RE: Antarvasna stories मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग
मामा की निगाए भाभी के जोबन से हट ही नही रही थी ,भाभी घर में हर वक्त घूघाट में रहती थी तो कभी मामा ने भाभी का चेहरा भी ठीक से नाही देखा होगा ,मेंने भाभी का हाथ थाम के उनको उठने की मदद करी और भाभी उठ के झट से अपने घूँगट में चली गयी और बोली ससुर जी देखिए ना मीना मुझे परेशान कर रहीहै ,मामा अभी भी भाभी के ब्लाउस को घूर कर कह रहे थे वीना टू अपनी भाभी को परेशान मत कर उसको घर का सारा काम करना पड़ ता है उसके काम मे हाथ बटा नाही तो तुझे आज ही गाओं .भेज दूँगा कह कर उपर अपने कमरे में चले गए,और उनके जाने के बाद भाभी फिर मेरे पीछे भागने लगी और में किचन की तरफ भागी पर भाभी ने पकड़ ही लिया मुझे और मेरी चूचिया भींच दी में दर्द से चिल्लाई साली रांड़ अपने ससुर को भी नही छोड़ा उनसे चुदवाएगी क्या,वो बोली चुप शैतान नही तो और एक बार भींच दूँगी,मुझे और परेशान मत कर मुझे अभी बहुत काम है में जा रही हू नहाने के बाद खाना भी पकाना है , तू चावल के लिए पानी चढ़ा दे चूल्हे पर ,भाभी अपनी ब्लाउस और ब्रा खोलने लगी और फिर पेटिकोट भी उतार दिया और नहाने गयी घर के पीछे बने कुए के पास,में भी किचन में गयी किचन की एक खिड़की घर के पिछवाड़े की तरफ खुली हुई थी तो में भाभी को देख सकती थी,विश्वनाथ जी के घर के पिछवाड़े के पास उनके पड़ोसी का भी पिछवाड़ा था और दो बच्चे जो की 9 या 10 भी क्लास में पढ़ रहे थे ,भाभी बच्चो की तरफ देखी और कुए से पानी निकाल कर नहाने लगी वो सोची होगी छोटे बच्चे हैं पर आज कल के बच्चो को तो आप जानते हैं ,भाभी ने जब अपने उपर पानी डाला तो उनकी सारी ट्रॅन्स्परेंट होने के कारण उनकी चूचियाँ सॉफ दिख ने लगी ,भाभी की लाल चड्डी भी दिखने लगी और यह देख बच्चो के हाथ अपने अपने आप हाफ पॅंट पे चले गये लगे लुल्ली से खेल ने ,भाभी ये
देख कर थोड़ा हस्ने लगी में भी हस्ने लगी बच्चे हो या बूढ़े औरत की चुचियाँ और गांद को कोई नज़र अंदाज नही कर सकता बाप रे हे भगवान,भाभी थोड़ी शरारत के मूड मे थी इसलिए उसने अपने पल्लू को चुचियो से थोड़ा हटा दिया अब बच्चो को भाभी की गोरी चुचियाँ नज़र आ रही थी और उनकी हाफ पॅंट में तंबू बनता जा रहा था तभी पीछे से आवाज़ आई किसी मर्द की जोनी बंटी कहाँ हो और एक मर्द जो कि 40 बरस का होगा और उनके पास आया और जो उसने देखा बच्चे क्या कर रहे थे तो उसने बच्चो के कान पकड़ कर डाँट लगाई,भाभी ने ये देख कर अपनी सारी को थोड़ा अड्जस्ट कर लिया लेकिन सब कुछ दिख रहा था कपड़े गीले होने के कारण से,फिर भाभी नहाने लगी और मेने चूल्हे पर पानी चढ़ा दिया फिर मेने खिड़की में देखा तो अब वोही मर्द फिर आया कुछ कपड़े ले कर और सुखाने लगा और एक बड़ी चादर के पीछे से चुपके चुपके भाभी की ओर देखने लगा भाभी ने उसकी ये हरकत देख ली और उसे और सता ने के लिए अपना एक पाँव कुए पा रख कर जाँघ पर साबून लगाने लगी यह देख कर वो आदमी तो संभाल ही नाही पाया और अपनी लूँगी में हाथ डाल ही दिया ,भाभी को ये सॉफ दिख रहा था फिर भाबी ने थोड़ा और सारी थोड़ी और उठा दी अब उनकी चड्डी सॉफ दिख रही थी फिर क्या वो भाया तो संभाल ही नाही पाए और सीधा अपनी लूँगी मे एक हाथ मे लेकर अपना 8 इंच का काले लंड को बाहर निकाल दिया और हिला ने लगे चादर के पीछे पर चादर ट्रॅन्स्परेंट थी तो भाभी को सब दिख रहा था तभी एक मोटी से औरत उन दोनो बच्चो के साथ आई जो उस आदमी के पत्नी लग रही थी बेलन लेकर आई और उसके कान पकड़ कर उसे घसीट कर ले गयी घर के अंदर और ज़ोर से धुलाई की आवाज़ आने लगी लगता था बच्चो ने अपने पिता से बदला ले लिया था ,
में फिर उनके पास दबे पावं जा कर बोली भाभी तो वो चौंक पड़ी और तभी कमरे की खिड़की भी किसी ने बंद कर दी भाभी झट से उठ कर अपनी चड्डी उपर कर के घर की ओर चलने लगी ,में भी उनके पीछे चली गयी ,भाभी के कमरे में अरे भाभी तुम तो रंडी निकली बाप तो बाप बच्चो को भी नही छोड़ा भाभी कपड़े पेहेन्ते हुई बोली क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ में नही आ रहा ,मेने उसकी खुली चुचि को पकड़ लिया और बोली साली में तेरी सारी हरकत किचन से देख रही थी इतनी सती सावित्री मत बन,साली बच्चो कों भी नही बक्सा साली तुझे इतनी चूत में खुजली हो रही है तो भैसे के पास चल तेरी चूत फाड़ देगा वो. वो मुझसे अपनी चुचि छुड़वाने की कोशिश कर के बोली तुम्हे तो हर वक्त वोही सूझता है छोड़ो मुझे मुझे बहुत काम है नही तो मैं चिल्लाउन्गि ससुरजी को ,मेने माँ का नाम सुनकर उसको छोड़ दिया और बोली ठीक है भाभी में तुम्हे देख लूँगी ,में बाहर चली आई तो मेरी नज़र उस खिड़की पर पड़ी वो तो मामा के रूम का खिड़की थी और घर में तो में ,भाभी और मामा ही थे क्या मामा भाभी को देख रहे थे,मेरे मन मे सवाल गूँज रहा था,पर मेने भाभी को कुछ नही कहा और भाभी के साथ मस्ती मज़ाक मे खाना पकाने लगी और दोपहर हो गयी,
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