RE: Sex Chudai Kahani अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता
अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता --08
संगीता की चूत अब इतने दिन से प्यासी थी और अफ़रोज़ की बातो ने उससे और रसीली बनाया.वो अब ज़रा बेशर्मी से बोली,"हन अफ़रोज़ इसी लिए मई तुझे मिलने आए क्योंकि मुझे भी तेरी बहुत याद आ रही है.ठीक है अफ़रोज़ मई रुकती हून पर तू जल्दी आ." अफ़रोज़ अपना प्लान कमियाब होते देख खुश होके बोला,"श मेरी प्यारी जान,मेरी चिकनी रंडी,तू वही रुक,मई जल्दी आता हून तुझे चोदने.तब तक सलीम से बात करो और सुनो उसकी कोई बात से इनकार मत करना नही तो तेरी चूत चोदने उसका घर हमे नही मिलेगा कभी और मेरा लंड नही मिला तो तू क्या करेगी?समझी ना मेरी बात रंडी?"संगीता झट से बोली,"हन रुकती हून पेर अगर वो...." संगीता आगे कुछ बोल ही नही पाती शर्म से इसलिए टॉपिक चेंज करते बोली,"अफ़रोज़ तुमको कितना और टाइम लगेगा?" अफ़रोज़ संगीता की रुकी बात पकड़ते बोला,"हन अगर वो क्या रखैल, बोल ना आगर वो क्या?मुझे आधा घंटा और लगेगा" सलीम के संगीता उसकी बुराई नही कर सकती इसलिए बोली,"तुम जल्दी आओ ना अफ़रोज़,मई बेचेन हून तुमसे मिलने." पर अफ़रोज़ ज़िद पकड़ते बोला,"देख संगीता अगर तू नही बताएगी सलीम के बारे मई क्या कहना चाहती है तो मई आयुंगा ही नही समझी?अब बोल अगर सलीम क्या?" संगीता अफ़रोज़ की बातो से गरम हुई और अब उसके दिल मई सलीम का क्या डर है,वो क्या कर सकता है उसके साथ यह सब अफ़रोज़ को बताने के इरादे से हल्की आवाज़ मई बोली,"अफ़रोज़ प्लीज़ समझो तुम,सलीम मुझे घूर रहा है,उसकी नज़र ठीक नही है अफ़रोज़.कही उसने कुछ गड़बड़ की तो?इसलिए मई बोलती हू मुझे जाने दो या फिर तुम जल्दी आओ यहा.तुम जल्दी आओ देखो मई यहा और नही रुक सकती हून."संगीता की बात सुनके अफ़रोज़ हेस्ट बोला,"आरे रंडी कुछ नही होगा,उसके बारे मई शक भी मत कर, वो बड़ा अछा लड़का है,तुझे भाभी मानता है वो समझी?चल अब एक पप्पी दे मुझे जल्दी से ताकि तेरी याद मुझे बेकरार करे और मई जल्दी आउ तुझे चोद्नेने,एक किस दे मुझे रंडी जल्दी." अफ़रोज़ की डिमॅंड सुनके संगीता बोली,"नही अफ़रोज़,तुम यहा आओ फिर जहा चाहो किस दूँगी पर अभी कुछ नही." अफ़रोज़ गुस्से से बोला,"नही रंडी,अभी किस दे तो जल्दी आयुंगा." इस्पे संगीता ने धमकी दी की,"अफ़रोज़ तूने आइसे कुछ भी माँगा सलीम के सामने तो देख मई चली जायूंगी." इस धमकी से अफ़रोज़ एकद्ूम गुस्सा होके बोला, "मदरचोड़ रंडी,तेरी मा की चूत,साली मुझे धमकी देती है?ठीक है रॅंड तो तू घर जेया और देख तेरी क्या हालत होगी बाद मई.तारे बाप को तेरी सब करतूत बतौँगा,उसके बाद तू क़िस्सी को मूह दिखाने के काबिल नही रहेगी.आखरी बार पूच रहा हून,किस देगी या नही."इस धमकी से डारके संगीता बिना बोले सीधे फोन रिसीवर किस करती है. सलीम उससे रिसीवर किस करते देखके स्माइल करता है.किस करके संगीता बोली,"अफ़रोज़ देख अब तेरी बात मान ली अब प्लीज़ जल्दी आओ ना." खुश होके अफ़रोज़ बोला,"अहह जनंनणणन् तू मेरी रंडी है,अक्चा अब मई जल्दी आता हून.छमिया अब नाराज़ मत हो,अभी आके तुझे इतमीनान से चोदुन्गा ठीक है?" संगीता हन बोलती है और अफ़रोज़ फोन डिसकनेक्ट करता है.सलीम उठके संगीता के हाथ से रिसीवर लेक रखते बोला,"अक्चा हो गये अफ़रोज़ से बात कूशबू?क्या बोला अफ़रोज़,कब आ रहा है वो?" संगीता शर्माके कुछ नही बोली तो सलीम आगे बोला,"संगीता तू बार-बार मारे बारे मई क्यों बोल रही थी अफ़रोज़ से?तुझे क्या मुझसे डर लगता है जो तू अफ़रोज़ को जल्दी आने कह रही थी?क्या मई बुरा आदमी हून?" संगीता तोड़ा शरमाते बार-बार नज़र बचा के सलीम को देखते बोली,"नही-नही ऐसे बात नही है सलीम,बस वो आइसे ही अफ़रोज़ को जल्दी आने बोल रही थी." सलीम आँख मरते बोला,"तो क्या बात है संगीता जो तू अफ़रोज़ से मिलने बड़ी बेताबी हो रही है?बहुत याद आ रही है क्या उसकी?" संगीता शर्माके सिर झुकते बोली,"ऐसा कुछ भी नही है सलीम,बस बहुत दीनो से उससे मिली नही इसलिए जल्दी आने बोल रही थी.""ठीक है लेकिन इसमे इतना शरमाना क्या संगीता?अक्चा आ इधर बैठ,अफ़रोज़ आने तक हम कुछ बाते करंगे." सलीम संगीता का हाथ पकड़के उससे सोफे पे अपने पास बिताते बोला,"वैसे संगीता अभी तूने अफ़रोज़ को किस दिया क्या फोन पे?" संगीता सलीम से अपना हाथ चुराते उसके सवाल ककोई जवाब नही देती.सलीम फिर उसका हाथ पकड़ते बोला,"बोल ना संगीता,इसमे शरमाना कैसे?" संगीता फिर हाथ चुराने की कोशिश करते बोली,"प्लीज़ मेरा हाथ चोरो सलीम,मुझे टच मत करो.मई अफ़रोज़ की गर्ल फ्रेंड हून तेरी नही." इस्पे सलीम संगीता के दोनो हाथ पकड़ते बोला,"पता है तू अफ़रोज़ का माल है पर मेरी बात का जवाब दिए बिना हाथ नही चोरँगा तेरा." संगीता गुस्से पे अपना हाथ खिचते बोली,"यह क्या?हाथ चोरो ना मेरा सलीम.और यह क्या तुम बोलते हो की मई अफ़रोज़ का माल हून?क्या मतलब है इसका?"संगीता इतने ज़ोर्से अपना हाथ खिचती है की उससे सलीम भी उसकी तरफ खिछा चला आते उसके सिने से टकराता है.अपना सीना वैसे ही संगीता के सिने से लगाके सलीम बोला,"आरे इतना क्यों गुस्सा होती है तू संगीता?मैने सिर्फ़ यही पूछा ना की अफ़रोज़ को फोन पे किस दिया क्या तूने?और तू अफ़रोज़ की गर्लफ्रेंड है इसलिए मैने तुझे उसकी माल बताया." संगीता पीछे होके आख़िर बोली,"हन किया था उससे फोन पे मैने किस,प्लीज़ अब मेरा हाथ चोरो ना,नही तो अफ़रोज़ को बोलूँगे की तुम मुझे इतना तंग करते हो." इस्पे सलीम अब ज़रा स्टाइल बदलके बोला,"क्या बोलेगी अफ़रोज़ को तू संगीता?की मैने तेरा हाथ पकड़ा था यही ना?आरे मैने तो तुझे भाभी मान के तेरा हाथ पकड़ा था,क्योकि तू अब अफ़रोज़ की बीवी बननेवाली है ना संगीता?" यह बोलते सलीम फिर उससे आँख मरते हाथ पकड़ा. खुद को सलीम की भाभी और अफ़रोज़ की बीवी के रूप मई मान ही मान मई देखते अब संगीता शर्ंके बोली,"हन मई तो तय्यार हून उसकी बीवी बनने पेर उसने अभी तक बोला नही की वो कब मुझसे शादी करेगा.सलीम प्लीज़ मुझे अककचा नही लगता तुमारे आइसे मुझे हाथ लगाना,तुम ज़रा दूर रहो ना,मई अफ़रोज़ की अमानत हून."अब संगीता हाथ चुराने की कोशिश नही कर रही थी यह देखके सलीम उसके हाथ मसालते बोला, "आरे वो मुझसे बोला की वो तुझे बहुत चाहता है और तुझसे ही शादी करेगा,और तो और उसने तुम्हारे लिए एक अछा फ्लॅट पे देख रखा है शादी के बाद रहने के लिए.अब तुझे भाभी बोला तो भी क्यों अपने देवर से इतना शरमाना?अब तो फ्री हो मारे सामने." संगीता अब भी सपने मई थी और बिना सोचे बोली,"प्लीज़ चोरो ना मेरा हाथ अफ़रोज़,यह क्या कर रहा है तू?" संगीता की इस ग़लती को पकड़ते सलीम बोला,"आरे संगीता मई अफ़रोज़ नही सलीम हून.लगता है तुझे अफ़रोज़ की बहुत याद आ रही है.वैसे और क्या-क्या करते हो तुम दोनो अकले मेरी बेडरूम मई संगीता?सिर्फ़ किस्सिंग ही या और कुछ भी करते हो?" सलीम के हाथ रगड़ना,सिने पे नज़र रखना और अफ़रोज़ के बारे मई सवाल सुनके संगीता परेशन होके अब ज़रा डरते बोली,"प्लीज़ मुझसे तुम और कुछ बाते मॅट करो सलीम, मुझे टच मॅट करो और ऐसे बात मॅट पूछो."सलीम अब संगीता के शर्म और डर का फ़ायदा उठाते बोला,"आरे आइसा मत बोलो संगीता,तुझे देखा तो मुझे मारे गर्लफ्रेंड नीता की बड़ी याद आती है.वो यहा होती तो ना जाने मई क्या-क्या करता उसके साथ.बेडरूम मई उससे ले जाके पुर दिन भर आइश् करते हम जैसा तू और अफ़रोज़ करते है."संगीता सलीम के मूह से इतनी ओपन बाते सुनके और शर्माके कुछ बोलने बोली,"ऑश तो तुम्हारी गर्ल फ्रेंड भी है सलीम?देख अब तो तू समझा होगा ना की मारे दिल मई क्या होता है जब अफ़रोज़ से मिलने आती हून?इसलिए अब तू आगे कुछ मत पूच मुझसे.अब यह अफ़रोज़ को कितना टाइम लगेगा और?" सलीम ने अब संगीता की कमर मई हाथ डालते संगीता से और ओपन्ली बात करने का फ़ैसला करने का इरादा करते बोला,"हन संगीता मेरी भी लवर है,जैसे तू अफ़रोज़ का माल है नीता मेरा माल है,और तो और नीता तारे जैसे शर्मीली नही है.वो एकद्ूम बींदस्त ओपन लड़की है,मई जो बोलू करती है और तुझे पता है कभी-कभी अफ़रोज़ भी उससे किस करता है.पहली बार ना-ना किया पर जब मैने उससे समझाया तब वो अफ़रोज़ जब चाहये उससे किस देती है.हन आएगा अफ़रोज़ जल्दी,वैसे तू चाहे तो वो आने तक मई उसकी कमी पोरी करू?अफ़रोज़ आके जो करनेवाला है उसकी शुरुवत मई करू संगीता? वैसे अफ़रोज़ ने मुझे बोला है की अगर मई चाहू तो मई तुझे किस कर सकता हून,तो बोल देती है क्या एक किस मुझे?..
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