RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--10
"मेरे पति एक घंटे मे घर पहुँचने वाले हैं और हमारे पास
उसके लिए इतना वक़्त नही है." महक थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली.
"इसका मतलब है की तुम्हारे पास चुदाई के लिए वक़्त नही है लेकिन
तुम मेरा लंड तो चूस ही सकती हो." राज ने कहा
पता नही क्यों महक को राज का इस तरह गंदे शब्दों का प्रयोग
करना अचका लगता था, उसकी बात सुनकर ही उसके बदन मे सनसनी
मच गयी.
"में ये नही कर सकती है, आज तक मेने ऐसा नही किया है और
मेरे पति एक घंटे मे आने वाले है." महक ने कहा.
"तुमने ब्लू फ़िल्मे तो ज़रूर देखी होगी, और में जानता हूँ की तुम
बहोत जल्दी सब कुछ सिख जाती हो.... देखो तुम कर सकती हो और
हमारे पास समय भी बहोत है." कहकर राज ने अपनी पॅंट के बटन
खोले और अपीनी पॅंट और अंडरवेर को नीचे खिसककर अपने खड़े
लंड को बाहर निकाल लिया.
"अब इस गाउन को खोल दो और आकर मेरे लंड को चूसो." राज ने कहा.
"तुम समझते क्यों नही, हम नही कर सक्ते...्उम पकड़े जाएँगे."
उसने विरोध करते हुए कहा
"ठीक है अगर आज तुम मुझे अपने लंड को तुम्हारे मुँह मे डाल
तुम्हारे मुँह को चोदने नही दोगि तो में चला जौंगा और आज के
बाद फिर कभी तुम्हारे पास नही अवँगा." राज ने कहा.
राज उसे छ्चोड़ कर चला जाएगा इस ख़याल ने ही महक को अंदर से
कमजोर कर दिया. वो उसके लंड को फिर अपनी चूत मे महसूस करना
चाहती थी. जिस तरह उस दिन उसकी चूत ने पानी छोडा था वो उसी
तरह चूड़ा कर अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाना चाहती थी. और
अगर वो चला गया और फिर कभी उसके पास नही आया तो उसकी चूत
की प्यास कौन बुझाएगा ये सोचते हुए उसने अपना गाउन खोल दिया.
राज उसके नंगे बदन को घूरने ओरना. वो पहली बार उसके नंगे शरीर
को देख रहा था. माना उसका बदन उन जवान लड़कियों जैसा कसा हुआ
नही था जिन्हे उसने आज तक चोद था लेकिन इस उमर मे भी उसने अपने
बदन को काफ़ी संभाल कर रखा था. आज भी जो उभर और कटाव
महक के शरीर मे थे वैसे बड़ी मुश्किल से किसी जवान लड़की मे
दीखाई देते थे. उसकी चुचियाँ उम्र के वजह से थोडी ढीली थी
लेकिन उसे फिर भी पसंद आ रही थी.
ठीक है अब यहाँ आकर मेरे लंड को चूसो." राज ने उससे कहा.
एक बार फिर राज की इस गंदी बातों ने उसके बदन मे झुरजुरी पैदा
कर दी. वो उसके पास आई और उसके सामने घूटने के बाल बैठ गयी.
उसने उसके ख़ाके लंड को अपने हहतों मे पकडा और अपना मुँह उस पर
रख दिया. फिर अपने मुँह को खोल उसके लंड को अपने मुँह मे लिया.
जिस तरह उसने फ़िल्मो देखा था उसी तरह उसके लंड पर अपना मुँह
उपर नीचे करने लगी. उसने महसूस किया की उसका लंड और लंबा और
तन रहा उसके मुँह मे. थोडी ही देर मे उसका लंड किसी लोहे की सलाख
की कर तन गया और वो जोरों से उसके लंड को चूसने लगी. पहले तो
उसे लगा था की वो लंड नही चूस पाएगी लेकिन अब उसे मज़ा आने
लगा था और वो बड़े प्यार और मन से उसके लंड को चूस रही थी.
राज ने उसके गीले बालों को पकडा और और उसके सिर को सीध मे कर
उसके मुँह मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.
"म्र्स सहगल तुम तो बहोत अक्चा लंड चूसना जानती हो, क्या सही मे
तुमने इसके पहले कभी लंड नही चूसा?" राज ने उसके मुँह मे धक्के
मरते हुए पूछा.
महक ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और अपने इस नये खेल का
मज़ा लेने लगी. उसका ये कहना की वो बहोत अक्चा लंड चोस्ती है, ने
उसे और खुश कर दिया और वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूस रही
थी. कभी उसके लंड को अपने गले तक लेती तो कभी अपनी जीब से
जोरों से भींच लेती. लंड चूस्टे चूस्टे उसने अपना एक हाथ नीचे
लेजकर अपनी चूत पर रखतो देखा क उसकी चूत उत्तेजना मे गीली हो
गयी थी. वो अपनी चूत को जोरों से मसल्ने लगी.
"अपनी चूत को मसलना और साथ मे मेरे लंड को चूसना तुम्हे अक्चा
लग रहा है ना म्र्स सहगल?
"हाआं छोओओशो मेरे लंड को ईशी तरह ऑश हां मेरा छूटने वाला
है."
महक ने कभी किसी के लंड के पानी का स्वाद चखा नही था, "इसका
छूटने वाला है.... है में क्या करूँ... क्या ये मेरे मुँह मे पानी
चोद देगा.....' सोचते हुए उसने घबराकर राज की तरफ देखा.
राज ने उसकी आँखों मे छुपी घबराहट को देख लिया, "डरो मत में
तुम्हारे मुँह मे नही छोड़ूँगा, तुम पहली बार लंड को चूस रही
हो.... तुम्हारे मुँह मे पानी छोड़ने के कई और मौके आएँगे."
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