RE: Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
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करीब 2-3 मिनट तक रेनू को तेज-तेज चोदने के बाद जब मैं डिस्चार्ज होने लगा तो मैंने अपना लण्ड रेनू की चूत से बाहर खींच लिया और उसकी चूत के झांटों उपर डिस्चार्ज हो गया और उसके ऊपर गिर गया। फिर मैं उसके उपर लेट कर अपनी तेज-तेज चलती हुई सांसों को नार्मल होने का इन्तज़ार करता रहा। फिर मैं रेनू की बगल में लेट गया। रेनू भी मेरे साथ लेटी हुई अपनी सांसों को काबू में आने का इंतजार कर रही थी।
रेनू की चूत के काले घने घुंघराले बालों में मेरे वीर्य की सफेद बून्दे चमक रही थी। मैंने अपने अन्डरवियर से रेनू की चूत के ऊपर पड़े अपने वीर्य को साफ कर दिया। कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहने के थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और अपने कपड़े पहनने लगे। बैड की चादर पर रेनू की चूत से निकला हल्का सा खून पडा था। रेनू ने तुरन्त डस्टिग़ वाला कपड़ा लेकर गीला करके चादर से खून साफ कर दिया और पंखा चला दिया ताकि चादर जल्दी से सूख जाए।
मैंने रेनू से पूछा कि कैसा लगा तो वो बोली "जीजू ! शुरु-शुरू में तो मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन बाद में बहुत मजा आया। इतना मज़ा तो मुझे कभी किसी चीज़ में नहीं आया। सचमुच आज से मैं आपकी दीवानी बन गई हूँ। अब आप जब चाहें ये सब कर सकते हैं। मुझे कोई एतराज नहीं होगा।"
ये सुन कर मैंने खीच कर उसे अपने सीने से चिपका लिया। फिर मैंने अपने जलते हुऐ होंठ रेनू के होंठों पर रख दिए। फिर मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा। रेनू भी मुझ से लिपट गई और उसने भी मुझे अपनी बाँहो में कस लिया। फिर मैं रेनू को किस करते-करते उस के बालों में हाथ फिराने लगा। फिर मैं उसके गालों पर हाथ फिराने लगा।
फिर मैं अपने हाथ को नीचे ले जाकर उसकी टी-शर्ट के उपर से उसके स्तनों को दबाने लगा और रेनू से बोला "एक बार फिर हो जाए। तुम्हें कोई एतराज नहीं।"
वो एकदम छटक कर अलग हो गई और बोली,"क्या करते हो जीजू। बड़े गन्दे हो आप। इतना सब कुछ हो गया। फिर भी चैन नहीं पड़ा है। अब सब्र रखो। दीदी आने वाली होंगी।"
मैंने रेनू से कहा "अभी तो तुम कह रही थी कि मैं आपकी दीवानी बन गई हूँ। अब आप जब चाहें ये सब कर सकते हैं। मुझे कोई एतराज नहीं होगा और अब तुम मना कर रही हो।"
रेनू बोली "जीजू। मैंने कहा है और एक बार फिर कह रही हूँ कि सचमुच मैं आपकी दीवानी बन गई हूँ और अब आप जब चाहें ये सब मेरे साथ कर सकते हैं। मुझे कोई एतराज नहीं होगा। लेकिन आज अब और नहीं। आपने इतना ज्यादा किया है ना कि मेरे नीचे दर्द हो रहा, शायद कट भी लग गया है। नीचे चीस सी मच रही है। इसलिये आज नहीं। अब कल करेंगे। कल तक मेरे नीचे का मामला भी ठीक हो जाएगा। अब मैं नहाने जा रही हूँ। गर्म-गर्म पानी से नहाऊगी और गर्म पानी से नीचे की थोड़ी सिकाई करुँगी तो कुछ ठीक हो जाऊँगी। वरना मेरी चाल देख कर दीदी को शक हो जाऐगा। अब कल तक के लिये सब्र रखिये। वैसे भी दीदी भी आने वाली होंगी।"
इतना कह कर उसने हाथ हिला कर शरारत से बाय किया और फिर वो तेजी से बाथरुम की ओर जाने लगी। मैं खड़ा-खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा। उस दिन मैं बहुत खुश था क्योंकि रेनू को जम कर चोदने की मेरे मन की इच्छा पूरी हो गई थी।
इसके बाद मौका मिलने पर लगभग दो साल में हमने कुल 9 बार अपने घर में, 3 बार रेनू के घर में और एक ही रात में 3 बार होटल के कमरे में रेनू के साथ खुलकर सैक्स किया। हर बार सैक्स करने का अन्दाज और मजा अलग ही था। अगर समय मिला तो अपने यहां सोफे पर और एक रात को अपनी पत्नी को नींद की गोली देकर स्टोर में रेनू के साथ सैक्सपिरियस के बारे में भी जरुर बताऊँगा।
फिर एक बार शाम को रेनू के ही घर में छत पर रेनू के साथ सैक्सपिरियस के बारे में भी जरुर बताऊँगा। और एक पूरी रात रेनू के साथ होटल के कमरे में तीन बार सैक्स करना तो मैं भूल ही नहीं सकता। वो किस्सा भी अगर समय मिला तो जरुर बताऊँगा। खैर...
दो साल बाद रेनू की शादी हो गई और आज वो दो बच्चों की माँ हैं। रेनू और उसके परिवार से हर साल दो या तीन बार मुलाकात जरुर होती है। फोन पर तो अकसर बात होती रहती है। लेकिन हम भूल कर भी अपने पुराने सैक्सपिरियंस के बारे में बात नहीं करते हैं। रेनू की शादी के बाद हमने मौका मिलने पर भी कभी सैक्स नहीं किया और शायद यही वजह है कि हमारे दिल में एक दूसरे के लिये प्यार आज भी है।
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दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,
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