RE: XXX CHUDAI बरसात की हसीन रात
शीला जिस तरह से कर रही थी, बहुत मजा आ रहा था। फ़िर उसको घोड़ी बना कर मैंने पीछे से लंड को चूत में डाल दिया और धीरे-धीरे धक्के देने लगा। शीला भी अब मेरा साथ दे रही थी अपनी गाण्ड हिला-हिला कर !
फ़िर मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, शीला फ़िर से चिल्लाने लगी- जानू ! आज मुझे घोड़ी की तरह चोदो ! जितना जोर से कर सकते हो, करो ! मैं घोड़ी की तरह चुदना चाहती हूँ !
उसकी बातें सुन कर मैं और जोर से उसकी चुदाई करने लगा।
शीला लगातार चिल्ला रही थी- मेरे घोड़े ! और जोर से मार ! मजा आ रहा है !
थोड़ी देर बाद उसका चिल्लाना गालियों में बदल गया, कहने लगी- अरे, मुझे कुतिया की तरह चोद जोर से ! फाड़ दे मेरी चूत ! अपना लण्ड पूरा डाल दे ! मुझे अपनी रंडी समझ ले ! और डाल ! और अन्दर डाल !
वह अब अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुद रही थी। सच में बहुत मजा आ रहा था। करीब बीस मिनट बाद हम दोनों भी झड़ने वाले थे। मैं अपनी पूरी रफ़्तार से उसकी चूत में लण्ड पेल रहा था।
अब मैं झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और 4-5 झटके देने के बाद उसके मुँह में झड़ गया। फ़िर हम दोनों वैसे ही कुछ देर नंगे एक दूसरे की बाहों मे लेटे एक दूसरे को चूम रहे थे।
आधे घंटे बाद मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया। हम उस रात और दो बार झड़ गए, फ़िर वैसे ही नंगे सो गए।
अगली सुबह मतलब रविवार को करीब दस बजे हम उठे, दो दिन के बाद थोड़ी सी थकान सी हो गई थी। उठ कर मैं नहाने चला गया।
थोड़ी देर बाद शीला बाथरूम में आई और मुझे पीछे से पकड़ लिया। फ़िर हम हमेशा की तरह चूमने लगे कभी उसके स्तन को, कभी होटों को चूस रहा था। मैंने उसको वहीं लिटा लिया और उसकी चूत चाटने लगा। वह मेरे बालों में हाथ फ़िरा रही थी। करीब बीस मिनट बाद वह मेरा सर अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी और झड़ गई। फ़िर वो मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद उसके मुँह में ही मैंने अपना सारा माल छोड़ दिया। फ़िर हम नहा कर तैयार हो गए।
उस दिन दोपहर को खाने के बाद हमने फ़िर से एक बार किया और शाम के पाँच बजे अपने घर को जाने के लिये निकला।
उन तीन दिनों की और उसके बाद की सभी चुदाई मुझे अभी भी याद है।
*** SAMAPT ***
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