RE: Sex Chudai Kahani अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता
अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता --07
पहली चुदाई के बाद अब संगीता के ज़हन मई अफ़रोज़ पूरी तरह बस गया था. वो अफ़रोज़ की दीवानी बान गये थी.अफ़रोज़ के लंड ने जो उसके चूत मई आग लगाई थी वो बुझाने अब वो बार-बार उससे मिलने जाती.संगीता जैसे अफ़रोज़ की रंडी बान गये थी****से अफ़रोज़ से चुड़वाने का इतना शौक लगा था की वो कई बार तू कॉलेज बंक करके अफ़रोज़ के दोस्त सलीम के घर आके दिनभर अफ़रोज़ से अपनी चूत चुड़वति थी.यह चुदाई का सिलसिला शुरू होके अब 2-3 महीने हो गये थे जिसमे संगीता ने खूब चुदाई करके ली अफ़रोज़ से.यह सब बाते सलीम देख रहा था.जब अफ़रोज़ संगीता को उसके घर लेक चोद ता तब सलीम हॉल मई रहता.आते जाते वो संगीता से बाते करता था.चुडाने के बाद जब संगीता चली जाती थी तब वो और अफ़रोज़ संगीता के बारे मई बाते करते रहते.आइसे ही एक दिन सलीम ज़रा मज़ाक मई अफ़रोज़ से बोला,"यार अफ़रोज़,तू बड़ा हरामी है.मारे घर मई संगीता को चोद्ता है पर मुझे क्या मिलता है उससे?तेरा तो लंड शांत होता है पर आते जाते संगीता को देखके मेरा लंड खड़ा होता है उससे तो मुझे मूठ मरके शांत करना पड़ता है." सलीम के बात सुनके अफ़रोज़ बेशर्मी से बोला,"तो भद्वे तू भी चोद ना संगीता को.तूने उससे चोदा तो मारे बाप का क्या जाएगा?साली है मस्त माल,अब मई तो उससे शादी नही करनेवाला तो कोई और भी उससे चोदे मुझे कोई फराक नही पड़ता." अफ़रोज़ की बात सुनके सलीम खुश हुआ और फिर दोनो ने प्लान बनाया की सलीम कैसे संगीता को चोद सके.अफ़रोज़ ने अब धीरे-धीरे सलीम के सामने ही संगीता से खेलना शुरू की.वो सलीम के सामने उसका जिस्म हल्के सहलाता,गाल चूमता,पीठ और गांद पे हाथ घूमता.संगीता ने पहले उससे रोका था पर कुछ दीनो बाद उससे आदत पद गये.अब तो अफ़रोज़ उसके माममे भी मसलता था और किस्सिंग भी करने लगा था. संगीता बेशार्मो जैसे अफ़रोज़ को सब करने देती.वो समझी की सलीम को तो पता है की वो उसके घर अफ़रोज़ से चुड़वके लाने आती है तो अब उससे क्या शरमाना****से यह भी देखा की अब सलीम उससे हवस भारी नज़रो से देखने लगा था.संगीता ने यह बात अफ़रोज़ को बताई पर अफ़रोज़ ने हेस्ट उसकी बात ताल दी.संगीता को डर था की कही सलीम उससे ना पकड़ ले पर उससे यह यकीन था की सलीम अफ़रोज़ के सामने होते ऐसा कुछ नही करेगा और इससे विश्वास पे वो निश्चिंत हो गये.अफ़रोज़ संगीता को सलीम के सामने बेशर्म करने लगा था और अंजाने मई संगीता वैसे ही कर रही थी जैसा अफ़रोज़ चाहता था.अफ़रोज़ संगीता को सलीम से चुड़वाना चाहता था और सलीम भी संगीता की कमसिन जवानी चोद्नना चाहता है.संगीता का भरोसा जेटने अफ़रोज़ सलीम को उससे दूर रखता था पर सलीम के सामने उससे खूब खेलता.संगीता को अब उससे डर नही लगता क्योकि उससे सलीम पे भरोसा हुआ था की सलीम उससे कुछ नही करेगा.जब अफ़रोज़ को यकीन हुआ की संगीता सॅकी मई उसकी रंडी बान गये और सलीम से नही शरमाती तब एकदिन संगीता को सलीम से चुड़वाने का प्लान रंग लाया.अफ़रोज़ एक वीक से संगीता से मिला नही.संगीता जब-जब उससे फोन करती वो कोई ना कोई बहाना बना लेता और उससे नही मिलता.आख़िर 10 दिन बाद उससे संगीता को कल सलीम के घर मिलने बुलाया.अफ़रोज़ ने यह भी बताया की कल सलीम नही होगा इसलिए वो पुर घर मई चुदाई कर सकते है.यह बात सुनके संगीता बड़ी खुश हुई.पहले चुदाई के बाद यह अफ़रोज़ से उसकी सबसे लंबी जुदाई थी और दूसरे दिन दिल खोलके चुदाई करके इस जुदाई को मिटाने वो बेकरार हुई.संगीता स्कर्ट और शर्ट पहंके अफ़रोज़ से मिलने सलीम के घर गये और डोर नॉक किया.सलीम को दरवाज़ा खोलते देख वो ज़रा चॉक गये.सलीम स्माइल करते उससे उप्पर से नीचे देखते बोला,"आरे संगीता तुम,आओ आंदार." संगीता आंदार आके हैरानी से बोली,"सलीम,अफ़रोज़ आज मिलने वाला था,आया नही क्या वो अभी?" दरवाज़ा बंद करते सलीम बोला,"अफ़रोज़ आनेवाला है संगीता, उसने तुझे रुकने बोला है,वो आधे घंटे मई आएगा,आओ बैठो तो सही अफ़रोज़ आने तक." संगीता सोफे पे बैठ गये.यहा-वाहा की बाते करते-करते सलीम बोला,"वैसे अफ़रोज़ तेरी बहुत तारीफ करता है संगीता.अब तो अफ़रोज़ कहता है की संगीता मेरी जान है और वो तुझे बहुत चाहता है,तू उससे कितना चाहती है?बता ना संगीता,तारे दिल मई उसके लिए क्या है?" सलीम के मूह से यह बात सुनके संगीता बड़ी शरमाते बोली,"सलीम तुम भी ना कुछ भी पूछते हो?अब तुझे सब पता है फिर भी मारे दिल मई उसके लिए क्या है यह पूछना ज़रूरी है क्या?" फिर सलीम का ध्यान उस बात से हटाने संगीता जाके बाल्कनी मई खड़ी होते बोली, "उफ़फ्फ़,यह अफ़रोज़ कब आनेवाला है?"संगीता बाल्कनी की रेलिंग पे झुकके खड़ी थी,उसकी गंद बहार आए थी यह देखके सलीम खुश हुआ.उठके वो भी बाल्कनी मई संगीता के पास खड़े होते बोला,"क्या हुआ संगीता जो इतनी डिस्टर्ब्ड लगती हो?यह तो बता की अफ़रोज़ से मिलने तू इतनी बेताब क्यों है?" संगीता ने सलीम की तरह देखते सोचा की सलीम कैसे ओपन्ली बात कर रहा है****से ज़रा सलीम की नज़र मई खोट लगी इसलिए वो जल्दी पर शरमाते बोली,"नही आइसा कुछ नही,वो बहुत दीनो से मिला नही था इसलिए उससे मिलना था पर लगता है आज भी नही मिलेगा वो.मई जाती हून सलीम,अफ़रोज़ आए तो उससे बोल मुझे फोन करे." संगीता मुदके आंदार जाने देखती है तब सलीम उससे वही रुकते सीना घूरते बोला,"आरे तू उससे बिना मिले जाएगी तो अफ़रोज़ नाराज़ होगा संगीता,ज़रा रुक जेया वो बस आता ही होगा अब. वैसे तुम दोनो इतने बार मारे फ्लॅट पे मिलके बेडरूम का दरवाज़ा बंद करके क्या करते हो यह तो बताओ?"सलीम के इस सवाल से संगीता एकद्ूम शर्मा गये****से समझ मई नही आया की इस सवाल का क्या जवाब दे.ज़रा हड़बड़ते वो बोली,"सलीम कैसे सवाल पूच रहे हो?क्या तू नही जनता हम क्या करते है? अक्चा मई अब जाती हू तुम अफ़रोज़ को बोलना वो मुझे घर पे फोन ले." संगीता जैसे ही जाने मूडी सलीम ने उसका हाथ पकड़के उससे सोफे पे ले जाके बिताते बोला,"आरे संगीता तुझे अफ़रोज़ का गुस्सा पता है ना?उससे बिना मिले गये तो वो तुझसे कभी बात नही करेगा तू रुक तोड़ा टाइम,चल यहा पे बैठके बात करते है.सच मई मुझे नही मालूम तुम बेडरूम मई क्या बाते करते रहते हो तो अब तू ही बता इतनी क्या बाते करते हो तुम दोनो संगीता?" संगीता को सलीम का हाथ अफ़रोज़ के हाथ से ज़्यादा कड़क लगा****के हाथ की रफनेस उससे अपने गेंतले स्किन पे महसूस होते ही कुछ अक्चा भी लगा पर शरमाते वो बोली,"नही सलीम कुछ खास नही बस मई उसको अपने कॉलेज की बात बता ती हू और वो आपनी बात बस और कुछ नही
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