RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--9
महक समझ रही थी की राज सही कह रहा है. हां वो उससे चुड़वाना
चाहती थी, उसका दिल तो कर रहा था की राज वहीं किचन मे उसकी
जमकर चुदाई कर उसकी बरसों की प्यास को ठंडा कर दे.
एक तरफ पत्नी धरम समाज का डर उसके दिल मे था जो कह रहा था
की वो राज को सॉफ माना कर दे, "नही ये कभी नही हो सकता तुम
ग़लत हो चलो जाओ यहाँ से..."
पर जिस्म की आग और बदन से उठती कामग्नी वो सिर्फ़ इतना ही कह
पाई..." आज नही... हम यहाँ कुछ नही कर सकते... कोई भी किसी
समय यहाँ आ सकता है....फिर कभी मौका मिला तो देखेंगे."
महक का जवाब सुनकर राज की हिम्मत और खुल गयी. वो समझ गया की
थोडी हिम्मत दीखने की ज़रूरत है और वो उसे चोद सकता है. वो
उसकी और बढ़ा और उसने उसके टॉप के उपर से उसकी कठोर चुचियों को
अपने हाथों मे पकड़ मसल्ते हुए कहा, "सब अपने आपमे मस्त है और
चुदाई कर रहे है... यहाँ अब कोई नही आएगा."
महक ने महसूस किया की राज का लंड उसकी शॉर्ट्स के उपर से उसकी गॅंड
की दरार पर ठोकर मार रहा था. उसके लंड के स्पर्श ने ही उसके
अंदर की कामग्नी को और बढ़का दिया और उसकी चूत और गीली होने
लगी और वो सिसक पड़ी, "ऊईइ मा ओह."
तुम्हे अक्चा लग रहा है ना? इस तरह चुचियों को मसलवाने मे
मज़ा आआटा है ना तुम्हे.." राज ने उसकी चुचियों को और जोरों से
मसल्ते हुए कहा.
"हां भींच दो मेरी चुचियों को ऑश मसल डालो इन्हे." महक
जोरों से सिसक पड़ी.
"तुम्हारे निपल पर कोई चिकोटी काटता है तो तुम्हे और अच्छा लगता
है ना? राज ने उसके टॉप के उपर से उसके एक निपल को अपनी उंगली और
अंगूठे मे ले जोरों से भींच दिया.
महक की समझ मे नही आया की वो क्या जवाब दिया. आज तक उसने ये
सब नही किया या करवाया था..... ना ही उसके पति ने इस तरह की
बातें की थी उसके साथ... एक अजीब सी सनसनी मची थी उसके
शरीर मे.... वो सिसकते हुए सिर्फ़ इतना ही कह पाई.. "श हाआँ
मुझे बहोट आCछा लगता है.. काट दो मेरे निपल भींच दो
इन्हे...."
राज के हाथों का जादू उसकी चुचियों से होते हुए ठीक उसकी चूत
पर असर कर रहा था और वो चाह रही थी की वो रुके नही बस उसकी
चुचियों को इसी तरह मसलता जाए.
राज उसकी चुचियों को भींच रहा था उसके निपल पर चिकोटी काट
रहा था और महक अपने चूतड़ पीछे कर उसके लंड पर रगड़ने
लगी थी.
राज ने उसे कमर से पकड़ अपनी तरफ थोड़ा खींचा और एक हाथ से
उसकी चुचि को मसल्ते हुए अपना दूसरे हाथ सामने से उसकी जांघों के
बीच रख दिया. महक ने अपनी टाँग फैला दी जिससे राज का हाथ
आसानी से उसकी चूत तक पहुँच सके.
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