RE: Sex Kahani उड़ी रे....मेरी पतंग उड़ी रे
गतान्क से आगे..............
नताशा और मैं दोनो एक दूसरे के जिस्म से अपने जिस्म को रगड़ रहे थे. गालों से गालों को... होंठो से होंठो को... सीने से सीने को... और... जांघों से जांघों को... फिर मैने सामने पड़ी मेज को खाली किया और नताशा को उस पर लेटा दिया. नताशा आँखें मुन्दे लेट गयी. मैं उसके पास आकर उसके मम्मो को उसकी टाइट टी-शर्ट पर से ही चूमने लगा. उसके कड़क मम्मे मेरे मुँह में भी नही समा रहे थे. अपने होंठो से उसके मम्मो को रगड़ रहा था. साथ ही नताशा की सिसकियाँ निकल रही थी. फिर मैने बेसबरा होते हुए उसकी टी-शर्ट को उतार फेंका. उसके मम्मे अब लो-कट ब्रा के पीछे छुपे हुए नज़र आने लगे. मैं अपने दोनो हाथों से उसके मम्मो को चोली के साथ ही दबाने लगा. उसके कड़क मम्मे मेरे हाथो में भरे हुए थे. नताशा के मुँह से सिसकारी निकल रही थी. उसके मम्मो को मसल्ते हुए मेरे लंड में ऐंठन होने लगी. लंड जीन्स के बाहर आने को उतावला हो रहा था. मैने अपनी टी-शर्ट को उतार कर रूम के एक कोने की तरफ फेंक दिया.
तभी नताशा मेरे कसरती बदन को देखते ही मेज पर उठ कर बैठ गयी और मेरी बनियान को पकड़ कर मेरे गालों को चाटने लगी. मेरे होंठो को चूमने लगी. उसके दोनो हाथ मेरे बालों और गालों को सहला रहे थे. उसके तपते होंठ मेरे होंठो को चूम रहे थे. मेरे सीने को अपने हाथों से रगड़ रही थी. उसकी गरम साँसे पूरे रूम में तूफान ला रही थी. अपने हाथों से उसने मेरी बनियान को फाड़ फेंका. फिर मेरी जीन्स के उभरे हुए भाग को अपनी हथेली में जाकड़ लिया. अब वो अपने हाथों से करतब दिखती हुई मेरे लंड को मसल्ने लगी. मेरा लंड बहाल हो रहा था. जीन्स में क़ैद बेबस लंड उसके हाथों में उच्छल-कूद मचा रहा था. नताशा ने जीन्स की चैन खोल कर मेरे अंडरवेर के साथ ही मेरे लंड को चाटने लगी. मेरे अंडरवेर सहित ही मेरे लंड को अपने मुँह में डाल लिया. मैं बेहवाश हो गया.
मेरी यह हालत देख नताशा ने मेरे अंडरवेर को नीचे कर मेरे 8 इंच के लंड को अपने हाथ में थाम लिया. मेरा लाल-लाल लंड किसी गुसेले सांड़ की तरह उसे ताक रहा था. अपने हाथों से तौलते हुए मेरे लंड को सहला रही थी. मेरा लंड बार-बार उच्छल कर उसे सलामी दे रहा था. उसने अपने गालों को मेरे लंड के नज़दीक ला कर रगड़ने लगी. मेरा लंड उसके नरम-नरम गरम-गरम गालों से टच हो कर लोहे की तरह सख़्त हो गया. मैने उसके बालों को पकड़ा और अपना लंड उसके होंठो के पास कर दिया. मगर उसने केवल अपनी जीभ ही बाहर निकाली और मेरे सुपारे को सिर्फ़ टच ही कर रही थी. मैं पागल हो गया. मैं उसके बालों को पकड़े हुए अपने लंड को उसके मुँह में डालने को उतावला हो रहा था. लेकिन वो मेरे सांड़ जैसे लंड को और पागल करने पर उतारू थी. फिर उसने अपने रसीले होंठो को ओ की तरह कर मेरे लंड के सुपारे को अपने होंठो के बीच दबा लिया.
अब मैं बेसबरा होते हुए उसके बालों को एक हाथ से पकड़े हुए अपने चुतड़ों का धक्का मारने लगा और अपने लंड को थोड़ा अंदर घुसाने को कामयाब हो गया. इसके साथ ही नताशा ने मेरे लंबे और मोटे लंड को अपने मुँह में अंदर जाने के लिए अपने होंठो को और खोल दिया. अब मेरे लंड आधे से ज़्यादा उसके मुँह में घुस गया. उसने मेरे लंड को अब चूसना शुरू कर दिया. अब सिसकारियाँ निकालने की मेरी बारी थी. मुझे बड़ा ही शकून मिलने लगा. नताशा एक एक्सपर्ट की तरह मेरे लंड को चूस रही थी. इस मुख चुदाई से मेरा लंड और सख़्त हो गया. मैं अब अपने चूतड़ के धक्के मार कर उसके साथ मुख-चोदन करने लगा. तभी लगा कि मेरे लंड का पानी निकल सकता है तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया. नताशा मेरे चेहरे की तरफ देखने लगी.
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