RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
रजनी को भी राज की ये अदा बहोत आक्ची लगने लगी थी.. वो भी उसके
साथ ऐसी ही गॅंड बातें करना चाहती थी...
"म्र्स शर्मा तुम्हे मेरा ये मोटा लंड बहोत पसंद है ना? तुम्हारी
चूत तो इसकी दीवानी हो गयी है." राज ने फिर कहा.
"तुम ऐसी बातें करते हो ना तो मुझे बहोत मज़ा आता है.. मेरे
साथ भी वैसे ही बोलो जैसे तुम महक के साथ बोलते हो" रजनी अपनी
कमर उठा उसके लंड को अपनी चूत मे और अंदर तक लेट हुए बोली.
"तो तुम्हे बुद्धी रांड़ बुलयुन तो कैसा रहेगा?" राज ने पूछा.
"नही तुम मुझे म्र्स शर्मा कह कर बुलाओ.. में गरमा जाती हूँ ये
सोच कर मुझ जैसी अधेड़ औरत तुम जैसे नौजवान लड़के को भी
गरम कर सकती है..." रजनी ने कहा.
"तुम भी साली छिनालों की छीनाल हो म्र्स शर्मा... " राज ने उसे
चिढ़ाते हुए कहा.
तभी रजनी की चूत ने पानी छोड दिया... उत्तेजना मे उसका समुचा
बदन कांप रहा था और उसकी चूत पानी छोड रही थी.. वो अपनी
कमर उठा उसके लंड को अपनी चूत मे जकड़ने लगी.. और पानी छोड़ती
रही...
जब उसकी चूत थोडी शांत हुई तो वो अपनी चुचियों को भींचते हुए
किसी रंडी की तरह राज से बोली, "अब मुझे ये मोटा लंड अपनी गॅंड मे
चहिये..इस लंबे लंड से महक की तरह भी गॅंड मरो."
राज ने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया और उसके बगल मे बैठ
गया.. "अगर तुम्हे भी म्र्स सहगल की तरह चाहिए तो तुम्हे भी
मेहनत करनी होगी." राज ने कहा.
रजनी इतनी गर्मी हुई थी की उसे तो किसी बात की परवाह ही नही थी..
वो तो कुछ भी करने के लिए तय्यार थी.. वो राज की गोद मे बैठ
गयी.. और उसके लंड को अपनी गॅंड के छेड़ से लगा उस बार बैठ
गयी.. उसका लंड उसकी गॅंड की दीवारों को चीरता हुआ अंदर घुस
गया... अब वो ज़ोर ज़ोर से उछाल उछाल कर उसके लंड को अपनी गॅंड मे
लेने लगी अपनी दोनो चुचियों को जोरों से मसल्ते हुए वो उछाल रही
थी.
राज बड़े प्यार से उसकी गॅंड को अपने लंड पर उपर नीचे होते देखता
रहा... क्या रात बीती थी उसकी आज.. दो दो छीनाल दिल खोल कर उससे
चुडा रही थी... उसका लंड अकड़ने लगा था... लेकिन इसके पहले की
वो पानी छोड़ता... रजनी फिर जोरों से सिसक पड़ी.. चिल्ला पड़ी.. और
शायद उसकी चूत ने एक बार फिर पानी छोड दिया था...
वो शांत पड़ने लगी तो राज ने उसे उठा कर सोफे के सहारे घोड़ी बना
दिया और उछाल उछाल कर उसकी गॅंड मरने लगा.. तीन चार ज़ोर के
धक्के मार दिए... जब उससे नही रहा गया तो उसने अपना लंड बाहर
निकाल अपना वीर्या उसकी गॅंड पर छोड दिया.
राज भी तक गया था..."अब मेरे इस लंड को किसी सॉफ कपड़े से सॉफ
कर दो..?"
"रजनी एक नॅपकिन ले आई और प्यार से उसके लंड को पौंचने लगी..
अची तरह सॉफ करने के बाद उसे बड़े प्यार से चूम लिया, "सही मे
बहोत प्यारा है ये... में तो पागल और दीवानी हो गयी हूँ इसकी...
जी करता है की हर वक्त इस अपनी गॅंड और चूत मे लिए रहूं."
राज ने अपने कपड़े पहेने और जाने लगा, "फिर जब ज़रूरत पड़े तो
फोन करना बंदा हाज़िर हो जाएगा." कहकर वो चला गया.
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