RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
थोड़ी देर बाद हम फिर बैठ कर ड्रिंक ले रहे थे. अब नंगा रहने मे मुझे शरम नही आ रही थी. यहाँ मैं अपने बेटे और उसके दोस्त और एक अंजान आदमी के साथ नंगी बैठी थी.
विनोद हमारी कहानी सुनना चाहता था कि हम सब यहाँ तक कैसे पहुँचे. रवि ने उसे थोड़ा हिस्सा सुनाया. हमारी कहानी सुनने मेने देखा कि उसका लंड एक बार फिर खड़ा हो गया है. थोड़ा सुसताने के बाद रवि ने पूछा, "क्या सब एक और राउंड के लिए तय्यार है." मेने नज़रें घूमाकर देखा तो रश्मि और शीला वहाँ नही थे.
रवि एक बार नीचे लेट गया और में उसके उपर होते हुए उसका लंड अपनी चूत मे ले लिया. राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और विनोद ने पीछे से अपना लंड राज की गांद मे. हम चारों जम कर चुदाई कर रहे थे. जब तीनो का लंड अपने अपने स्थान पर पानी छोड़ रहा था रश्मि ने कमरे मे आते हुए कहा, "वाह क्या सीन है!"
जब हम सब थक कर अलग हुए तो मेने देखा कि शीला काफ़ी थॅकी थॅकी सी दिख रही है, "तुम दोनो कहाँ चली गयी थी?" मेने रश्मि से पूछा.
"शीला को चूत चूसने की ट्रैनिंग देने के लिए इसे रीता और अनीता के पास ले गयी थी." रश्मि ने जवाब दिया.
शीला ने सिर्फ़ विनोद से इतना कहा, "क्या अब हम अपने कमरे मे चले?"
शीला और विनोद बिना कुछ कहे कपड़े पहन अपने रूम मे चले गये.
"ऐसा वहाँ क्या हुआ जो शीला इतनी थॅकी और उखड़ी हुई थी." मेने पूछा.
"तुम्हे विश्वास नही होगा उन दोनो लड़कियों ने शीला की हालत खराब कर दी. उसके जिस्म मे इतनी आग भर दी की वो पागल हो गयी. उसने सबकी चूत चूसी चाति और डिल्डो से चुडवाया भी. एक नही दो दो डिल्डो से साथ साथ चुडवाया. बाकी सब में सुबह नाश्ते के टेबल पर बताउन्गि अब में सोने जा रही हूँ." ये कहकर रश्मि रवि को पकड़ सोने चली गयी.
मैं भी राज की बाहों मे सो गयी.
टू बी कंटिन्यूड…………..
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