RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
मलिने के आँखे बड़ी हो गयी वो बोली "क्या सेठ जी के मेहमान हो तुम..... अरे सेठ जी को नही कौन बोल सकता है ...
मैं तुम्हे ज़रूर इंग्लीश सिखाउंगी..... बोलो कब्से सीखनी है तुम्हे...."
मैं बोला "कल से ......"
मालिनी बोली "ठीक है पर ट्यूशन कहाँ लेंगे तुम्हारी हम लोग....."
मैं बोला "आपके घर....."
मालिनी बोली "ठीक है कल स्कूल के बाद याने 3 बजे के बाद कभी भी आ जाओ तुम मेरे घर ....मैं यहाँ पास मे ही रहती हू "
मैं बोला "अच्छा ठीक ठीक...."
मालिनी बोली "चलो मैं निकलती हू अभी…. मिलते है " और वो निकल गयी....जाते समय उसके घेरावदर मस्त सारी मे क़ैद चुतताड पीछेसे मटकने लगे, मैने तो ठान लिया मालिनी तुझे मैं मस्त फ़ुर्सत से चोदुन्गा......
और उतने मे वो चपरासी वो तीन शिक्षक गन को लेके आया
वो लोग बोले "नमस्ते "
मैने चिल्लाके कहा "नमस्ते वमस्ते छोड़ो मादरचोदो, सेठ जी के पैसे कब लौटा रहे हो वो बोलो"
तीनो खड़क से नींद से जाग से गये. मेरी आवाज़ से वो दंग रह गये
उनमे से एक बोला "कुछ दिन और देदो बाबू जी.... फिर दे देते है "
मैने कहा "और कितने दिन"
दूसरा बोला "2 महीने..."
मैं बोला "क्यू 2 महीने मे कोई चोरी करनेवाले हो क्या तुम लोग ...जो इतना सारा पैसे वापस करोगे...."
और एक बोला “अरे बाबूजी आप तो बड़े हो… हम 2 महीने मे पैसे दे देंगे … भरोसा रखिए… ये देखो प्रिन्सिपल सर भी हमारे ही साथ तो है…”
ओह तेरी….. मतलब स्कूल के प्रिन्सिपल पे भी सेठ जी का कर्ज़ा था… और इन तीनोमे एक प्रिन्सिपल भी था…
मैने तब भी डांटा और बोला “डंडे पड़ेंगे तो काहे के प्रिन्सिपल और काहे के हेड मास्टर… मुझे बस पैसा चाहिए…”
उनमे से एक बोला “अरे तनिक ठंडक रखिए …. आप सेठ जी को मना लीजिए इस बार कैसे भी करके…सेठ जी के दिमाग़ को इस बार ठंडा कर दीजिए …बदले मे हम आपका दिमाग़ ठंडा कर देते है..”
उनमे से जो प्रिन्सिपल था वो बोला “आज श्याम 5 बजे मेरे घरपे आपके लिए हम लोग पार्टी आयोजित करने की सोच रहे है …कृपया आमंत्रण स्वीकार करे…”
मैं बोला “कैसी पार्टी…”
क्रमशः………………………..
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