RE: Sex Kahani अमीना की कहानी
संजीदा तो नशे में मस्त थी और उसकी चूत दहक रही थी। उसने अपने कपड़े उतार दिये और सिर्फ अपने सैंडल पहने ही मेरे पास आ कर बैठ गयी और मेरा हाथ अपनी चूत पे रख दिया। मैं थोड़ी देर उसकी चूत सहलाती रही पर मेरी अँगुलियों से उसकी चूत को कहाँ राहत मिलती। कुछ देर बाद झबरू ने संजीदा से अपना लंड चूसने को कहा तो संजीदा झबरू का लंड चूसने लगी।
जब उसका लंड खड़ा हो गया तो उसने संजीदा की चुदाई शुरू की। उसने मुझे जिस तरह आरम से चोदा था, ठीक उसी तरह संजीदा को भी चोद रहा था। लेकिन संजीदा की चूत अभी भी बहुत ज्यादा तंग थी। वो बहुत चिल्लायी और उसे दर्द भी बहुत हुआ लेकिन आखिर में झबरू ने अपना पूरा का पूरा लंड संजीदा की चूत में डाल ही दिया। संजीदा की चूत में झबरू को अपना लंड आरम से घुसाने में करीब बीस मिनट लगे और फिर उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से संजीदा की चुदाई शुरू कर दी और उसे करीब सवा घंटे तक चोदा। संजीदा उससे चुदवाने में तीन बार झड़ गयी थी। झबरू से चुदवाने के बाद संजीदा की चूत में इतना ज्यादा दर्द हो रहा था कि वो बिल्कुल भी हिलडुल नहीं पा रही थी।
झबरू ने कहा, “मैं अभी एक बार आपकी चुदाई और करूँगा... उसके बाद तुम हिलडुल सकोगी और चल भी सकोगी।”
संजीदा ने झबरू से चुदवाने से मना कर दिया लेकिन झबरू माना नहीं। करीब तीस मिनट के बाद झबरू ने फिर से संजीदा की चुदाई शुरू कर दी। इस बार उसने संजीदा को एक दम पागलों की तरह बहुत ही बुरी तरह से चोदा। इस बार पूरी चुदाई के दौरान संजीदा जोर-जोर से चींखती ही रही। करीब तीस मिनट चोदने के बाद झबरू ने संजीदा को ज़मीन पर खड़ा कर दिया और खड़े-खड़े ही उसकी चुदाई की। थोड़ी देर खड़े हो कर चोदने के बाद झबरू ने उसे डॉगी स्टाईल में चोदना शुरू कर दिया। उसके बाद झबरू ने संजीदा को कईं स्टाईल में बुरी तरह चोदा और उसकी चूत में ही झड़ गया।
संजीदा बहुत तड़पी लेकिन झबरू ने उसकी एक ना सुनी। झड़ जाने के बाद जब झबरू ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल तो संजीदा की चूत कईं जगह से कट-फट गयी थी और बुरी तरह से सूज भी चुकी थी।
झबरू ने संजीदा से कहा, “अब मैंने आपकी चूत को एक दम चौड़ा कर दिया है। अब आप मुझे चल कर दिखाओ!”
संजीदा ने चलने की कोशिश की लेकिन वो ठीक से चल नहीं पा रही थी। झबरू ने कहा, “अभी थोड़ी देर बाद मैं फिर से आपकी चुदाई करूँगा। उसके बाद आप चलने फिरने लगोगी।”
संजीदा बोली, “अब मैं तुमसे नहीं चुदवाऊँगी। तुमने मेरी चूत की हालत खराब कर दी है।”
लेकिन झबरू माना नहीं। एक घंटे के बाद झबरू ने फिर से संजीदा को बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया। वो मना करती रही लेकिन झबरू माना नहीं। उसने इस बार भी संजीदा को बहुत ही बुरी तरह से करीब डेढ़ घंटे तक चोदा।
उसके बाद झबरू ने संजीदा से कहा, “अब मुझे फिर से चल कर दिखाओ”, तो संजीदा डर के मारे ठीक से चलने को कोशिश करने लगी।
झबरू ने कहा, “शाबाश! देखा तीन बार चुदवाने के बाद आप थोड़ा ठीक से चलने लगी हो!”
वो बोली, “साले हरामी! वो तो मैं ही जानती हूँ कि मैं कैसे चल रही हूँ!”
झबरू बोला, “अभी मैं फिर से आपकी चुदाई करूँगा!”
एक घंटे के बाद झबरू ने फिर से संजीदा की बहुत ही बुरी तरह से चुदाई की। झबरू से चुदवाने के बाद मैं भी बिना सहारे के नहीं चल पा रही थी। मैंने कहा, “मैं भी तो ठीक से नहीं चल पा रही हूँ।”
वो बोला, “पहले मुझे इनकी चाल ठीक कर लेने दो। उसके बाद मैं आपकी भी बहुत बुरी तरह से चुदाई कर दुँगा उसके बाद आप भी ठीक से चलने लगोगी!”
उस दिन के बाद से तो संजीदा और रशीद प्रैक्टीकली मेरे घर पर ही रहने लगे। सारा काम रशीद ही संभालने लगा क्योंकि मैं साईट पर भी अब हफ्ते में दो-तीन दिन ही जाती थी। संजीदा भी मेरी तरह ही चुदक्कड़ निकली और हम दोनों मिलकर नशे में मस्त होकर दिन-रात मोनू और झबरू से चुदवाती रहती। रात को रशीद अकेला दूसरे बेडरूम में सोता रहता जबकि संजीदा मेरे साथ मेरे बेडरूम में मोनू और झबरू के साथ ऐश करती।
!!! समाप्त !!!
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