RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
डॉली की आँखें नीली थी और उसने सिर्फ़ इतना कहा ओके आप जा सकते है मैं आगे के प्रॉजेक्ट पे काम करती हू यू मे गो नाउ
मिस्टर सुधीर मुस्कुरा कर वहाँ से चला गया और अपने सामने वाली कॅबिन में बैठ गया
डॉली ने फाइल्स खोलकर अपने गोरे हाथो से पन्ने पलटे और तभी उसकी नज़र टेबल पर रखे अपने डॅड की फोटो पर पड़ी
डॉली थोड़ी उदास सी हो गयी और फाइल्स को टेबल पर रखकर उसने फोटो उठा ली और कहा आइ आम सॉरी डॅड काश आप मुझे इस स्टेज पर देखते पर चिंता मत कीजिए मैं आपकी मेहनत से बनाए इस ऑफीस को अच्छे से चलाउन्गि ये मेरा आप से वादा रहा आइ रियली मिस यू डॅड आइ रियली मिस यू डॉली ने टेबल पर तस्वीर को रख दिया और सामने शीशे की खिड़की से बाहर देखने लगी
मॅनेजर के पास एक लड़की आई और कहा - तो नयी बॉस को समझा दिया आपने काम
मॅनेजर अब भी खोया हुया था हा हां हां सब कुछ सस्स्स्स्स्स्सह धीरे बोलो मुझे बात करते हुए देख कर शयाद गुस्सा ना हो जाए
लड़की ने कहा ऐसा क्या बला की खूबसूरत होने से कोई किसी पर हुकुम नही चलाता
मॅनेजर चुप रहो ललिता अगर डॉली जी को खबर लगी तो तुम्हे ऑफीस से निकाल देगी
ललिता – ठीक ठीक है मैं जा रही हू
मॅनेजर ने अपने रुमाल से चेहरे को पोछा और ग्लास के पानी को पीने लगा गले से उतरते ही उसने एक लंबी साँस ली और कहा वाह क्या अट्रॅक्टिव है
मॅनेजर धीरज़ में कोई ख़ास नही थी वो एक मोटा बद्ढा सा एज्ड आदमी था जो हर वक़्त ऑफीस की गोरियों पर डोरे डालता था और आज डॉली पर उसका दिल नया नया आ गया
ललिता एक ऑफीस वर्कर थी जो साँवली सी थी जिसके दाँत थोड़े बाहर को निकले हुए थे और वो एक नंबर की ऑफीस की रंडी थी जिसको हर किसी ने चोद रखा था और शायद आज डॉली को देख कर वो जलन से मानो मर ही गयी थी
डॉली के कॅबिन में मॅनेजर आया और कहा मॅम आपकी मीटिंग का टा
डॉली – मीटिंग का टाइम हो गया है लेट’स गो फाइल्स रख ली ना
मॅनेजर हक्का बक्का डॉली को देख रहा था – जी जी मेडम रख ली है
डॉली – तो फिर चलने की तयारि करो आइ डॉन’ट वॉंट दट कि हम लेट हो जाए
डॉली मीटिंग पर पहुचि और बाहर से आए हुए क्लाइंट्स जो कि गोरे और कुछ ब्लॅक थे उन्हे इंप्रेस कर लिया अपनी बातों से पर सबका ध्यान तो डॉली के हॉट मम्मो पर था जब वो हाथो के बल टेबल पर झुकती और सबको अपनी निगाहो से देखती तो सबकी निगाहें उसे हँस के उसके मम्मो पर ही होती जिसे देख डॉली बस दांतो पर होंठ रख कर गुस्से से ऊन्हे देखती ऊन्हे देखती सब अपने काबू पर आकर डील फाइनल कर देते और उसके मखमल मुलायम जैसे हाथो को छूकर उसे बधाई देकर सब ने ताली बजाई
मॅनेजर – मॅम आपने तो कमाल कर दिया इतनी जल्दी डीलिंग करना कोई आसान बात नही थी
डॉली – सब आसान है जब आगे वाला खुद हथियार डाल रहा हो तो यू मे गो नाउ
मॅनेजर – आर यू श्योर मॅम ? मैं आपको लिफ्ट दे सकता हू
डॉली – नो थॅंक्स
डॉली के ड्राइवर ने गेट खोला और डॉली कार में बैठ गयी कार वहाँ गेट से निकल गयी
डॉली की कार को देख उस शक्स ने अपनी कार के शीशे को बंद किया
डॉली के बिज़्नेस में आने से उसके कयि प्रॉफिट हुए और बिज़्नेस अरबो में कमाने लगा और वो एक हाइ प्रोफाइल लोगो में जानी जाने लगी उसके डॅड काफ़ी बिज़्नेस में फेमस थे और हर जगह उनके बिज़्नेस के एग्ज़ॅंपल्स दिए जाते और अब उनकी बेटी के भी बिज़्नेस के एग्जाम्पल दिए जाते थे
पर शायद डॉली की खूबसूरती ने शायद किसी शक्स को काफ़ी दीवाना बना दिया था
और वो जल्द ही उसकी ज़िंदगी में आने वाला था
डॉली ने अब ऐसा साबित कर दिया था कि वो एक खूबसूरत अमीर घर की लड़की के साथ साथ एक कामयाब होशियार बिजनेस विमन भी है उसके ऑफीस में उतरते ही सबकी नज़रे उस पर होती थी लेकिन कुछ लोगो की उसपे बुरी नज़र थी डॉली को अब काम करते हुए पूरा 1 महीना होने वाला था सबकुछ उस रात के तूफान ने बदल दिया जिस रात ………………….
डॉली अपने ऑफीस में बैठे काम कर रही थी इतने में एक कॉल बजी डॉली ने कॉल उठाया और कहा हेलो
उधर से एक गंभीर शक्स की आवाज़ – ह्म्म्म्ममम मॅम डॉली मॅम
डॉली – यस आइ आम स्पीकिंग
जी मेरा नाम कस्तूर है और मैं दिल्ली के लाजपत नगर से बात कर रहा हू क्या आपने मुझे फाइनान्स शेर्स के लिए कॉल किया था
डॉली – हां जी
डॉली की मीठी आवाज़ ने ऐसा क्या जादू किया कि वो शक्स भी जैसे मोहित हो गया और हर एक बात ठीक है ठीक है मॅम कोई बात नही
मॅम मैने आपको 15 लाख डॉक्युमेंट्स में लगाने के लिए मिस्टर सुधीर को कहा था
डॉली – क्या लेकिन मुझे तो उन्होने ऐसा कुछ नही बताया
डॉली अपने बालो पर पेन्सिल से रगड़ने लगी
जी नही कहा ऐसे कैसे हो सकता है कोई कोई बात नही मेडम मैं ठीक कर दूँगा अपने बॉस से डीलिंग के लिए मैं निकाल लूँगा
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