RE: Hindi Porn Stories दो आर्मी नर्सों की चुदाई
यह एक बात बहुत दिलचस्प थी कि वो दोनों मेरे साथ शादी के लिये भी तैयार हो गयी थीं। उन्होंने मुझे प्रपोज़ल दिया कि हम दोनों से शादी करलो, हम साथ साथ रहेंगे। मगर एक तो मेरी फैमली कभी भी नर्स के साथ शादी नहीं मानती और ऊपर से उनके साथ दोस्ती और चुदाई की जा सकती थी, उनको वाईफ नहीं बनाया जा सकता था। उनकी ज़िंदगी में शराब, ऐय्याशी और चुदाई इतनी लाज़िम हो गयी थी कि मेरी शादी के बाद मेरे बैटमैन या मेरे दोस्तों से चुदवाये बिना नहीं रहतीं और मैं अहमद को तो बरदाश्त कर सकता था मगर किसी और को नहीं। दुसरी बात ये कि कभी-कभी तो दोनों को एक साथ चोदने में मज़ा था पर हर रोज़ दोनों को एक साथ चोदना पड़ता तो कुछ ही महीनों में वो दोनों मिलकर मुझे निचोड़ कर मेरी जान निकाल देतीं।
आखिरकार लतदाद यादें उनके पास छोड़ कर स्करदू के लिये पोस्टिंग पर रवाना हुआ। उस दिन वो दोनों मुझे कराची कैंट स्टेशन सी-ऑफ करने आयी हुई थी। मैंने उनको अपने केबिन में बहुत प्यार किया और दोनों को बहुत किस किया। फिर उनको उदास छोड़ कर मैं चला गया। यहाँ स्करदू में पहुँच कर मैं एक महिना बेस कैंप में रहा और उनसे फोन और खतों के ज़रिये कांटेक्ट रहा। जैसा मेरा अंदाज़ा था दोनों धीरे-धीरे पहले जैसे ही अपने रूटिन में मस्त हो गयी। अब वो बेखौफ होकर दिन में जहाँ कहीं भी और जिस किसी के साथ भी मौका मिलता चुदवा लेती थीं, फिर चाहे वो ज़मादार हो या वार्ड-बॉय हो या कोई और। रात भर तो दोनों नशे में चूर होकर एक दूसरे से लेस्बियन सैक्स का मज़ा लेती थीं। मैं स्करदू की बर्फ़ीली पहाड़ियों पर हूँ और काफी समय हो गया है उन दोनो से कोई कांटेक्ट नहीं है, लेकिन इतना भरोसा है कि उन दोनों की चूतें बाकायदा चुद रही होंगी।
!!! समाप्त !!!
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