RE: Kamukta Kahani मेरी सबसे बड़ी खुशी
कह कर उसने मुझे अपने नीचे दबा लिया। मैं खिलखिला कर उसे गुदगुदी करने लगी। उसका लण्ड बेहद तन्नाया हुआ था। लग रहा था कि चोदे बिना वो नहीं मानने वाला है। पर सच भी तो है कि मुझे उसके लण्ड का मजा अपनी चूत में मिला ही कहाँ था। सो मैंने अपनी टांगें धीरे से मुस्कराते हुए ऊपर उठा ली। वो मेरे ऊपर छाने लगा, मैं उसके नीचे उसके सुहाने से दबाव में दबती चली गई। फ़ूल सा उसका बदन लग रहा था। उसके होंठ मेरे होंठो से मिल गये। मेरी दोनों चूचियाँ उसके कठोर हाथों से दबने लगी। लण्ड लेने के लिये मेरी चूत ऊपर उठने लगी। उसका लण्ड मेरी चूत के आसपास ठोकर मारने लगा था। लण्ड के आस पास फ़िसलन भरी जगह थी, बेचारा लण्ड कब तक सम्भलता। लड़खड़ा कर वो खड्डे में गिरता चला गया। मेरी चूत ने उसके मोटे लण्ड को प्यार से झेल लिया और आगोश में समा लिया। मेरे मुख से एक प्यार भरी सिसकी निकल पड़ी। अक्कू के मुख से भी एक आनन्द भरी सीत्कार निकल गई।
अब अक्कू ने अपनी कमर का जोर लगा कर अपने लण्ड को चूत के भीतर ठीक से सेट कर लिया और दबा कर लण्ड को अन्दर बाहर खींचने लगा। मेरी तो जैसे जान ही निकली जा रही थी। कसावट भरी चुदाई मेरे मन को अन्दर तक आह्लादित कर रही थी। उसका लण्ड खाने के लिये मेरी चूत भी बराबर उसका साथ उछल उछल कर दे रही थी। मैं दूसरी दुनिया में खो चली थी ... लग रहा था कि स्वर्ग है तो मेरे राजा के लण्ड में है। जितना चोदेगा, जितना अन्दर बाहर जायेगा उतनी ही जन्नत नसीब होगी। आह, मेरा मन तो बार बार झड़ने को होने लगा था। "मेरे राजा... चोदे जाओ ... बहुत मजा आ रहा है, मेरे राजा, मेरे भैया !"
"रानी, मेरी अंजू, तुम रोज चुदाया करो ना ... मेरी जान निकाल दिया करो... आह मेरी रानी !"
जाने कब तक हम लोग चुदाई करते रहे, झड़ जाते तो फिर से तैयार होकर चुदाई करने लग जाते।
"ओह, बाबा, अब नहीं, अब बस करो, अब तो मैं मर ही जाऊंगी !"
"हां भाभी ... मेरी तो अब हिम्मत ही नहीं रही है।"
हम पर कमजोरी चढ़ गई थी। मुझे पता नहीं मैं कब फिर से सो गई थी। पास ही में अक्कू भी पड़ा सो गया था। जब नींद खुली तो कमजोरी के मारे तो मुझसे उठा ही नहीं जा रहा था। अक्कू उठा और नहा धो कर वापिस आया और मुझे ठीक से कपड़े पहना कर कुछ खाने को लेने चला गया। उसके आने के बाद हम दोनों ने दूध पिया और एक एक केला खा लिया। खाने से मुझे कुछ जान में जान आई । और मुझे फिर से ताजगी आते ही नींद आ गई।
मुझे नींद ही नींद में अक्कू ने फिर मुझे कई बार चोद दिया। पर मैं इस बार एक भी बार नहीं झड़ी। मुझे अब इतना चुदने के बाद बिलकुल मजा नहीं आ रहा था। रात को दस बजे जब नींद खुली तो अक्कू ने मुझे थोड़ी सी शराब पिलाई। तब कहीं जाकर मेरे शरीर में गर्मी आई। मेरी चूत और गाण्ड में बुरी तरह दर्द हो रहा था। तौबा तौबा इस चुदाई से। मेरा तो बाजा ही बज गया था।
*** SAMAPT ***
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