RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
फिर जब वो फारिग होने लगे तो उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और मुझे सीधा कर के मुझे घोटनों के बल बिठा दिया, मैं ने घोटनों के बल बैठ कर खलू के लंड की तरफ देखा ही था के उनके लंड से वीर्य ऐक फव्वारे की तरहा निकला और मेरे चेहरे से टकराया, मैं तो दीवार से लगी हुई थी इस लिए मैं अपना मुँह घुमा भी नही सकती थी, खलू ने अपने लंड की सारी मनी मेरे चेहरे पर फेंक दी, काफ़ी सारी मनी मेरे मुँह मे भी चली गई थी. खलू ने फिर मुझे नहलाना शुरू कर दिया, नहाने के बाद मैं जल्दी जल्दी कपड़े पहेन कर तय्यार हुई और फिर हम वापिस शादी हॉल मे पहुच गये. हॉल मे बारात आचुकी थी और निकाह भी होगया था अब बस खाना खोलने ही वाला था, खाला स्टेज के पास ही खड़ी थी, मैं और खलू खाला के पास पहुच तो खाला मुझे देख कर मुस्कराई और बोली, इतनी देर कहा लगा दी यहा तो निकाह भी होगया है, मैं कहने लगी, वो खाला जान कार खराब होगई थी इस लिए देर होगई, खाला मेरी बात सुनकर मेरे नज़दीक आगई और बोली, कार ही खराब होई थी या कोई और बात है, मैं ऐक दम से घबरा गई और बोली, नही खाला जान कार ही खराब हुई थी, खाला मुस्कराई और बोली, अछा तुम्हारे खलू ने तो मुझे कुछ और ही बताया था, मैं और ज़ियादा घबराई और फिर मैं ने खलू को देख कर खाला से बोली, कक क्या बताया था खलू ने, मेरी बात पर खलू हंस दिए, जब के खाला भी मुस्करा कर बोली, यही के तुम अपने खलू के साथ उनके बेडरूम मे थी, अब तो मेरे हाथो से तोते उड़ गये, मैं ने घबरा कर शिकायती नज़रों से खलू को देख तो खलू हंस कर बोले, गाज़ल वो मुझ से झूट नही बोला गया और मैं ने घर पर ही फोन परतुम्हारी खाला को सब कुछ सच सच बता दिया था के हमे देर होजायेगी इस लिए वो यहा बात संभाल लेना. खाला ने आगे बढ़ कर मुझे गले लगा लिया और बोली, गाज़ल बेटी मैं तुम से बोहत खुश हूँ तुम ने मेरी बोहत बड़ी मुश्किल हाल कर दी है, ये जो तुम्हारे खलू हैं ना बड़े ही ताड़की हैं, इनकी हविस ही कम नही होती, मैं तो अब बूढ़ी होगई हूँ और्र अब मुझ मे इनका लंड सहने की हिम्मत नही बची है, तुम ये बताओ के तुम्हे ज़ियादा दर्द तो नही हुआ, काफ़ी बड़ा और मोटा लंड है तुम्हारे खलू का, अब मैं भी नॉर्मल हो चुक्की थी पर मुझे खाला के सामने शरम आराही थी और मैं शरमाती होई बोली, हा खाला जान दर्द तो बोहत हुआ था पर मज़ा उस से भी ज़ियादा आया था, खलू ने फिर मुझे प्यार से चूमा और मेरे गाल पर किस कर के बोली, खुश रहो मेरी बच्ची. अभी खाला मुझे प्यार ही कर रही थी के पीछे से अब्बू की आवाज़ आई, बोहत प्यार हो रहा है खाला भांजी मे, अब्बू की आवाज़ सुनकर मैं ऐक दम से घबरा गई, दिल मे डर हुआ के कही अब्बू ने हमारी बाते सुन ना ली हो, खाला ने मुझे अलग किया और अब्बू से बोली, भाई साहिब क्या गाज़ल मेरी बेटी नही? किया मैं ऐसे प्यार नही कर सकती? अब्बू भी मुस्करा कर बोले, हा हा क्यूँ नही गाज़ल आप ही की तो बेटी है, भला मैं कोन होता हूँ मा बेटी के प्यार के बीच मे आने वाला
. खाला कहने लगी, भाई साहिब आज से नरेन बेटी अपने घर की होगई है और मेरा घर बोहत सूना होजायेगा , इस लिए मैं गाज़ल को अभी जाने नही दूँगी. अब्बू बोले, हा हा क्यूँ नही मुझे क्या अतराज़ हो सकता है, आप जीतने दिन चाहे गाज़ल को अपने पास रखे. फिर ऐसे ही कुछ और बाते चलती रही और मैं ने सूख का सांस लिया. रुखसती के बाद जब हम घर पहुचे तो रात के 3 बज गये थे, कामी तो वैसे ही नींद मे डूब रहा था इस लिए वो तो फॉरन ही सोगया, घर मे अभी कुछ और मेहमान भी थे इस लिए खलू को भी मोका नही मिला के वो मुझे चोद सकते. दोसरा दिन भी मूसरूफ़ गुज़र गया और दिन मे ना ही कामी को कोई मोका मिला और ना ही खलू को, इस दिन भी काफ़ी मासरॉफियत रही थी इस लिए कामी नींद से नही जीत सका और जल्द ही सोगया, मैं भी बिस्तर पर लेट चुक्की थी और फिर मेरी भी आँख लग गई, रात 3 बजे के बाद किसी ने मुझे झंझोड़ा तो मेरी आँख खोली, मुझे जगाने वाले खलू थे, मैं ने बड़े प्यार से अपनी बाहे उनके गले मे डाल दी, खलू बोले, गाज़ल मेरा बोहत दिल चाह रहा था इस लिए मैं खुद को रोक नही पाया और मैं ने तुम्हे आकर जगा दिया,
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