RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक इतनी सुंदर तो नही थी लेकिन उसके नाक नक्श काफ़ी तीखे थे.
5" फीट 6 की लंबाई, गोरा बदन. गोल चेहरा, ऊम्र के हिसाब से बड़ी
बड़ी चुचियाँ जो काफ़ी भरी भरी लगती थी. 45 साल की उम्र मे
फिर भी उसका बदन काफ़ी सुडौल था, गोल गोल चूतड़ जो किसी को भी
लुभा सकते थे. घुँगरले भूरे बॉल जो उसके कंधों तक आते थे
और नीली आँखों जो उसके चेहरे पर चमक पैदा कर देती थी.
उसके पति एक कन्ज़्यूमर कंपनी मे सेल्स मॅनेजर थे, और काम के
लिहाज से अक्सर टूर पर रहा करते थे. गर्मियाँ की छुट्टी ख़तम
होने वाली थी और उसका बेटा सोनू वापस अपने हॉस्टिल चले जाने वाला
था, उसके पास समय ही समय था इसीलिए शायद वो सब ख्वाशे एक
बार फिर उसके जहाँ मे उठ रही थी.
थोडी देर चॅनेल बदल बदल कर वो टीवी देखती रही फिर जब नींद
आने लगी तो उसने टीवी बंद किया और अपने कमरे मे जाकर सो गयी.
दूसरे दिन शाम को जब उसका बेटा कॉलेज के कुछ दोस्तों से मिलकर
घर आया तो उसने अपनी मा से कहा की क्या वो शनिवार की शाम को
अपने कुछ दोस्तों को घर पर एक छोटी सी पार्टी के लिए बुला सकता
है. वैसे भी उसके पति दो दिन बाद टूर पर जाने वाले थे इसलिए
उसने सोनू को इजाज़त दे दी. सोनू उसे थॅंक्स कहते हुए अपने कमरे मे
कुछ फोन करने चला गया.
शनिवार आया और घर का आँगन सोनू के दोस्तों से भरने लगा. सोनू
ने करीब 10 दोस्तों को बुलाया था जिनमे से 8 आ चुके थे, इनमे कुछ
लड़कियाँ भी थी. महक ने देखा की सभी हाशी मज़ाक करते हुए
हंस खेल रहे थे.
सब को अपने आप मे मशगूल देख महक एक कोक की बॉटल लेकर
बच्चों को मस्ती करते देखने लगी. जिस तरह लड़कियाँ लड़कों के
साथ हंस खेल रही थी, ये देख कर उसे जलन होने लगी. उसे
जिंदगी मे कभी ये मौका नही मिला था. वो एक साधारण परिवार से
थी जिन्हे लड़को की दोस्ती आक्ची नही लगती थी. फिर उसकी शादी भी
छोटी उमर मे ही हो गयी थी.
लड़कों पर उसने ख़ास नज़र नही डाली थी, लेकिन तभी एक लड़का
घर मे घुसता उसे दीखाई दिया.
"दोस्तों में आ गया हूँ अब आप पार्टी शुरू कर सकते है." उसने ज़ोर
से कहा जिससे सब को सुनाई दे सके.
"ऱाज़" सभी ज़ोर से चिल्ला पड़े और दौड़ कर उसके पास आ गये.
लड़कियाँ तो जैसे उसे देख पागल हो गयी वो सब दौड़ कर उससे
लीपटने लगी जैसे की कोई उनका बीछड़ा हुआ प्रेमी आ गया हो.
"राज?" महक मन ही मन सोचने लगी. सोनू के दोस्तों मे उसके किसी
दोस्त का नाम राज नही था, फिर कौन है ये?
महक भी उस लड़के राज को देखने लगी जो आते ही आकर्षण का केन्द्रा
बन गया था. उसने देखा की राज का बदन काफ़ी कसरती थी, चौड़े
कंधे, चौड़ा सीना और काफ़ी हॅंडसम लग रहा था. महक अपने बेटे
सोनू की और बढ़ी ये जानने के लिए की ये राज कौन है?
"मम्मी वो राज है, राज शर्मा," सोनू ने कहा, "आप भूल गयी मेरे
साथ स्कूल मे पढ़ा करता था."
"हे भगवान ये राज है, कितना बड़ा हो गया है." महक ने कहा.
राज सोनू के साथ 5थ स्ट्ड मे साथ मे पढ़ता था. और एक दो बार ही
महक की उससे मुलाकात हुई ती जब वो छुट्टी के दिन सोनू के साथ
खेलने उनके घर आया था. फिर उसके बाद सोनू ने कभी कभार ही
उसका ज़िकरा किया था. उस समय मुश्किल से उसकी लंबाई 5'फ्ट 3 होगी और
आज ये लंबा चौड़ा करीब 5'फ्ट 11 की हिएगत और काफ़ी सुंदर लगने
लग गया था. वो एक बार फिर उससे परिचय करने के लिए उसकी और
बढ़ गयी.
"हेलो राज, पहचाना मुहे?" महक ने उसकी तरफ हाथ बढ़ाते हुए
कहा.
"ओह्ह हाँ म्र्स सहगल में आपको कैसे भूल सकता हूँ." कहकर राज ने
महक का हाथ अपने हाथ मे ले लिया, "कैसी है आप... सोनू अक्सर आप
के बारे मे बात करता रहता है." राज ने आँख मरते हुए उसके हाथ
को चूम लिया.
राज को सोनू की मम्मी महक हमेशा से ही आक्ची लगती आई थी. जब
भी वो सोनू के घर जाता था वो टीरची निगाहों से महक को ही
घूरा करता था. वो सुंदर है वो ये जानता था और जब लड़कियाँ उसे
प्रभावित होती थी उसे पता चल जाता था. लड़कियों पर उसके
व्यक्तित्वा का असर जल्दी ही चढ़ जाता था और यही आज महक के साथ
हो रहा था.
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