RE: Sex Kahani अमीना की कहानी
संजीदा कुछ नहीं बोली और अपना ड्रिंक पीने लगी। मैंने मोनू का लंड चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में मोनू का लंड एक दम सख्त हो गया तो मैं मोनू से चुदवाने लगी। संजीदा चुपचाप बैठ कर देखते हुए व्हिस्की पीती रही। मोनू ने मुझे करीब आधे घंटे तक चोदा और झड़ गया। जोश और नशे के मारे संजीदा की आँखें एक दम गुलाबी हो चुकी थीं। जब मोनू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला तो मैंने संजीदा को अपनी चूत दिखाते हुए कहा, “देखो, मेरी चूत ने मोनू का लंबा और मोटा लंड कैसे अपने अंदर ले लिया।”
संजीदा मेरी चूत को देखने लगी। मैंने कहा, “अब तुम भी एक बार मोनू से चुदवा लो। अगर तुम्हें इससे चुदवाना पसंद नहीं आयेगा तो तुम फिर मोनू से कभी मत चुदवाना।”
संजीदा ने शरमाते हुए कहा, “इसका लंड तो बहुत मोटा है। मुझे बहुत तकलीफ होगी!”
मैंने कहा, “तुम अभी कुँवारी हो... इसलिए तुम चाहे जिस भी लंड से पहली बार चुदवाओगी... तकलीफ तो तुम्हें होगी ही। उसके बाद मज़ा भी खूब आयेगा।”
वो कुछ नहीं बोली। मैंने मोनू से कहा, “तुम अपना लंड संजीदा के हाथ में दे दो जिससे ये तुम्हारा लंड ठीक से देख ले।”
मोनू संजीदा के पास आ गया। उसने संजीदा के हाथ से खाली ग्लास ले कर एक तरफ रख दिया और उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। संजीदा ने शरमाते हुए उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया और देखने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “अगर तुम्हें इसका लंड अच्छा लग रहा हो तो चुदवा लो।” वो कुछ नहीं बोली।
मैंने कहा, “क्या हुआ? कुछ बोलती क्यों नही? अगर तुम्हें इसका लंड अच्छा नहीं लग रहा है तो छोड़ दो इसका लंड!” उसके बाद मैंने मोनू से कहा, “मोनू तुम रहने दो और जा कर कपड़े पहन लो। संजीदा को तुम्हारा लंड पसंद नहीं आ रहा है!” मोनू जैसे ही अपने लंड से संजीदा का हाथ हटाने लगा तो संजीदा ने उसके लंड को जोर से पकड़ लिया। मैं समझ गयी कि संजीदा चुदवाने के लिये राज़ी है।
मैंने मोनू से कहा, “मोनू संजीदा तुमसे चुदवाने के लिये राज़ी है। तुम संजीदा के कपड़े उतार दो और इसकी अच्छी तरह से चुदाई कर के इसे एक दम खुश कर दो।”
मोनू ने संजीदा के कपड़े उतारने शुरू कर दिये तो संजीदा शरमाने लगी लेकिन उसने मोनू को रोका नहीं। मोनू ने धीरे-धीरे संजीदा के सारे कपड़े उतार दिये। अब संजीदा ने सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने हुए थे और संजीदा का गोरा जिस्म संगमरमर की मूर्ती जैसा लग रहा था। उसे देख कर मोनू खुश हो गया। मोनू ने संजीदा को बेड पर लिटा दिया। मोनू ने अपने होंठ संजीदा के होंठों पर रख दिये और उसके होंठों को चूमने लगा। थोड़ी ही देर में संजीदा को भी जोश आने लगा तो वो भी मोनू के होंठों को चूमने लगी। मोनू संजीदा के पीठ पर अपना हाथ फिराते हुए उसे चूमने लगा तो संजीदा भी मोनू की पीठ पर अपना हाथ फिराने लगी।
संजीदा की आँखें धीरे-धीरे गुलाबी सी होने लगी। मोनू ने संजीदा को चूमते हुए उसके निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया। संजीदा सिसकरियाँ भरने लगी। रशीद बड़े ध्यान से देख रहा था। फिर मोनू ने संजीदा की चूचियों को, फिर पेट को और फिर उसकी नाभी को चूमना शुरू कर दिया। संजीदा धीरे-धीरे जोश में आ रही थी और सिसकरियाँ भर रही थी। थोड़ी देर तक संजीदा की नाभी और उसके आसपास चूमने के बाद मोनू ने संजीदा की चूत को चूमना शुरू कर दिया तो संजीदा जोर-जोर से आहें भरने लगी। मोनू एक हाथ से संजीदा के निप्पलों को मसल रहा था और दूसरे हाथ से संजीदा की जाँघ को सहला रहा था। संजीदा ने जोश के मारे अपनी दोनों जाँघों को एक दम सटा लिया।
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