RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
नैना--पार्ट-22
गतान्क से आगे.......
उधर शान और सोना काफ़ी देर यू ही लेटे रहे और फिर सोना को शान का वज़न
अपने ऊपेर फील होना शुरू हो गया जो बिल्कुल नंगा हो कि सोना के ऊपेर लेटा
हुआ था. सोना ने शान को अपने ऊपेर से हटाया जिस से शान की आँख खुल गयी.
सोना: सॉरी जानू. लीप पे किस करते हुए. आइ नीड टू गो टू वॉशरूम.
शान: मुहाआ लिप्स पे जवाब देते हुए. यप लेट्स गो टू वॉशरूम.
दोनो उठ के वॉशरूम मे चले गये. वॉशरूम मे जा के सोना ने शान से कहा जानू
तुम्हारा लंड तो बहोत मोटा है. जब तुम ने ऐक दम से पूरा अंदर डाला था तो
बस मेरी तो जान ही निकल गयी थी. उफफफ्फ़ जानू केसे बर्दाश्त किया होगा
नैना ने यह मोटा लंड सुहाग रात को? हहेहहे.
शान: बस ले लिया उसे बहोत तकलीफ़ हुई थी. लेकिन सोना जानू तुम्हारी चूत
बहोत रसीली है. दिल करता है बस लंड डाल के सो जाए बंदा.
सोना: तो जनाब आज आप ऐसे ही तो सोए थे? भूल गये क्या? हहहे. अगर मैं
वॉशरूम के लिये ना उठ.ती तो जनाब को होश ही कहाँ था.
सोना ने वहाँ शान के सामने ही अपनी चूत को वॉश किया और इसी तरहा शान ने
भी अपने लंड को वॉश काइया और शान सिर्फ़ अंडरवेर और सोना नाइटी पहन के
बेड पे आ गये और आपस मे लिपट के बाते करने लगे.
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थोड़ी देर यौं ही बाते होती रही और अचानक सोना को मस्ती सूझी और उस ने
शान को कहा कि आओ ज़रा मोम के रूम का चक्कर लगा के आते हैं.
शान: वो क्यू?
सोना: अरे आओ ना. देखते हैं वहाँ क्या हो रहा है.
शान: ओके और दोनो स्लोली मोम के रूम के पास चले गये और डोर ऐसे ही ओपन था
जो सोना ने ओपन किया था.
अंदर सोना की मोम डोगी स्टाइल मे थी और वो यंग लड़का आंटी को बॅक से
शॉट्स लगा रहा था. आंटी मज़े मे गुम थी और नशे मे गंदी गंदी लॅंग्वेज
यूज़ कर रही थी. चोद डालो मुझे, यह चूत तुम्हारी है, हाहहहाहा, रंडी के
बच्चे चोद दे इस छूट को. शान को यह सब सुन के बहोत अजीब फील हुआ कि ऐक
औरत भी ऐसी ओपन बाते कर सकती है. बट सोना यह एंजाय कर रही थी.
अचानक आंटी की नज़र सोना पे पड़ गयी और सेक्स के दौरान भी सोना को आवाज़
दी. अया अया आहह सोना डू यू नीड हिज़ हार्ड कॉक इन युवर पुसी?
सोना ने शान को आगे कर दिया आंटी की नज़र शान पे पड़ गयी जिस से आंटी समझ
गयी कि सोना के पास भी इंतेज़ाम है चूत की आग ठंडी करने का. सो बोली आअहह
एंजॉययय्यययययययी माइ बेबी एंजाय.
शान को अपनी आँखों पे यकीन नही हो रहा था कि इतना ज़यादा ओपन महॉल है इस
घर का कि माँ किसी गैर मर्द से चुदवा रही है और अपनी बेटी को ऑफर कर रही
है कि आ के वो भी चुदवा ले जब कि बेटी अपने बाय्फ्रेंड को सामने कर रही
है कि नही उस के पास इंतेज़ाम है. बहुत ही ज़यादा ओपन फॅमिली हे यह तो.
शान यही सोच रहा था कि सोना की आवाज़ उस के कान से टकराई.
सोना: ओ हेलो जानू किन सोचों मे गुम हो गये?
शान: ओह कुछ नही आइ वाज़ थिंकिंग कि....
सोना: यही थिंकिंग ना कि इतना ओपन मेहोल?
शान: यप एग्ज़ॅक्ट्ली.
सोना: आक्च्युयली हम लोगों ने बचपन से यह सब दैखा है, पार्टीस, ओपन
ड्रिंकिंग, लेट नाइट डॅनसस आंड डॅनसस मे जो जो कुछ होता था सब को पता था
कभी ऐक की वाइफ दूसरे के पास और दूसरे की वाइफ तीसरे के पास. और शराब के
नशे मे डॅन्स कि साथ साथ और भी बहोत कुछ होता हे और हाथ कहाँ से कहाँ तक
पहॉंच जाते हैं. मैं तो हैरान हूँ कि तुम इतने पढ़े लिखे हो कि इतने
मॉडर्न हो कि भी यह सब नही करते?
शान: नही हम लोग पढ़े लिखे हैं अड्वॅन्स्ड हैं बट हम लोग अपनी इज़्ज़त का
ख़याल रखते हैं.
सोना: (यह बात सुनते ही आग बन गयी और बहोत गुस्से मे आ गयी) तुम्हे क्या
लगता है शान हम लोग यहाँ अपनी इज़्ज़त बैचते हैं? हम लोग बेशरम हैं बेहया
हैं? अरे यह सब रिक्वाइर्मेंट है अमीर लोगों की. पार्टीस, गॅदरिंग, शराब,
शबाब यही सब तो होता है अमीर लोगों के पास. तुम जेसे लोग बस अपनी इज़्ज़त
को ही रोते रहना. अगर तुम्हे अपनी इज़्ज़त का इतना ही ख़याल है तो क्यो
आते हो मेरे पास? क्या थोड़ी देर पहले जब तुम मुझे चोद रहे थे उस वक़्त
कहाँ थी तुम्हारी इज़्ज़त? ऐक बीबी के होते हुए मुझे चोदते हुए इज़्ज़त
नही नज़र आती तुम्हे?
शान: आइ आम रियली सॉरी जानू. आइ डिड नोट मीन दट. आक्च्युयली ऐसी पार्टीस,
ऐसी गॅदरिंग मे कभी गया नही ना, कॉज़ मॉम आंड डॅड नही जाते थे या अगर
जाते थे तो मुझे साथ नही ले के जाते थे सो डोंट नो ना. लेकिन अब तुम से
मिल गया हूँ तो सब सीख जाउन्गा. प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ डोंट
माइंड.
सोना: ओके फर्स्ट आंड लास्ट टाइम. आइन्दा कभी भी ऐसी बात की ना तो डोंट
नीड टू कम हियर. अंडरस्टॅंड?
शान: जी जानू. ओके अब प्ल्ज़ घुसा साइड पे फैंको और लेट्स गो टू बेडरूम.
यह वोही शान था जो नैना पे हूकम चलता था. उसे चांटा तक रसीद कर दिया.
ळैकेन सोना के सामने तो ऐसे भीगी बिल्ली बना हुआ था जेसे सोना ने उसे
छोड़ दिया तो वो कहीं का नही रहे गा. शान सोना से ऐक पल के लिये भी दूर
नही होना चाहता था. और यही वजह थी कि वो सोना की तमाम बाते खामोशी से सुन
गया और कुछ बोला भी नही और एक्सक्यूस भी किया.
बेड रूम मे जा के शान ने सोना से बाते करना चाहीं बट सोना का मूड ऑफ हो
चुका था सो उस ने शान को सोने का इशारा किया और इस तरहा दोनो बेड पे सो
गये. अगले दिन आँख खुली तो सुबह के 10 बज रहे थे. शान ऑफीस से पूरे 1:30
घंटे लेट हो चुका था. जल्दी से उठा वॉशरूम गया और जा के बाथ लेने लगा.
थोड़ी ही देर मे सोना भी वॉशरूम मे आ गयी.
सोना: गुड मॉर्निंग जानू. कहाँ की तैयारी है?
शान: जानू लेट हो गया हूँ ऑफीस से टाइम दैखो?
सोना: ओह जानू. आज ऑफीस नही.
शान: पर सोना वो ज़रूरी है जाना.
सोना: मूड खराब करते हुए. ओके जाओ फिर इधर ना आना.
शान: जानू प्ल्ज़ ट्राइ टू अंडरस्टॅंड ना.
सोना: मैं ने कह दिया. आज या तो ऑफीस या तो सोना. डिसाइड कर लो मैं जा
रही हूँ बेड पे.
शान को मजबूरन सोना की हां मे हां मिलानी पड़ी और इस तरहा शान की रात भर
की सेक्स से भरी एंजाय्मेंट के बाद ऐक बुरे दिन का अगाज़ हुआ कि वो आज
ऑफीस भी नही जा सका.
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इधर नैना की आँख सुबह जल्दी ही खुल गयी थी और नैना ने आज सुबह ही बाथ
लिया और ऐक दम फ्रेश हो कर नाश्ता बनाने लगी. आज नैना को शान की कुछ
ज़यादा फिकर नही हो रही थी और ना ही शान को वो मिस कर रही थी. वो अपने आप
मे ही मस्त थी और रात को होने वाले आंटी के प्यार को याद कर कर के
मुस्कराती और दिल ही दिल मे आंटी का थॅंक्स करती.
थोड़ी देर मे लॅंडलाइन फोन रिंग हुआ फोन उठाने पे पता चला कि आंटी हैं.
आंटी ने नैना को ऑफर लगाई कि वो आज मेरे साथ मैरे ऑफीस चले थोड़ा काम है
और फिर वापिस आ जाएँगे. नैना ने फ़ौरन हामी भर ली जाने की. रेडी और फ्रेश
तो वो ऑलरेडी थी. सो उस ने आंटी को हां बोल दिया. आज के दिन चेंज यह आया
था कि नैना ने शान से इजाज़त लेना मुनासिब नही समझा क्योकि उसे पता था कि
शान को उसकी कोई फिकर नही हे जिये या मरे. और पिछले कुछ दिन के होने वाले
इन्सिडेंट्स से तो कन्फर्म हो गयी थी यह बात. नैना अपने बेड रूम मे चली
गयी और जा के बेड शीट ठीक करने लगी और तकिये अपनी जगा पे रखने लगी जो रात
को प्यार के दौरान इधर उधर हो गये थे. बेड शीट सीधी करने पे उसे बेड शीट
पे रात को होने वाले प्यार के निशान भी दिखे जो आंटी और नैना क़ी चूत से
निकलने वाले पानी के थे. नैना को वो निशान दैख के काफ़ी अछा लगा और ऐक
मर्तबा फिर रात का पूरा सीन याद आ गया. दिल ही दिल मे मुस्करा दी और बेड
शीट नयी बिछा दी.
उस के बाद अपने आप को ऊपेर से नीचे तक शीशे मे दैखा. उसी लगा कि ड्रेस
ठीक नही है यह फॉर ऑफीस सो ड्रेस सेलेक्ट करने लगी. थोड़ी देर मे उस ने
बेबी पिंक कलर का ड्रेस सेलेक्ट किया और उस के साथ मॅचिंग मे पिंक ब्रा
और वहाँ खड़े खड़े ही ड्रेस चेंज करने लगी. चेंजिंग के दौरान उस ने अपनी
बॉडी को शीशे मे दैखा और मुस्कुराने लगी. और ड्रेस पहन के रेडी हो के
टीवी लाउंज मे आ आंटी का वेट करने लगी.
थोड़ी ही देर मे आंटी भी आ गयीं और नैना अपना पर्स उठा के तमाम डोर्स लॉक
कर के आंटी के साथ हो चली. गाड़ी मे बैठते ही आंटी ने नैना को ऊपेर से
नीचे तक ऐक नज़र दैखा और बोली कि नैना क्या आज तुम घर से इरादा कर के आइ
हो कि मेरे ऑफीस के स्टाफ को घायल करना है अपने ऊपेर?
नैना: अरे नही आंटी जी आप के होते हुए भला मैं केसे घायल कर सकती हूँ. सब
के लिये आप ही काफ़ी हैं.
आंटी ने गाड़ी चला दी और दोनो बाते करने लगी. नैना आज काफ़ी खुश थी. अपने
आप को आज़ाद फील कर रही थी. शान के बारे मे उस के दिमाग़ मे आज कोई सोच
ना थी. मौसम भी काफ़ी नाइस हो रहा था ना ठंड थी और ना ही गर्मी. आंटी ने
साथ साथ स्लो म्यूज़िक भी प्ले कर दिया.
नैना: आंटी कितना दूर है आप का ऑफीस यहाँ से?
आंटी: ज़्यादा दूर नही है हार्ड्ली 20 तो 30 मिनट की ड्राइव पे है.
नैना: ओके. वेसे आंटी आप ने पर्फ्यूम बहुत मज़े का लगाया हुआ है.
आंटी: यॅ इट्स माइ फेव ओर यही पर्फ्यूम आर्यन का भी फेव था. सो आर्यन के
गुज़र जाने के बाद भी मैं यही यूज़ करती हूँ. वेसे नैना तुम आज बहोत
प्यारी लग रही हो और बहोत खुश भी.
नैना: थॅंक्स आंटी जी यह सब आप की वजा से ही तो है. वरना मैं कहाँ और यह
खुशी कहाँ. मैं तो भूल ही गयी थी कि खुशी भी कोई चीज़ होती है मगर आप ने
मुझे ऐक नयी ज़िंदगी दे दी.
आंटी: जाओ जाओ अब बाते ना बनाओ. वेसे तुम्हे दैख के मेरे मन मे शैतान
दौड़ने लग गया है तो मेरे ऑफीस के स्टाफ का क्या हाल होगा. हहेहहे
नैना: कोई हाल नही होगा. अगर हुआ भी तो आप के साथ हूँ गी ना तो आप के
सामने कोई नही बोले गा. वेसे आप अपने स्टाफ के साथ कितना फ्री हैं?
आंटी: ज़यादा नही. बस काम की हद तक जो बात होती है वोही होती हे. वेसे भी
आर्यन ऑफीस के सिस्टम्स इतने स्ट्रॉंग बना गये थे कि मुझे ऑफीस के सिर्फ़
3 या 4 लोगों से बात करनी पड़ती है बाक़ी वो खुद हॅंडल कर लेते हैं.
नैना: थ्ट्स वेरी नाइस. अछा ऑफीस मे आप पे सब से ज़यादा कोन मरता है? हहेहहे
आंटी: मरते तो सब ही हैं मगर राजा साहब तो कुछ ज़यादा ही मरते हैं. उनका
बस चले तो मुझे कच्चा खा जाए. बेचारे रोज़ाना घर जा कर अपनी बीबी मे मुझे
ढूढ़ते हों गे. हाहहहाहा
नैना: हाहहहहहाहा तो आप ख़याल क्यो नही करती उन बेचारे राजा जी का.
आंटी: अरे पागल हो गयी है क्या? बड़े कहते हैं कि आशिकी, लड़ाई, शैतानी
काम, चोरी, डाका, ऐसे तमाम काम अपने एलाके मे नही करने चाहिए. ऐसा अगर
कोई काम करना हो तो किसी ऐसे इलाक़े मे जा के करो जहाँ आप को कोई नही
जानता. समझी? और ऑफीस तो मैरा अपना है भला मैं वहाँ ऐसे काम क्यो करूँ
गी? और मैं हूँ भी बॉस. अगर मैं अपने किसी एंप्लायी के साथ इतना आगे जाऊं
गी तो मेरी क्या इज़्ज़त रह जाए गी?
नैना: आंटी बात तो आप ने बिल्कुल ठीक कही. वेसे यह जो अपने एलाके वाली
बात की ना यह मुझे बहोत पसद आइ. एक्सपीरियेन्स्ड लोगों के साथ बात करने
का यह तो फ़ायदा होता है कि काम की बाते भी सुन.ने को मिल जाती हैं.
आंटी: चलो अब ज़यादा तारीफ ना करो उतरो ऑफीस आ गया है. बाक़ी बाते ऑफीस
मे जा के करते हैं.
क्रमशः..........
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