RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--8
महक सहगल के दीमाग मे हज़ार बातें घूम रह थी. वो सोच रही
थी की उसे कल क्या क्या करना है. सुबह किराने वेल की दुकान पर
जाकर किचन के लिए समान लीखाना है, लौडरी से कपड़े लेने
है, कुछ दवाइयाँ ख़रीदनी है और फिर किसी दुकान पर जाकर एक
नॉवेल ख़रीदनी है जिसके बारे मे उसने इतना कुछ पढ़ा है.
कल के लिए काफ़ी काम था उसके पास अचानक ही उसकी सोच टूटी जब
उसके पति अजय सहगल ने एक हुंकार भरते हुए अपना वीर्या उसकी चूत
मे छोड़ दिया.
महक आज फिर प्यासी रह गयी थी, उसका पति एक बार फिर उसे
मझधार मे छोड सो गया था. उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रखा तो
देखा की उसकी चूत उसके पति के वीर्या से भरी हुई थी. वो इस गीली
चूत के साथ सोना नही चाहती थी, वो उठी और बाथरूम मे घुस
गयी. फिर अपनी चूत और हाहत को आक्ची तरह सॉफ करने के बाद वो
कमरे मे वापस आ गयी. उसे अभी नींद नही आ रही थी इसलिए वो
हॉल मे आ गयी और टीवी देखने लगी.
महक अपने पति से बहोत प्यार करती थी लेकिन उसकी चूत का वो क्या
करे जो हमेशा प्यासी रह जाती थी. वो इतनी बेशर्म भी नही थी
की खुद पति के उपर चढ़ उसके लंड को अपनी चूत मे ले धक्के मारे
की उसकी चूत झाड़ जाए. पर उसने अपनी पति से कभी शिकायत नही
की थी और एक आचसी पत्नी की फ़र्ज़ नीभती रही.
वैसे महक बहोत ही सेक्सी थी, उसका दिल करता था की उसका पति उसकी
जाम कर चुदाई करे. आम औरतों की तरह उसके भी कई सपने थे, कई
कल्पना थी कई इच्छाएँ थी. लेकिन वो जानती थी की उसके पति को
वो सब पसंद नही था और शायद उसकी इच्छा, उसकी कल्पना इन जिंदगी
मे पूरी नही हो पाएँगी.
जब भी टीवी पर या फिर कोई मूवी देखते वक़्त किसी सेक्स सीन को
देखती तो उसकी दबी हुई भावनाएँ ज़ोर मारने लगती लेकिन उसने कभी
अपने पति को इस बात की भनक भी लगने नही डी थी.
शादी से पहले उसने सिर्फ़ एक ही मर्द से रिश्ता बनाया था वो भी
कॉलेज के दीनो मे जब उसने यही कोई दो चार बार उसे गाड़ी के पीछले
सीट पर चोदा था. उसे याद नही आता की उसके साथ चुदाई करते वक़्त
भी उसकी चूत ने कभी पानी छोड़ा हो.
कई बार उसने हस्तमैथुन करने की भी सोची लेकिन उसके ख़याल मे
ऐसा कुछ था ही नही जिससे वो उत्तेजित हो अपनी चूत का पानी छुड़ा
सके. उसे कभी कभी लगता था की वो अपनी भवनाई अपनी इक्चा को
दबा कर ग़लती कर रही है, उसे भी और औरतों के तरह देह सुख का
हक़ है लेकिन वो खुद इतनी शर्मीली थी की उसे अपनी किसी सहेली से
बात करते हुए शरम भी आती थी.
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