह बोली, “मादरचोद इतने साल मैं इसके लिये तो तड़पी हूँ की कोई तो मेरी चूत फाडे और चोद-चोद कर उसका भोंसड़ा बना दे और तू कह रहा है की बाहर निकालूँ…! आज पहली बार तो औरत होने का सुख मिल रहा है… चोद मेरे राजा मेरी टाँगें उठ-उठा के जितना चोदना है चोद ले… मेरे सनम मेरी तो चूत अब तेरी हो गयी!”
मीना चाची इस समय पूरी मस्ती में थीं। झूठ नहीं बोलूँगा, मैं भी पूरी तरह से मसताया हुआ था और मैंने एक किताब में देखे हुए पोज़ को आज़माते हुए मीना चाची की दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखीं और उनके मस्त मम्मे अपने हाथों में कस कर पकड़ लिये और उछल-उछल कर मीना चाची की चूत में पेलने लगा जिस से मेरा लंड पूरा जड़ तक मीना चाची की चूत में उतर रहा था। इतना प्यारा सीन था दोस्तों की जब मैं कस कर शॉट लगाता था उस समय मीना चाची के चूतड़ पूरे फैल जाते और चौड़े हो कर दब जाते और मेरा पूरा लंड मीना चाची की चूत में समा जाता और फिर जब मीना चाची नीचे से अपने चूतड़ों का धक्का देती तो मेरा लंड थोड़ा सा बाहर आता और मीना चाची की वो मस्त गाँड फिर गोल और मस्त हो जाती। अब हम दोनों की चुदाई की लय सैट हो चुकी थी और मीना चाची तो मानो जन्नत की सैर कर रही थी, और बारबार यही बोल रही थी कि “आज जैसी चुदाई का सुख मुझे कभी नहीं मिला… मुझे मालूम था की चुदाई में मज़ा आता है पर इतना मज़ा आता है मुझे नहीं मालूम था! ले मेरे बलम… चोद अपनी चाची को, जी भर के अपनी चाची की जवानी का मज़ा लूट ले! कहाँ था बहन चोद… अभी तक क्यों नहीं सेकी मेरी चूत अपने लौड़े से… अब तो खूब चुदवाऊँगी मेरे राजा… मेरे दिलबर, आज से तो तू मेरा असली हसबैंड है!”
करीब पन्द्रह बीस मिनट तक जम कर टाँगें उठा कर चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने मीना चाची की दोनों टाँगें छोड़ कर उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और बोला, “मेरी रानी! ले मेरा पानी अपनी मस्त चूत में… कर ले ठंडा अपनी चूत को मेरे लंड के पानी से। मीना चाची भी बोलीं कि राजा मैं भी बस झड़ने की कगार पर हूँ जरा दो तीन धक्के करारे-करारे जमा दे मेरी चूत में।” मैंने मीना चाची को कस के अपने चूत्तड़ हिला-हिला कर जबरदस्त शॉट देने चालू कर दिये।
मीना चाची तो दो धक्कों बाद ही किलकारी मारते हुए झड़ने लगी। उनका पानी सीधा मेरे लंड के लाल हुए सुपाड़े पर गिर रहा था जिसे मैं पूरी तरह से महसूस कर रहा था। मैंने भी दो-तीन धक्के और मारे और मीना चाची के होंठों पे अपने होंठ चिपका दिये और उनकी जीभ चूसते हुए अपने लंड का पानी मीना चाची की चूत में निकाल दिया। दोस्तों मेरी ज़िन्दगी में वो पहला अवसर था जब मैंने किसी औरत के साथ संभोग करा था। मीना चाची की चूत के अंदर झड़ने में जो स्वर्ग का आनन्द प्राप्त हो रहा था उसके कारण मैं क्षण भर के लिये अपने होश हवास खो बैठा।
जब मुझ होश आया तो देखा मीना चाची मेरे लंड पर झुकी हुई थी और बड़ी बेसब्री से मेरा लंड चूस रही थी। मुझे होश में आया देख उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर दो सिगरेट जलाईं और मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे सीने पर अपना सर रख कर स्मोक करने लगी और बोली, “सुनील मैं किस ज़ुबाँ से तेरा शुक्रिया अदा करूँ… मेरी समझ में नहीं आ रहा है… मैं तो आज से तेरी हो गयी! तू आज से सही मायने में मेरा हसबैंड है और मैं तेरी वाईफ! तुझे चूत का इतना सुख दूँगी की तू हमेशा मुझे याद करेगा! तूने मुझे बताया है कि असली चुदाई क्या होती है! आज पहली बार है कि चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ गया। मैं तो बस आज से तेरी गुलाम हो गयी। बस मेरे प्यारे सुनील… मुझे चोदना मत बँद करना, तेरे लिये तो मैं चूत-वालियों की लाइन लगा दूँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ हैं जिनके मर्द सिर्फ़ नाम के मर्द हैं… साले कर कुछ नहीं पाते!”
मैंने भी मीना चाची को अपनी बाहों में कस कर कहा कि “मीना आज से तुम भी मेरी हो गयी… मैं सोच भी नहीं सकता था कि जिस सपनों की रानी की मैं पैंटी-ब्रा और सैंडल सूँघ-सूँघ कर मुठ मारता था वोही मुझे मेरे जीवन में चुदाई का पाठ पढ़ायेगी। मीना तुम नहीं… मैं तुम्हारा गुलाम हूँ और जब तक चाचा नहीं आते, तुम मेरी वाईफ बन जाओ और मुझे जम कर अपने शरीर की शराब पिलाओ।”
ज़िंदगी की पहली चुदाई अपने सपनों की रानी के साथ करके मैं तो अपने आप को बड़ा ही भाग्यशाली समझ रहा था। पहली चुदाई करने के बाद मैं और चाची एक स्मोक करते हुए एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। मीना चाची अपना सिर मेरी छाती पर रख कर स्मोक कर रही थी और मैं धीरे-धीरे उनके मस्त मोटे चूत्तड़ों पर हाथ फेर रहा था। मैंने कहा, “मीना डार्लिंग क्या हुआ… तुम तो एकदम ही शाँत हो कर लेट गयी हो।”
तो मीना चाची ने शर्माते हुए मेरे होंठों का किस लिया और बड़े प्यार से लंड हाथ में लेकर बोली, “सुनील मुझे लग रहा है कि मेरी असली शादी तो आज हुई है और सुहाग रात मनी है… और जैसे कोई लड़की पहली बार अपने मर्द से चुदवाकर मस्त हो कर शर्माती है… बिल्कुल मुझे वैसा ही लग रहा है। सुनील मेरे सरताज… मेरी चूत के मालिक! तू जो बोलेगा मैं सब करूँगी पर तू मुझे आज कसम दे कि तू हर रोज़ मुझे चोदेगा। चाचा आ जायेगा तब भी मैं मौका निकाल कर तुझसे अपनी चूत ठंडी करवाऊँगी।”
मैं तो अपने जीवन की पहली चुदाई कर के मस्त पड़ा हुआ था। मैंने भी कहा, “मीना मेरा मुठ मारने का हमेशा ही एक सीन मेरे दिमाग में घूमता था, जिस को मैं सोच-सोच कर तुम्हारी याद में अपना लंड मुठियाता था।”
मीना चाची बड़े प्यार से बोली, “अब क्या जरूरत है सपने देखने की… तू बोल तो सही… मैं तेरे लिये अब कुछ भी करूँगी।”
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