RE: Sex Hindi Kahani चोदु अंकल और छिनाल मम्मी
मैं झट से भैया के गले से लिपट गयी और भैया को आलिंगन में ले लिया. मेरी भरपूर चुचि भैया की छाती में धँस रही थी. भैया के जिस्म के स्पर्श से मेरी चूत में खुजली होने लगी और उसने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. भैया ने मेरे बालों में हाथ फेरा और उनका दूसरा हाथ मेरे नितंभ सहलाने लगा. उतेज्ना से मेरा जिस्म ऐंठ गया और मैने अपनी आँखें बंद कर ली.” भैया मैं आपको बहुत मिस कर रही थी.
आप अपनी बेहन से बिल्कुल प्यार नहीं करते. देखो मैं आप से कितना प्यार करती हूँ. देखो मेरा दिल कैसे धक धक कर रहा है. भैया मेरे दिल पर हाथ रख कर तो देखो.” मैने भैया से प्यार जताने के इरादे से उनका हाथ पकड़ कर अपनी चुचि पर टिका दिया. मेरी चुचि कड़ी हो चुकी थी और भैया मेरी हरकत से बोखला गये, लेकिन उन्हों ने अपना हाथ नहीं हटाया. मेरी पतली सी टीशर्ट में से मेरी चुचि की गर्मी भैया को महसूस हो रही थी और ना चाहते हुए भी भैया ने मेरी चुचि मसल डाली. मैने अपनी नज़र झुका ली और देखा कि भैया का लंड भी सिर उठाने लगा था. मैने भैया की छाती पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और भैया ने मेरी चुचि को रगड़ना शुरू कर दिया.”स्नेहा तू तो बहुत बड़ी हो गयी है……तेरी चू…..बहुत बड़ी हो गयी है…..अब तू बच्ची नहीं रही…..अब तो तेरी शादी कर देनी चाहिए….किसी से तेरा चक्कर तो नहीं चल रहा…..है तो बता देना” भैया बोल पड़े और मैं मुस्कुरा पड़ी,”
भैया कहते हुए रुक क्यो गये कि मेरी चुचि बड़ी हो गयी है…..मेरी एक ही चीज़ बड़ी नहीं हुई…….आपका ल…भी तो बड़ा हो गया है…..और हां आप भी तो जवान हैं….आपका भी चक्कर चल रहा है क्या? मेरी तो सहेलिया आप पर मरती हैं…..उनको आपका लू….पसंद है” भैया भी शरत से हंस पड़े” अब तू क्यो मेरा लंड कहने से शरमाती है मेरी बहना…….ठीक है तेरी चुचि वाकई ही बहुत मस्त हो चुकी है…..अगर तेरी सहेलिओं को मेरा लंड पसंद है तो तुमको नहीं है क्या?
अगर तुमको भी पसंद है तो बाहर क्यो तलाश करें किसी की. तेरी जवानी भी काफ़ी मस्त है बहना. क्यो तेरी चूत का महुरत हुआ है कि नहीं अभी तक. अगर नहीं हुआ तो अपने भैया को मौका दे दो और तुझे जन्नत की सैर करा देता हूँ, स्नेहा.” मैं जान बुझ कर शरमा गयी और बोली,” भैया, तुम नहीं जानते कि इस घर में क्या हो रहा है. मा तो छबरा अंकल से चुदवा रही है और शायद आज रात पापा और अंकल अपनी पत्नियाँ बदलने का प्रोग्राम बना रहे हैं. भैया आज हम छुप कर मम्मी पापा और अंकल आंटी का चुदाई कार्यकरम देखेंगे और मैं तुझे अपनी जवानी की पहली चुदाई का तोहफा दूँगी”
भैया ने मुझे हैरत से देखा और शरारत से मुस्कुरा पड़े,” मेरी छोटी बहना तो बहुत जवान हो गयी है और जब से मैने तुझे देखा है मेरा लंड नहीं बैठ रहा. चल स्नेहा, मेरे कमरे में हम अभी चुदाई करते हैं,” मेरी चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए भैया ने कहा. मैने भी भैया का लंड हाथ में ले लिया लेकिन मुस्कुरा कर कहा,” भैया इतने उतावले क्यो हो रहे हो. मैं कौन सी भागी जा रही हूँ.
अपनी चुदाई रात को होगी, तुम रात तक अपनी बेहन का इंतज़ार नहीं कर सकते? मेरी चूत भी चुदने को उतावली है लेकिन रात ही हमारे लिए सेफ टाइम होगी जब मा पापा और अंकल आंटी भी चुदाई में व्यस्त होंगे.” भैया मान गये और हम अपने अपने रूम में चले गये. शाम को अंकल आंटी भी पहुँच गये और पापा भी आ गये. पापा ने मुझे गले लगा लिया और मैने देखा कि पापा का लंड मेरे पेट में चुभ रहा था.
शायद पापा चुदाई के लिए बेकरार हो रहे थे. मैने भी अपनी मस्त चुचियाँ पापा की छाती से रगड़ डाली. मैं और भैया मेरे कमरे में बैठ कर टीवी देख रहे थे जब अंकल और आंटी आए. हम ने चोरी से देखा कि पापा ने वीना आंटी को गले से लिपट कर कहा”हे, मेरी प्यारी बेहन वीना, कितनी देर के बाद मिल रही हो तुम. अपने भैया को एक प्यार की जॅफी तो दो.
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