RE: Teacher Sex Kahani टीचर ने चोदना सिखाया
“कुछ नहीं होगा... तुम्हारा लंड मेरे थूक से चिकना हुआ है और मेरी चूत भी चिकने रस से भिगी हुई है... जब तुम इसमें अपना लंड डालोगे तो अंदर चला जायेगा...!” रशीदा मैडम बेकरारी से मेरे सवालों पर थोड़ा खीझते हुए बोली। वो अपने दोनों पैरों को फ़ैला कर टेबल के बल चूतड़ टिका कर खड़ी हो गयीं। पैरों मे सिर्फ़ ऊँची हील के सैंडल पहने इस तरह चौड़ी टाँगें करके खड़ी वो बहुत मादक लग रही थीं। रशीदा मैडम ने खुद मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने पर रखा तो मैंने धीरे से धक्का दिया। मेरा लंड सरसराता हुआ रशीदा मैडम की चूत में चला गया।
“ओहहहह आआआहह... रितेश बहुत सख्त और गरम लंड है तुम्हारा... वेरी गुड... पूरा लंड घुसा दो!” रशीदा मैडम ने मस्ती में सिसकते हुए कहा। मैंने धीरे से और धक्का दिया तो पूरा का पूरा लंड रशीडा मैडम की चूत में चला गया। उनकी भीगी चूत इतनी गरम और इतनी मुलायम थी जैसे कि गरम मक्खन।
“ऊँऊँहहह्ह.... रितेश! अब अपने लंड को बाहर खींचकर फिर थोड़ा अंदर डालो!”
मैंने उनके निर्देश अनुसार अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर अंदर डाल दिया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। रशीदा मैडम ने आँखें बंद कर लीं। वो भी अपने चूतड़ आगे-पीछे चलाने लगी।
वो मेरी गर्दन में बाँहें डालकर बोली, “रितेश इसे ही चोदना कहते हैं... जब चूत में लंड आगे-पीछे होता है... तो देखो चूत से रस निकलता है और चुदाई आसान हो जाती है... चोदो... और अंदर डालो... थोड़ा और अंदर दबाओ... आहहह बेहद अच्छी तरह चुदाई कर रहे हो तुम... थोड़ा राइट से मारो... थोड़ा राइट... और थोड़ा... हाँऽऽ हाँऽऽ चोदो... चूत के अन्दर और थोड़ा डालो। ऊँऊँमऽऽऽ. रितेश वेरी गूड... मैं जानती थी कि तुम्हारा लंड वाकय चोदने के काबिल हो गया है. पेलो इसे और पेलो... आज तुम्हारे लंड का इनॉग्यरैशन करके मैंने तुम्हें जवान बना दिया!”
मुझे भी मज़ा आ रहा था। लंड वाकय में बहुत कड़क हो गया था। शरीर में एक अजीब सी कसावट पैदा हो गयी थी और ना जाने क्या हो गया। फिर रशीदा मैडम बोली, “रितेश रुको... थोड़ा बाहर निकालो अपने लंड को... मैं कुत्तिया बन जाती हूँ... तुम पीछे से पेलो....!”
रशीदा मैडम अपने दोनों हाथों को ज़मीन के बल रखके कुत्तिया बन गयीं। मैंने अपना लंड पीछे से उनकी चूत में लगाया और पेलना शुरू कर दिया। “हाँ रितेश...! आह बड़ा मज़ा आ रहा है... चोदो और चोदो... !” वो लगातार सिसकते मस्ती में बड़बड़ा रही थीं, “हाँऽऽ फाड़ डालो मेरी चूत... पूरी तरह चोद दो आज.... मेरी चूत बेहद प्यासी है... आहह... ऊऊऊहहहह बहुत दिनों के बाद ऐसा ताज़ा लंड नसीब हुआ है... कोरे लंड से चुदाने का मज़ा ही अलग है... चोद... और ज़ोर से... तुम वाकय में मेरे प्यारे स्टूडेंट हो... कब से मेरी नज़र थी तुम पर... अपनी मैडम की चूत की प्यास बुझा दो!”
“मैडम... आप जैसे कहेंगी वैसे ही चोदुँगा मैं आपकी चूत को... इसका कचूमर निकाल दूँगा.. मैडम... बहुत अच्छा लग रहा है!” मैंने उनकी चूत में लंड पेलते हुए कहा।
“भोंसड़ा बना डालो अपनी मैडम की चूत का... चोदो... पेलो... और जोर से... हाँऽऽऽ रितेश... ऐसे ही... पेलते रहो... पेलते रहो... अपने लंड को मेरी चुत में पेलते रहो....!” रशीदा मैडम इसी तरह बोलती रहीं और ये चुदाई करीब पंद्रह मिनट तक ज़ारी रही। इस बीच मैडम का बदन दो बार अकड़ा और चींखते हुए मेरे लंड पर पानी छोड़ते हुए झड़ीं। फिर मेरा लंड भी रशीदा मैडम की चूत में स्खलित हो गया और मैं उनकी कमर के ऊपर ही ढेर हो गया।
अपनी साँसें संभालने के बाद उन्होंने मेरे लंड को प्यार से अपने मुँह में चूस कर साफ किया और फिर हम नंगे ही गेस्ट-बेडरूम में आकर बेड पर लेट गये। रशीदा मैदम ने अपने सैंडल भी नहीं निकाले। वो मेरा गाल सहलाते हुए बोली, “रितेश... तो समझ में आया रिप्रोडक्शन सिस्टम?”
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