RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--18 लास्ट पार्ट
महक उसकी चूत को चूस्टी गयी.. चूस्ति गयी... आख़िर रजनी के
बदन की कपन बंद हो गयी... फिर वो उसकी चूत को चाट कर साफ
करने लगी.
रजनी को महक के साथ इस खेल मे मज़ा आ रहा था.. उसने थोड़ा और
आगे बढ़ने की सोची... और महक को अपनी चूत से हटा दिया.
"रंडी ज़रा अपने कपड़े खोल अपने बदन को तो दीखा?' रजनी ने जैसे
उसे हुकुम दिया.
महक को भी मज़ा आ रहा था और वो पूरी तरह गरमा चुकी थी...
जैसा रजनी ने कहा उसने वैसे ही किया ...वो अपनी चूत की गर्मी को
शांत करना चाहती थी... जब उसने अपने कपड़े उत्तर दिए तो रजनी ने
उसे सोफे पर लेटने को कहा... रजनी एक कुर्सी खींच कर उसके सामने
कुर्सी पर बैठ गयी.
"अपनी चूत मे उंगली डाल कर अपनी चूत को उंगली से चोदो.. में
देखना चाहती हूँ की पानी छोड़ती तुम्हारी चूत कैसी लगती है."
रजनी ने कहा.
"महक को भी खेल मे मज़ा आ रहा था... उसने जल्दी से अपनी तीन
उंगलियाँ अपनी पहले से गीली चूत मे घुसा दी... फिर उंगलियों को
अंदर बाहर करने लगी.. रजनी सामने बैठे सब देखती रही... वो
फिर उसे बातें करने लगी.
"छीनाल साली... मेरी चूत से अपने मुँह को भर कर अपनी चूत से
खेल रही है... छोड़ छोड़ अपनी चूत रंडी ... ये तो अछा है की
तुम्हारे पति को ये सब पता नही है... चल अब अपनी चूत का पानी
छुड़ा."
महक किसी रंडी की तरह रजनी की बातें सुन अपनी चूत मे ज़ोर ज़ोर
से उंगली अंदर बाहर करने लगी... उसे रजनी का इस तरह बात करना
अछा लग रहा था.... उसकी चूत उबाल खाने लगी.. अब वो भी रजनी
से वैसे ही बातें करने लगी...
"हां मुझे रंडी बनना अछा लगता है.. मुझसे किसी रंडी से बात
करती हो वियसे ही करो... मेरी चूत पानी छोड्णे वाली है... मुझे
रंडी कहो... बताओ में कैसी रंडी हूँ."
"तू बहोट बड़ी रंडी है. छोड दे पानी में तेरी चूत से बहते रस
को देखना चाहती हूँ." रजनी ने जवाब दिया.
इतना बहोत था.. महक का बदन ज़ोर से कांपा और उसकी चूत पानी
छोड़ने लगी... खुशी मे वो सिसक रही थी.... उसकी हालत देख रजनी
चौंक पड़ी थी... वो फटी आँखों से ये नज़ारा देखती रही.
जब महक का शरीर शांत हुआ तो रजनी कुर्सी पर से उठी और अपने
पेपर जो महक ने दिए थे उठा लिया और महक को चूमते हुए
बोली, "हम जल्दी ही आज से ज़्यादा वक्त निकाल ये सब फिर करेंगे.."
कहकर वो दरवाज़े की और बढ़ गयी.
तो दोस्तो कैसी लगी कहानी ज़रूर लिखिएगा
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