RE: Sex Chudai Kahani अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता
अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता - 02
संगीता के मम्मे,सीना मसलके चूमते अफ़रोज़ अब उसके होठ चूमने लगता है. संगीता भी गर्म होके अपना सीना अफ़रोज़ के हाथ पे दबाते उसके गले मै हाथ डालके किस का जवाब दाने लगती है.शन्गित की चूत पे लंड रगड़ते अफ़रोज़ उसको चूमते उसका जिस्म खूब मसालते बोला,"संगीता,तू कल शॉर्ट रेड त शर्ट और उसके नीचे वो मिनी ब्लॅक स्कर्ट पहंके आजा जो तूने लास्ट सनडे पहना था. तू उस ड्रेस मै बड़ी सेक्सी लगती है,आएगी ना रानी वोही ड्रेस पहंके?"संगीता को अफोर्ज़ से यह सब करवाने बड़ा माज़ा आ रहा था इसलिए वो अब जाने की कोई बात नही कर रही थि.आप्न जिस्म अफ़रोज़ के हाथो मै ढीला चोर्ते फिर भी नाटक करती बोली,"हन अओयूंगी मै ज़रूर अफ़रोज़ लेकिन प्लीज़ अब चोरो ना मुझे.घ्हर लाते गये तो मया चिल्लाएगी."अफ़रोज़ संगीता को आज इतना गर्म करना चाहता था की कल संगीता अपना जिस्म मसलवाने ज़रूर आए. इस लिए अभी भी संगीता के नंगे मम्मो से खेलते अब स्कर्ट के नीचे से उसकी नंगी झांग सहलाते वो बोला,"अछा रानी अब एक गुड नाइट किस दो मुझे,जिसके सहारे आज की रात गुज्रे.टु अपनी तरफ से एक किस मुझे दे फिर तुझे जाने दूँगा यहाँ से."संगीता को अब यहा बहुत डर लग रहा है पेर मज़ा भी बहुत आरहा था. वो असल मै चाहती थी की अफ़रोज़ और मसले उसका जिस्म.आफ्रोz को किस करने की बात से शरमाते वो बोली,"उम्म अफ़रोज़,ज़िद मात करो,मुझे जाने दो न.डेखो किस कल दूँगी तारे घर आके.Mउझे अभी जाने दे प्लीज़."अफ़रोज़ अब ज़िद पकड़के बैठा थ.शन्गित की झांग और नंगे मम्मे मसालते उससे और गर्म करते अफ़रोज़ बोला,"जाने दूँगा रानी पहले तुझसे प्यार तो जताने दो मुझे,तारे जैसे गर्लफ्रेंड तो नसीब्वलो को मिलती है.Zअर तारे इस जिस्म पे प्यार तो बरसाने दे मुझे जान."संगीता फिर अफ़रोज़ का हाथ पकड़ते बोली,"अफ़रोज़ अगर तुम मुझे प्यार करते हो तो प्लीज़ मुझे जाने दो.डेखो मुझे बहुत डर लग रहा है.Mऐने तेरी बात मानी ना,तो प्लीज़ मुझे जाने दे."संगीता की झंगो पे हाथ फेरते अब उसकी चूत को पनटी के उप्पर से हल्के सहलाते अफ़रोज़ बोला, "आरे रानी दारगी तो मज़ा कैसे पावगी?देखो मै हू ना तो डरना नही समझी?तूने मेरी सब बाते कहा मानी जान,मैने बोला मुझे किस करके कल आने का वादा करके जा,पर तू किस ही नही कर रही मुझे तो तुझे जाने कैसे डून?कविता मै तुमको जाने नही देना चाहता हू रानी,मुझे तेरा साथ हमेशा के लिए चहये.टुम रूको तोड़ा टाइम और,आज पहले बार तुमसे प्यार की बाते कर रहा हू मै.टुझे क्यों इतने जल्दी जाना है?क्या मेरा हाथ अक्चा नही लग रहा तुझे?"अफ़रोज़ चूत सहलाते अब मम्मे बार-बार चूसने लगता है.शन्गित को अपनी चूत गिल्ली होने का अहसास होता है****के जिस्म मै बड़ी गर्म भर जाती है.आफ्रोz के मसल्ने से उसपे एक नशा सा छा जाता है और वो अफ़रोज़ को बाहू मै भरते बोली,"उम्म अफ़रोज़्ज़्ज़,बड़ा अक्चा लग रहा है मुझे.Mऐ भी नही चाहती तुमसे दूर होना पर अगर घर लाते गये तो मया चिल्लएगि.Mऐने वादा किया है ना तुझे की कल आयूंगी तो ज़रूर आयूंगी,अभी मुझे जाने दे अफ़रोज़."संगीता की चूत से हाथ निकलते अफ़रोज़ अब लंड चूत पे रगड़ते बोला,"संगीता क्या तुझे मेरा साथ अक्चा नही लगता रानी जो तू बार-बार जाने की बात कर रही है?क्या मारे साथ प्यार की बाते नही करनी तुझे?क्या तारे जिस्म से कर रहा प्यार तुझे अक्चा नही लग रहा?"संगीता तो गर्म थी ही पर अफ़रोज़ की हरकटो से वो डर रही थी की कही अफ़रोज़ उससे यही नंगी ना करेऑहुत पे रग़ाद रहे लंड की दीवानी हो गये थी वो. अफ़रोज़ को अपने बदन पे और खिचते संगीता मादक स्वर मै बोली,"हन अफ़रोज़, मै भी तारे साथ बहुत सारा वक़्त गुज़रना चाहती हून,मै तुमको बहुत प्यार करने लगी हून अफ़रोज़ पेर मुझे अब घर जाना है.Pलेअसे मेरी मजबूरी साँझ आफ्रोz.Mउझे बहुत लाते हो रहा है,मया ने पूछा तो क्या जवाब दूँगी?"अफ़रोज़ समझा की संगीता नाटक कर रही है.Wओह चाहती है की अफ़रोज़ उसका जिस्म और मसले,और खेले उसके साथ पर क़िस्सी के आने का डर था उस्से.झुक्के संगीता के मम्मो की दरार चूमते अफ़रोज़ बोला, "अगर तू मुझसे इतना प्यार करती है तो क्यो जल्दी जाना है तुझे मुझसे दूर संगीता?मई हमेशा के लिए तुझे मेरी बाहू मै भरके रखना चाहता हून रनि.शन्गित,प्लीज़ रूको ना तोड़ा टाइम मेरा दिल भरा नही रानी." अफ़रोज़ अब संगीता के मम्मे और निपल्स पिंच करता है जिससे संगीता और गर्म हो रही है.डिल ही दिल मै वो कहता है,'साली हरामी लड़की एक बार मारे हाथ से नंगी हो जेया फिर देख तुझसे क्या क्या करवाता हून मै.' निपल पिंच होने से और मज़ा आता है संगीता को और वो आहे भरते अफ़रोज़ से ज़्यादा चिपकते बोली,"अफ़रोज़ मुझे भी तुमसे दूर होने का दिल नही होता है पेर यहा डर लग रहा है किसी के आने का और घर लाते जाने का भी."संगीता का स्कर्ट पूरा उप्पर करके उसकी नंगी झांगे और छोटी पनटी देखके अफ़रोज़ और खुश होके नीचे बैठके झांग चटके बोला,"आरे रानी कोई नही आता यहाँ,आया तो भी हम कोने मै खड़े है तो दिखाने ही नही,तू घबरा मत. बस जवानी का माज़ा लेती रह मारे साथ." अफ़रोज़ ने सोचा की साली बहुत नाटक कर रही है अभी यह,लेकिन कल देख तुझे कैसे रंडी जैसे नाचता हून सालि.आप्नि झांगे चत्वाके लाते संगीता भी मज़ा लाते अफ़रोज़ से और छिपकने लगी. उससे यह फीलिंग बड़ी अची लगती है,ऐसा कभी फील नही हुआ था उस्से.ज़ब अफ़रोज़ पनटी के उप्पर से उसकी चूत चूमता है तो संगीता बहाल होके कमर आयेज करके,चूत अफ़रोज़ के मूह पे दबाते बोली,"अफ्फरूज़्ज़ ऊओ उम्म्म्ममम यह क्या कर रहे हो?मुझे अजीब सा लग रहा है तारे उधर चूमने से आफ्रोz.Pअर अब बस करो अफ़रोज़, मुझे जाने दो,कल मै आयुगी ना,अभी तो जाने दो मुझे."अफ़रोज़ खड़ा होके अब संगीता को पीछे से पकड़के उसकी गंद पे लंड रगड़ते दोनो हाथ से उसके मम्मे दबाते बोला,"संगीता,क्या तू सिर्फ़ अफ़रोज़-अफ़रोज़ बोलेगी या आयेज भी कुछ कहेगी रानी?" माममे मसालते वो सोचा की साली तारे जिस्म मै आज इतनी आग लगौँगा की कल तू बेचैन होके आएगी मारे पास अपनी चूत चुद्वन.आफ्रोz की इस हरकत से संगीता और ही मदहोश होके आँखे बंद करके बोली, "उउंम्म,हन अफ़रोज़,ई लोवे यौ.टु मुझे आज बहुत खुशी दे रहा है अफ़रोज़. आइसा माज़ा तो पहले कभी नही मिला था मुझे."अपना तगड़ा लॉडा अब संगीता की गंद पे घिसते उसके मम्मे ज़ोर्से दबाने लगता है अफ़रोज़ जिससे संगीता के कमसिन बदन मै आग बढ़ती जाती है.खस्के संगीता को पकड़के अफ़रोज़ ने सोचा की साली कल इससे छोड़के इसके सब नाटक बंद करुन्ग.Bअहुत इतराती है साली यह चुतँइप्प्लेस को उंगलिओ से पकड़के उन्हे हल्का सा खिचते वो बोला,"संगीता,मुझसे कितना प्यार करती है यह तो बताओ ना?"अफ़रोज़ की हरकटो से संगीता को बहुत अक्चा लग रहा था****के जिस्म पे नशा चाड रहा थ.आफ्रोz के लंड के टच होने से सारी बॉडी मै आग लगी थी और दूध मसल्ने से और भी बढ़ रही था आग. अपने मम्मो पे लगे अफ़रोज़ के हाथ वही मम्मो पे थमते वो बोली,"अफ़रोज़ मै बहुत प्यार करती हून. मारे दिल मै,ज़हन मै सिर्फ़ तुम ही तुम हो.आअज दुनिया मै तुमसे बढ़के कोई नही है मारे लिए." इस जवाब दे अफ़रोज़ का दिल नही भर.Wओह और ज़्यादा कुछ सुनना चाहता था संगीता से,इसलिए अब पीछे से उसने संगीता का स्कर्ट उठाके पनटी के उपर से अपना लंड संगीता गंद पे रगड़ते संगीता को और ही ज़्यादा गर्म करते सोचा की साली कैसे तड़प रही है यह कमसिन लड़की?इसकी चूत छोड़के इससे औरत बनाने मै बड़ा माज़ा आयेग.श्किर्त उठाने और अफ़रोज़ का लंड सिर्फ़ पनटी के उप्पर से गांद पे टच होने से संगीता चमकते स्कर्ट नीचे करती है.Wओह तुर्न होते घबराहट से बोली,"अफ़रोज़ यह क्या कर रहे हो?मेरा स्कर्ट क्यो उठा रहे हो पीछे से?प्लीज़ अब मुझे जाने दो,अब मुझे बहुत डर लग रहा है." रियल मै संगीता को उस मोटा लंड के टच से बहुत मज़ा आता है.Wओह कड़क लंड अपनी नरम गांद पे दबने से उससे करेंट लगता है.आफ्रोz उससे तुर्न नही होने देता और फिर स्कर्ट पीछे से उप्पर करके लंड रगाते बोला,"तुझे मेरा प्यार दिखा रहा हून रानी,क्योकि तू मुझे नही बता रही है की तू मुझसे कितना प्यार करती है मै दिखा रहा हून की मुझे तुझसे कितना प्यार है." संगीता बार-बार स्कर्ट को नीचे करने की कोशिश कर रही थि.Pअर अफ़रोज़ उससे कमियाब नही होने दे रहा था इस कोशिश मै.आअखिर मै संगीता की कमर तक स्कर्ट उठाके जान अफ़रोज़ संगीता की गांद पे लंड रगड़ने लगता है.आब संगीता रेज़िस्टेन्स कम करते बोली,"उम्म नही अफ़रोज़,स्कर्ट आइसे उप्पर मत करो,तू बता मै प्यार का इज़हार कैसे करू?अफ़रोज़ साची मै तुमको बहुत प्यार करती हून मै पर अब प्लीज़ ऐसा मात करो,कोई आयेग.Mउझे डर लग रहा है क़िस्सी के भी आने का.
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