RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक थोडी देर तक उसके लंड को देखती रही... जो उसके दिल की हर
धड़कन के साथ लंबा और मोटा हो रहा था..... जब वो पूरी तरह
तन कर खड़ा हो गया तो उसने उसे पकड़ लिया और अपने चेहरे पर
घिसने लगी..... फिर अपने मुँह को पूरा खोल उसने राज के लंड को
पूरा अंदर अपने गले तक ले लिया...... फिर अपने मुँह को उपर नीचे
कर उसके लंड को चूसने लगी...
महक ने एक हाथ से उसके लंड को नीचे गोलियों से पकडा और दूसरे
हाथ से उसकी गॅंड सहलाते हुए उसका लंड चूसने लगी. किसी भूकि
बाकची की तरह वो उसके लंड को चूस रही थी.
"मुझे लगता है की तुम मेरे लंड के लिए बहोत ज़्यादा भूकि हो?"
राज ने उसे चिढ़ाते हुए कहा.
महक ने उसके लंड को एक पल के लिए अपने मुँह से बाहर निकाला और
कहा, "हां बहोत ज़्यादा.'
राज देखने लगा की किस तरह एक 45 साल की औरत जो उसके दोस्त की मा
थी.... किसी छीनाल रंडी की तरह उसके लंड को गले तक लेकर चूस
रहित ही.... उसका मन तो किया की उसके सिर को पकड़ उसके मुँह को
चोदना शुरू कर दे... लेकिन वो चूस ही इतनी आक्ची तरह से रही
थी की उसे धक्के मारने की ज़रूरत ही महसूस नही हुई... वो दीवार
के सहारे खड़े हुए मज़े लेने लगा.
"तुम्हारा पति तुम्हारी चूत का ख़याल नही रखता है, है ना म्र्स
सहगल...? राज ने पूछा.
महक जानती थी की राज इस प्रशनि का उत्तर जानता है सिर्फ़ उसे
चिढ़ने के लिए ही पूछ रहा है इसलिए उसने कोई जवाब नही दिया.
"हाआं चूसो ऐसे ही चूसो तुम बहोट अछा लंड चूस्टी ःओओ... श
हां चूसो."
राज की बातें उसकी चूत मे लगी आग को और भड़का रही थी. उसने
अपना हाथ नीचे किया और अपने गाउन को उठा अपनी चूत पर रख
दिया. अपनी दो उंगलियों को अंदर दल वो अपनी चूत को उंगली से चोदने
लगी..... उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी..... वो चाहती
थी की राज आज की रात को याद रखे और भविष्या मे कभी उसे
इंतेज़ार ना कराए..... वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को अपने मुँह के अंदर
बाहर करने लगी.
महक ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूस रहित थी और साथ ही अपनी चूत
मे उंगल कर रही थी...... लंड चूस्टे चूस्टे उसे याद आया की
राज ने कहा था की वो उसके मुँह मे नही झदेगा.... उसने उसके लंड
को अपने मुँह से निकाला और राज से बोली..." में चाहती हूँ की इस बार
तुम मेरे मुँह मे अपना पानी छ्चोड़ो."
"कितनी बड़ी रंडी हो तुम? राज ना कहा, "अब तुम चाहती हो में अपने
लंड का पानी तुम्हारे मुँह मे छोड़ूं?"
"हां में तुम्हारे इस लंड अमृत का रस चखना चाहती हूँ," महक
उसके लंड को मसल्ते हुए बोली.
महक की बात सुनकर उत्तेजना मे उसका लंड उछाल पड़ा. राज ने उसके
बालों को पकडा और उसके मुँह को सीधा कर एक ही जाहतके मे अपना लंड
उसके मुँह मे घुसा दिया.... "ठीक है मेरी छीनाल रंडी अब मेी
तुम्हारे मुँह मे पानी छोड़ूँगा और तुम इस सारा का सारा पी जाना."
राज जितनी उससे गंदी बातें करता माहेक को उतना ही अक्चा लग रहा
था और उसकी चाहत और बढ़ने लगती... वो जोरों से अपनी चूत मे
उंगल अंदर बाहर कर रही थी... उसके मुँह से एक ज़ोर की आ निकाली
और उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया....
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