Antarvasna मैं तेरा आशिक़
मैं तेरा आशिक़
दोस्तो एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ इस कहानी पात्र घटनाए काल्पनिक हैं आशा करता हूँ आपको ये कहानी पसंद आएगी
वो लड़की अपने अंजाम से बेख़बर भागे जा रही थी उसका दिल मानो ज़ोर ज़ोर से धडक रहा था किसी सोच में डूबी थी शायद वो बार बार पीछे मूड कर देख रही थी वो किसी से यक़ीनन भाग रही थी उस लड़की ने वाइट ट्रॅन्स्परेंट पतली सी शरीर के पसीने से भीगी नाइट गाउन थी जो कि गले से बिल्कुल खुली हुई थी और यक़ीनन उस में वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी वो तेज़ी से दौड़ रही थी चारो तरफ कार खड़ी हुई थी तभी वो शटर के पास आई और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी
कोई है कोई है बहाआररर मुझे बक्कककककच्छाा लो मेरा दम घुट रहा है प्लीज़ कोई मुझे सुन रहा है
उसके चेहरे पर मानो स्क्रचस थे और वो किसी ज़ख़्मी के रूप में थी उसकी आँखो से आँसुओ ने काजल को पूरे चेहरे पर फैला दिया था मानो वो किसी के जाल में हो
उसके रोने से उसके गाल एकदम पिंक थे उसके बाल गीले थे जो उसके हिलने से उसके चेहरे पर गिर रहे थे
मानो कि उसपर पानी फैंक दें तो उसका जिस्म पूरा दिखने लगे वो चिल्ला रही थी चिल्लाए जा रही थी
उसका गला बैठ गया पर बाहर सुनसान सड़क पर उसकी चीख सुनने वाला कोई नही था
वो पीछे हुई और नंगे पाँव के लड़खड़ाते ही वो ज़मीन पर पीठ के बल गिरी उसकी आँखें धुंधली होने लगी होंठ सुख चुके थे उसके शरीर पर नीले नीले निशान पड़ गये थे और उसकी आँखो में आँसू जम गये थे और वो सबकुछ फिर से याद करने लगी एक गहरी गहरी सोच में डूब गयी आँखें धुध्लि सी होकर बंद हो गयी और दिमाग़ भी सुन्न पड़ गया
1 महीने पहले
डॉली एक खूबसूरत वेल एजुकेटेड लड़की जिसने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से एम बी ए किया और आज फक्र से अपने पापा का बिज़्नेस जाय्न करने के लिए एग्ज़ाइटेड थी वो कार से उतरी और ड्राइवर ने कार का गेट खोला दो खूबूरत गोरी गोरी जाँघ बाहर निकली जिन पर दो हील्स के सॅंडल्ज़ थे नुकीले हिल्स के सॅंडल्ज़ वो अपनी कार से उतर कर रेड कार्पेट पर चलने लगी आँखो में ब्राउन कलर का चश्मा और हाथ में ब्लॅक कलर का चमकता पर्स उसकी खूबसूरती के साथ साथ उसके स्टाइल को भी जॅंच रहे थे उसने अपने बाल ब्राउन ट्रिम किए हुए थे जो गुच्छा बन कर एक क्लिप में फँसे थे आगे चेहरे पर झूलती वो ज़ुलफे उसे मानो खूबुसरती पर चार चाँद लगा रही थी
उसने एक मिनी स्कर्ट पहनी थी जिससे अगर कोई भी नीचे से झाँके तो उसकी पैंटी के दर्शन हो जाए उसने एक शर्ट के उपर कोट पहना था और अंदर के शर्ट के दो बटन खुले थे उसके मुलायम मक्खन जैसे दिखने वाले मम्मे किसी सफेद दूध में डूबे हुए बॉल्स जैसे थे उसके निपल्स भी सॉफ दिख रहे थे मानो अगर कोट ना हो तो अभी बाहर फाड़ कर आ जाए
उसके मिनी स्कर्ट के अंदर के बारे में नही बता सकता वो आगे की कहानी में मेन्षन करूँगा वो धीरे कॅट वॉक करते हुए ऑफीस की बिल्डिंग में आई जहाँ रिसेप्षनिस्ट और बाकी काम करने वाले करम्चारि सब उसे देख कर खड़े हो कर उसे हाई हेलो कहने लगे हर किसी के चेहरे पर उसे देखकर मुस्कुराहट थी और वो सब को एक नज़र से देखकर अपना सर धीरे से हिला देती अभी वो मॅनेजर के पास आई ही थी कि मॅनेजर भागता हुआ उसके पास गया और कहा हेलो मॅम मैं जानता था ये सब आपका सुबह से ही वेट कर रहे थे पर मॅम आप इतनी जल्दी आ जाएँगी ये नही पता था
एक मीठी सी आवाज़ में कहा क्यू ? जल्दी आना ज़रूरी नही है क्या
मॅनेजर – नही मॅम मैं तो ऐसे ही कह रहा था
डॉली – ठीक है ठीक है वैसे भी जो काम जब मैं चुन लेती हू उसे पूरा करना मेरा मक़सद हो जाता है इफ़ यू डॉन’ट माइंड क्या हम उपर चले
मॅनेजर – जी मेडम
डॉली के पीछे से उसके हिलते हिप्स को देखकर मानो के सबके दिल ज़ोर से धड़क गये
सब एक दूसरे को देखकर दाँत पर होंठ रख के एक दूसरे को कुछ कह रहे थे
डॉली लिफ्ट में घुसी मॅनेजर ने लिफ्ट 12थ फ्लोर पर लिया और लिफ्ट डोर बंद होते ही लिफ्ट चल पड़ी
मॅनेजर तो बस अपने काम और बाकी काम के बारे में बात ही करने लगा पर डॉली का चेहरा तो बस सिर्फ़ एक तरफ ही था मानो वो कुछ सुनकर भी अनसुना कर रही हो
डॉली – वैसे आप को यहाँ काम करते हुए कितने साल हो गये है मिस्टर???????????
मॅनेजर ने जल्दी से कहा – सुधीर जी 10 10 साल
डॉली – ऑल राइट तो फिर आप जानते ही होंगे कि मुझे ओल्ड एक्सपीरियेन्स्ड वालो की ही इस काम में ज़रूरत है इतने बड़े एंपाइयर को मेरे डॅड ने चलाया अब बारी मेरी है
डॉली थोड़ा आगे हो गयी मॅनेजर की निगाह उसके भारी भारी चुतडो पर पड़ी जिसे देख उसके मुँह से ओह सी आवाज़ निकल गयी पर शायद वो खुशकिस्मत था कि डॉली की नज़र उस पर अब तक नही पड़ी थी
मॅनेजर का ध्यान तब टूटा जब लिफ्ट एक फ्लोर पर रुक कर ज़ोर से हिली और लिफ्ट का दरवाजा खुल गया
मॅनेजर हिल सा गया और हड़बड़ाहट में वो डॉली को देखने लगा डॉली अब भी एक जगह खड़ी थी और मोबाइल में किसी से उस वक़्त बात कर रही थी मोबाइल काट कर दोनो लिफ्ट से बाहर निकल कर चलने लगे सब अपने टेबल से उठकर उसे हाई हेलो करने लगे मॅनेजर तो अब भी डॉली की चुतडो को निहार रहा था
डॉली कॅबिन में घुसी और सीधे अपनी चेर पर बैठ गयी और अपने आँखों से गॉगल्स हटाकर एक जगह रखकर मॅनेजर को देखने लगी
मिस्टर सुधीर – तो मॅम आपको ऑफीस अच्छा लगा
डॉली – आइ आम ग्लॅड टू वर्क हियर आंड ऑल्सो वर्क विद यू ऑल
मिस्टर सुधीर – तो मॅम आपके डॅड की मौत के बाद ही आपको इस पद पर देखकर काफ़ी खुशी मिली कि आप काफ़ी टॅलेंटेड है जी आपके डॅड हमारे पुराने दोस्त थे और मुझसे ही सारी रिपोर्ट्स और ऑफीस के काम करवाते थे अगर आपको जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत पड़े सो कॉल मी आइ आम ऑल्वेज़ रेडी फॉर यू एनिटाइम
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