RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
मैंने प्रिया को अपनी बांहों के आगोश में लेते हुए उसके लबों को चूमने लगा और प्रिया नीचे मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी।
फिर कुछ देर बाद मैं थोड़ा सा नीचे की ओर सरक गया अब प्रिया के मम्मे मेरे मुंह के सामने थे, मैं उसकी एक चूची को अपने मुंह में लेकर उसके चूसने लगा और दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को मसल रहा था।
मैं प्रिया की चूची बदल बदल कर चूस और पी रहा था, कभी कभी तो मैं उसकी चूची के निप्पल को अपने दांतों से काट लेता।
बड़ा ही मज़ा आ रहा था प्रिया के दूध पीकर।
मेरे ऐसा करने से उसकी और भी ज्यादा हालत खराब हो गई थी वो अब धीरे धीरे ‘ऊऊह्ह्ह्हूऊऊऊऊ आअह्ह्ह्ह’ कर रही थी।
जब प्रिया से नहीं रहा गया तो वो मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालने की कोशिश करने लगी पर इस पोजीशन में मेरा लण्ड प्रिया की चूत के अन्दर नहीं जा रहा था तो प्रिया खुद ही मेरे ऊपर चढ़ गई, मैं उसके दोनों पैरों के बीच में लेटा हुआ था और प्रिया घुटने मोड़ कर मेरे लण्ड के ऊपर बैठी थी।
प्रिया ने अपने एक हाथ से मेरे लण्ड को अपनी चूत के छेद पर लगाया और थोड़ा सा नीचे को बैठने लगी।
मेरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर जाने लगा, जब मेरे लण्ड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया तो वो मेरे ऊपर लेट सी गई और उसने मेरे होंठ को अपने होंठ में दबाकर के जोर का धक्का मेरे लण्ड पर दे मारा।
‘ऊऊईईईईम्म्म्माआआआ!’
मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा समा गया, प्रिया की आवाज मेरे और उसके मुंह के अन्दर ही घुट कर रह गई।
प्रिया की चूची मेरे छाती पर दबी ही थी और मेरे दोनों हाथ उसके चूतड़ को सहला रहे थे।
प्रिया कुछ देर ऐसे ही मेरे ऊपर लेटी रही और फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी।
मैं उसकी जीभ को चूसने लगा और वो अपनी चूची मेरी छाती पर रगड़ने लगी।
कुछ देर बाद उसने अपनी गांड उठाकर मेरे लण्ड पर मारने लगी, एक तो हम दोनों के बदन में आग लगी हुई थी ओर ऊपर से हमारे ऊपर रजाई थी।
रजाई के अन्दर इतनी गर्मी हो गई थी कि हम दोनों को पसीने आ गए।
फ़िर मैं उसकी चूची अपने मुंह में डालकर पीने लगा और साथ ही मैंने उसके चूतड़ को अपने दोनों हाथों से कुछ ऊपर किये और फिर नीचे से उसकी चूत में लण्ड पेलने लगा।
मैं लगातार उसके बूब्स को चूसे जा रहा था और साथ ही मैं उसकी चूत पर नीचे से धक्के लगाये जा रहा था।
कमरे में हमारी चुदाई का मधुर संगीत गूंज रहा था, प्रिया की चूत से इतना पानी निकल रहा था कि जब भी मेरा लण्ड उसकी चूत में अन्दर बाहर होता तो फच फच फच फच की आवाज आती।
हमारी चुदाई के मधुर संगीत को कोई सुनने वाला नहीं था क्योंकि पारुल और मुकेश तो सोये हुए थे।
कुछ देर बाद ही प्रिया मेरे ऊपर लेटे लेटे थक गई तो उसने में कान में धीरे से कहा- भाई, मुझे नीचे लेकर चोदो।
प्रिया मेरे ऊपर से उतर कर नीचे बेड पर लेट गई उसके नीचे लेटते ही मैं उसके पैरों के बीच आया और पहले उसकी चूत को किस किया फिर उसकी चूत को चाटने लगा, अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा।
कुछ देर ऐसे ही चूत चाटने के बाद मैं प्रिया के मुंह की तरफ आया और अपने हाथ से अपना लण्ड उसके होंठों पर रख दिया।
प्रिया ने अपना मुंह खोल कर मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया, मेरे लण्ड के सुपाड़े को अपने होंठों में दबा कर उसको चूसने लगी। मेरा लण्ड चूसते हुए वो अपनी जीभ से मेरे लण्ड के सुपाड़े के छेद को कुरेदने लगी, उसके ऐसा करने से मुझे अपार आनन्द आ रहा था।
मेरा लण्ड प्रिया ने चूस चूस कर अपने थूक से तर कर दिया।
जब मेरा लण्ड प्रिया के थूक से तर हो गया तो मैं फिर से प्रिया के पैरों के बीच आ गया और उसके पैरों को चौड़ा करके अपना लण्ड उसकी चूत पर लगा कर एक जोरदार धक्का उसकी चूत पर दे मारा।
‘ऊऊऊईईम्म्म्माआआअ…’ वो धीरे से चीखी मेरा लण्ड पूरा उसकी चूत में उतर गया।
फिर मैंने उसकी चूची को पकड़ा और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
हर धक्के पर उसके मुंह से ‘अऊऊआअय्य्य’ करके आवाज आती।
प्रिया चुदते हुए मेरी कमर को सहलाती तो कभी मेरे चूतड़ों को।
कुछ देर बाद ही मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने प्रिया को कहा- जान, मेरा होने वाला है।
तो प्रिया भी बोल पड़ी- भाई रुकना नहीं, रुकना नहीं मेरा भी होने वालाआआआआअ है!
और इतना कहते ही उसने मुझे जकड़ लिया, उसकी चूत से काम रस बह निकला जो मेरे लण्ड को तर कर रहा था।
मेरा भी अब होने की कगार पर था, मैंने आठ दस धक्के उसकी चूत पर कस कस के मारे और फिर मेरे लण्ड ने भी प्रिया की चूत में लावा उगल दिया, हम दोनों ही झड़ चुके थे।
मैं प्रिया के ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा जब तक मेरे लण्ड सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर न आ गया।
फिर प्रिया ने मुझे अपने ऊपर से हटने को कहा तो मैं उसके ऊपर से हट कर साइड में लेट गया।
वो उठी और बाथरूम में अपनी चूत को साफ़ करके फिर से मेरे पास आकर लेट गई।
मैंने प्रिया को बोला- कर लिया अपनी चूत को साफ़?
तो वो बोली- हाँ भाई!
तो मैंने कहा- मेरा लण्ड कौन साफ़ करेगा?
तो उसने कहा- सॉरी भाई, मैं भूल गई।
इतना कहने के बाद वो मेरे लण्ड के पास गई और फिर मेरे लण्ड को अपने हाथ में पकड़ा और उसको अपनी जुबान से चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
मेरा लण्ड साफ़ करने के बाद वो फिर से मेरे पहलू में आकर लेट गई।
प्रिया नंगी ही बाथरूम गई थी जिसकी वजह से उसको ठण्ड लग रही थी, वो मुझसे लिपट कर लेटी हुई थी, वो अब भी कांप रही थी तो उसको मैंने अपने आगोश में पूरी तरह ले लिया।
कुछ देर बाद मेरे शरीर की गर्मी मिलने के कारण उसका बदन भी गर्म हो गया था।
कुछ देर बाद प्रिया ने कहा- भाई, चलो अब कपड़े पहन लेते हैं नहीं तो मुझे आपके आगोश में पड़े हुए बहुत जल्द ही नींद आ जायेगी।
मैंने प्रिया के लबों को चूमते हुए कहा- मेरा मन तेरे साथ नंगे सोने का है।
तो प्रिया ने मुझे समझाते हुए कहा- मेरे सजना, मेरे बलम… मेरी बात मान जाओ, जिद नहीं करते, अगर किसी ने हमको इस हालत में देख लिया तो बहुत मुश्किल हो जायेगी। जब घर में कोई नहीं होगा, तब तुम जो कहोगे, मैं वो सब करुँगी पर अभी खुद भी कपड़े पहन लो और मुझे भी पहने दो।
प्रिया की बात तो सही थी, इसलिए मैंने उसको कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने कपड़े पहन लिए और प्रिया भी सूट सलवार पहन कर मुझसे चिपक कर लेट गई और मुझसे पूछा- भाई, आप मुझसे नाराज तो नहीं हो न?
तो मैंने कहा- नहीं जान, मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ।
और इतना कह कर हम दोनों एक दूसरे की कोली भर कर सोने की कोशिश करने लगे।
दोस्तो, यह थी मेरी और प्रिया की कबड्डी…
आपको कैसी लगी।
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