RE: Sex Kahani अमीना की कहानी
मोनू संजीदा की टाँगों के बीच आ गया। उसने संजीदा की टाँगों को घुटनों से मोड़ कर उसके कंधों के पास सटा कर दबा दिया। संजीदा एक दम दोहरी हो गयी और उसकी चूत उपर की तरफ उठ गयी। मोनू ने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के बीच रखा। मोनू ने जोर लगाते हुए अपना लंड संजीदा की चूत के अंदर दबाना शुरू किया। जैसे ही मोनू का लंड संजीदा की चूत में दो इंच घुसा तो संजीदा जोर-जोर से चींखने लगी। लेकिन मोनू रुका नहीं और उसने थोड़ा जोर और लगा दिया। संजीदा दर्द के मारे तड़पने लगी। उसकी आँखों में आँसू आ गये। उसका सारा जिस्म पसीने से नहा गया। उसकी टाँगें थरथर काँपने लगी। मोनू का लंड संजीदा की चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। मैं संजीदा के पास बैठ गयी और मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया। संजीदा ने मुझे जोर से पकड़ लिया और रोने लगी। वो बोली, “आपा! बेहद दर्द हो रहा है। मैं मोनू का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर कैसे ले पाऊँगी!”
मैंने कहा, “पहली-पहली मर्तबा दर्द तो होता ही है। तुम घबराओ मत, मोनू जब धीरे-धीरे तमाम लंड तुम्हारी चूत में घुसा कर तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें खूब मज़ा आयेगा और तुम सारा दर्द भूल जाओगी। उसके बाद तुम्हें मोनू से चुदवाने में कभी दर्द नहीं होगा और तुम चुदाई का पूरा मज़ा ले पाओगी।”
मोनू अपना लंड संजीदा की चूत में डाले हुए रुका रहा। थोड़ी देर बाद संजीदा आसुदा हो गयी। मोनू ने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये। मोनू का लंड अभी भी संजीदा की चूत में चार इंच तक ही अंदर बाहर हो रहा था। थोड़ी देर बाद संजीदा को मज़ा आने लगा और वो पाँच मिनट की चुदाई के बाद झड़ गयी। मोनू ने अपनी रफ़्तार थोड़ा बढ़ा दी। मोनू हर पंद्रह-बीस धक्कों के बाद एक जोर का धक्का लगाते हुए संजीदा की चुदाई करने लगा। जब वो जोर का धक्का लगा देता तो उसका लंड संजीदा की चूत के अंदर और ज्यादा गहरायी तक घुस जाता। जब मोनू जोर का धक्का लगा देता तो संजीदा दर्द के मारे तड़प उठती थी। संजीदा बहुत ज्यादा जोश में थी इसलिए उसे दर्द का ज्यादा एहसास नहीं हो रहा था। मोनू इसी तरह संजीदा की चुदाई करता रहा। वो अभी संजीदा को ज्यादा तेजी के साथ नहीं चोद रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद संजीदा फिर से झड़ गयी तो मैंने पूछा, “अब कैसा लग रहा है?”
संजीदा बोली, “मज़ा तो आ रहा है लेकिन दर्द भी बेइंतेहा हो रहा है!”
मैंने कहा, “अभी मोनू का पूरा लंड तुम्हारी चूत में नहीं घुसा है इसलिए वो तुम्हें धीरे-धीरे चोद रहा है। जब वो अपना पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुसा देगा तब वो तुम्हारी बहुत तेजी के साथ चुदाई करेगा। उसके बाद तुम्हें चुदवाने में खूब मज़ा आयेगा।”
संजीदा ने पूछा, “अभी कितना बाकी है?”
मैंने कहा, “अभी तक तो मोनू का लंड तुम्हारी चूत में करीब पाँच इंच ही घुसा है!”
संजीदा बोली, “मोनू से कह दो कि वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में जल्दी से घुसा दे। मैं जल्दी से जल्दी चुदवाने का पूरा मज़ा लेना चाहती हूँ!”
मैंने कहा, “दर्द बहुत होगा!”
वो बोली, “दर्द तो धीरे-धीरे घुसाने में भी हो रहा है!”
मैंने मोनू से कहा, “अब तुम पूरी ताकत लगा कर अपना पूरा का पूरा लंड इसकी चूत में घुसा दो!”
मोनू ने पूरी ताकत के साथ बहुत जोर-जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये। संजीदा दर्द के मारे चींखने लगी। सारा कमरा उसकी चींखों से गूँजने लगा। संजीदा ने दर्द के मारे अपने सिर के बाल नोचने शुरू कर दिये। आठ-दस जोरदार धक्कों के बाद मोनू का लंड पूरा का पूरा संजीदा की चूत में घुस गया। संजीदा दर्द के मारे तड़प रही थी। मोनू ने पूरा लंड घुसा देने के बाद बहुत तेजी के साथ संजीदा की चुदाई शुरू कर दी। संजीदा दर्द के मारे चींखती रही लेकिन मोनू रुका नहीं। वो बहुत तेजी के साथ संजीदा को चोद रहा था।
दस मिनट तक तो संजीदा बुरी तरह से चींखती रही और फिर धीरे-धीरे चुप होने लगी। अब तक संजीदा की चूत ने अपना पूरा मुँह खोल कर मोनू के लंड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया था। मोनू भी पूरे जोश के साथ संजीदा को चोद रहा था। पाँच मिनट और चुदवाने के बाद संजीदा चुप हो गयी। उसकी दर्द भरी चींखें अब जोश भरी सिसकरियों में बदल रही थी।
पाँच मिनट और चुदवाने के बाद वो झड़ गयी तो उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा। अब मोनू का लंड संजीदा की चूत में कुछ आसानी से अंदर बाहर होने लगा था। संजीदा भी अब अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर चुदवाने लगी थी। मैंने संजीदा से पूछा, “अब मज़ा आ रहा है?”
|