RE: XXX Stories बीवी ने मेरा काम बनवा ही दिया
डिन्नर के बाद सुषमा ने मुझे किचन मे बुलाया और साथ ही काजल को भी आँख से इशारा किया.सुषमा ने मुझे किचन मे बुला कर दूध के ग्लास मे नींद की गोली डाली.मुझे पता था कि काजल भी खिड़की से छुप कर ये सब देख रही थी.सुषमा ने मुझे दूध का ग्लास देते हुए कहा कि जाओ आप खुद ही ये काजल को दे दो.मैं जान बुझ कर दूध ले जाने मे डेले कर रहा था जिस से काजल को अपने रूम मे जाने का मौका मिले.मैं काजल के रूम मे गया तो देखा उसने कोई किताब पढ़ने के लिए उठा रखी है.मेने कहा कि तुम्हारी भाभी किचन मे काम कर रही हैं तुम ये दूध पी लो. काजल ; रख दो भैया मैं पीलून्गि.मैं बाहर चला गया.कुच्छ देर के बाद सुषमा काजल के पास गयी तो उसने दूध को फ्लश मे डाला और उसे फिर तस्सली दे कर आई कि तुम्हारे भैया ने अब तो खुद तुम्हे नींद की गोली मिला हुआ दूध दिया है, तुम स्कर्ट के नीचे से चड्धि उतार लो और बस नींद मे होने का नाटक करना, मैं अभी तुम्हारे भैया को बोल कर आती हूँ.
सुषमा मेरे पास आ कर हिदायत देने लगी” बहुत प्यार से अधखिली कली का रस इतमीनान से चूसना.उसने नींद की गोली नही ली है लेकिन आप उसे सोई हुई समझ कर चूत चाटना ताकि वो आपकी निगाहों मे मासूम और भोली बनी रहे जैसे कि उसा पता ही नही कि उसके साथ क्या हो रहा है.सुषमा वापिस गयी और आधा घंटा के बाद काजल के कमरे से ही मुझे आवाज़ दी ” अजाओ ,काजल गोली के असर से सो चुकी है”. मैं नज़दीक पहुँचा तो सुषमा उसे कह राई थी “अब आँख बंद कर लो, तुम्हारे भैया आ रहे हैं”.मेरे अंदर जाते ही सुषमा बोली “सम्भालो अपनी नयी रानी को, अब ये नही जागने वाली सुबह तक”, यह कह कर सुषमा बाहर निकल गयी. आह ! काजल की कुँवारी ताज़ा जवानी मेरे सामने लेटी हुई थी.मेने आहिस्ता आहिस्ता होंठो , गालों और गर्दन को चूमा, फिर स्कर्ट को चूतदों के नीचे से खिसका कर चुचिओ तक उपर चढ़ा दिया.नीचे ना ब्रा ना पेंटी, गहरी नाभि और गदराई जांघों के बीच फूली हुई फ्रेश चूत !पहले मेने समोसे जैसी चुचियाँ मूह मे भर-2 कर चूसी तो काजल की टाँगों मे कुच्छ हलचल हुई.
मेने जीभ को नाभि मे डाल कर हिलाया तो उसकी जंघे चौड़ी होती गयी हालाँकि उसने ऐसा शो करके जांघों के बीच जगह बनाई जैसे नींद मे अपने आप हो गयी हों.मेने उसके भारी चुतदो के नीचे एक तकिया लगाया और टाँगों के बीच आ कर तपते हुए होंठ चूत पे रख दिए.उतेज्ना से काजल ने चेहरा एक साइड मे कर लिया.मैं उसकी चूत के लहसुन को जीभ से गिट्टार के तार की तरह छेड़ने लगा, फिर लहसुन को होंठों के बीच दबा कर चूसने लगा.क्लिट तन कर सखत हो गया.मुझे अब ऐसा लगा कि काजल की हल्की सी सिसकारी निकल गयी .मेने आँखे उपर उठा कर देखा काजल के होंठ ज़रा से खुल कर थरथरा रहे थे.अब मेने दोनो जांघों को उपर उठा कर पिछे की तरफ मोड़ दिया जिस से उसकी डबल रोटी जैसी चूत ज़्यादा उभर कर सामने आगाई.फिर मैं पूरी जीभ चूत पे रख कर पान के पत्ते की तरह चाटने लगा यानी गांद से लेकर चूत के टिंट तक चाटने से काजल की जंघे और चौड़ी हो गयी.
चूत से लगातार कामरस मेरी जीभ को मेहनत के फल के रूप मे मिल रहा था.काजल को अभी भी यकीन था कि मैं उसे सोई हुई समझ कर उसका कामरस पी रहा हूँ.अब मैं जीभ को चूत के द्वार मे डाल कर लॅप-लॅप करके चाटने लगा तो काजल का बदन अकड़ने लगा और चूतड़ उचकने लगे.बेमिसाल स्वाद के असर से बेचारी भूल गयी कि उसने सोने का नाटक भी किया हुआ है.मैं दोनो हाथों को चूतदों के नीचे लगा कर ज़ोर ज़ोर से चूत से रिस रहे कच्चे खट्टे नमकीन रस को चाटने लगा.कुच्छ ही देर के बाद काजल की मुठियाँ भिन्च गयी और एक झटके के साथ चूत मेरे मूह से चिपक गयी.चरम सुख से चूत खुल-बंद हो रही थी और मैं लगातार निकल रहे मदन रस को चाट ता रहा जब तक कि काजल पूरी तरह निढाल ना हो गयी.उसके बाद मेने अपने बेडरूम मे जा कर सुषमा को सुक्रिया कहा और काजल की कल्पना करके उसकी जबरदस्त चुदाई की.अगली सुबह ननद भाभी की बातों का मज़ा लेने के लिए मेने फिर से किचन की खिड़की से कान लगा दिया.
क्रमशः...................
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