RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--13
जैसे ही राज ने देखा की महक झाड़ चुकी है उसके लंड ने उबाल
खाना शुरू किया और वो तेज़ी से अपने लंड को उसके मुँह के अंदर
बाहर करने लगा....
राज ने उसके सिर को और पास मे खींच अपने लंड को उसके गले मे
डाल दियाया और एक ज़ोर की पिचकारी उसके गले मे छ्चोड़ दी. महक ने
उसके वीर्या को पीना चाहा लेकिन गले मे लंड फँसा होने के कारण वो
ऐसा कर ना सकी उसने अपने मुँह को थोड़ा पीछे किया और सांस लेते
हुए उसके वीर्या को पी गयी...... तभी उसके लंड ने फिर पिचकारी
छोड़ी... और फिर... वो गतक गतक कर उसके वीर्या को पीने लगी.
महक को आदत ना होने की वजह से थोड़ा वीर्या उसके होठों के कीनरे
से बाहर को बहने लगा... उसने अपनी जीब फिरते हुए सारा वीर्या चाट
लिया.
राज जब थोड़ा सा संभाला तो उसने महक को कंधों से पकड़ उसके
पैरों पर खड़ा कर दिया... वो उसे देख मुस्कुरा दी..... वीर्या अभी
भी उसके होठों से बह रहा था.. उसने अपनी उंगली मे उस वीर्या को
लिया और अपनी जीब निकाल चाटने लगी...
तभी राज ने उसके नाइट गाउन को निकाल दिया और उसे लाकर सोफे पर
बिता दिया. फिर वो उसकी टांगो के बीच बैठ गया और उसकी टांगो को
फैलते हुए अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया. उसने महक का हाथ
पकड़ उसे थोड़ा आगे को खींचा जिससे महक के सिर्फ़ कूल्हे सोफे पर
टीके थे... और वो उसकी चूत को अपने मुँह मे भर चूसने लगा.
महक की समझ मे नही आ रहा था की वो क्या करे कैसे करे....
आज से पहले किसी ने उसकी चूत को नही चूसा था... वो अपनी टाँगे
फैलाए राज को देखती रही जो उसकी चूत को मुँह भर चूस रहा
था.. तभी उसे राज की जीब का एहसास अपनी चूत पर हुआ... एक अजीब
सनसनी मच गयी उसकी चूत मे....
एक नई और अजीब उत्तेजना उसके बदन मे भरने लगी... जब राज ने
अपनी जीब उसकी चूत मे अंदर तक डाली तो वो जैसे पागल सी हो
गयी.. उसने राज के सिर को पकड़ अपनी चूत पर जोरों से दबा दिया....
महक से सहन नही हो रहा था.. उसकी चुचियाँ कठोर हो चुकी थी
और निपल तन कर खड़े हो चुके थे... उसेन अपनी दोनो चुचियों को
हाथों मे ले मसल्ने लगी... निपल को उंगली और अंगूठे मे पकड़
काटने लगी.... तभी राज ने अपनी जीब के साथ अपनी दो उंगलियाँ
उसकी चूत मे घूसा दी और उंगलियों को अंदर बाहर करने लगा. उसकी
साँसे तेज हो गयी और उसकी चूत ने दुबारा उबाल खाना शुरू कर
दिया...
थोडी ही देर मे राज का लंड फिर तन कर खड़ा हो गया था.. वो अपनी
जगह से खड़ा हुआ और अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रख
दिया...
"तुम चाहती हो की में तुम्हे चोदु?" उसने पूछा.
"हां" उसने जवाब दिया.
"तुम एक छीनाल रंडी हो.. हो ना?" उसने फिर पूछा.
महक को समझ मे नही आया की वो क्या जवाब दे. उसे ये सब बात
सुनने मे अक्चा लग रा था... लेकिन वो अपने मुँह से कैसे कबूल
करे की हां वो एक छीनाल एक रंडी बन चुकी है.. आख़िर वो एक
शादी शुदा औरत थी.. एक जवान बाकछे की मा थी... पर उसे पता
था की अगर वो जवाब नही देगी तो राज उसे नही चोदेगा और चला
जाएगा... वो उसके लंड के लिए तड़प रही थी...
"हां" उसने शरमाते हुए जवाब दिया.
"किसकी छीनाल रंडी हो तुम बताओ मुझे?" उसने फिर पूछा.
"में तुम्हारी छीनाल रंडी हूँ..' उसने धीरे से जवाब दिया.
"फिर मेरी छीनाल रंडी इस वक्त क्या चाहती है..?" उसने पूछा.
ये गंदी बातें एक बार फिर उसे उत्तेजित करने लगी.. वो लाज शरम
सब छ्चोड़ बोली... "में चाहती हूँ की तुम अपनी इस छीनाल रंडी को
अपने मोटे लंड से चोदो." कहकर उसने उसके खड़े लंड को पकड़
लिया.
राज ने उसके हाथ को बीच मे से हटाया और एक ज़ोर का धक्का मार अपने
लंड को अंदर तक घुसा दिया.
'ऑश हां" वो चिल्ला पड़ी.
राज ने अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी टांगो को उठा अपने कंधों
पर रख दी और फिर ज़ोर से अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा दिया...
और वो ज़ोर ज़ोर के धक्के मार उसे चोदने लगा.
"ऑश हा हाआं ऐसे ःईईईई ओह हां." महक सिसकने लगी.
राज ने देख उसके हर धक्के के साथ उसकी चुचिया उछाल रही थी...
महक ने अपनी चुचियों को पकडा और जोरों से मसल्ने लगि..तभि
उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.
थोडी ही देर मे राज का विरे भी उबाल खाने लगा... उसने अपने लंड
को बाहर निकाला और अपनी दोनो टाँगे महक के अगल बगल रख अपने
लंड को जोरों से मसल्ने लगा... दो तीन झटकों मे ही उसक लंड
पिचकारी दर पिचकारी छ्चोड़ महक के बदन को नहलाने लगा.
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