RE: XXX Kahani दो दो चाचिया
रमेश अब पूरा गरम था, उसने अनामिका के पाव से उसकी चटाई शुरू कर दी, पहले अंगूठा फिर पूरा पेर, फिर शिन, फिर घुटना, फिर उसकी जंघे फिर उसका पेट, बूब्स निपल्स, सिर्फ़ गुप्तँग को छ्चोड़ रमेश सब जगह अपनी जीभ फिरा चुका था. अनामिका अब गरम थी, वो अब रमेश के लंड को बेरहमी से मसल रही थी. रमेश ने अब धीरे से उसकी चड्डी खिसका दी. रमेश के सामने चिकनी कुँवारी चूत थी. उसमे से रस बह बह कर बाहर आ रहा था, रमेश ने पहली बार कोई सील वाली चूत देखी थी, उसने सोचा पहले इसकी मलाई पी ली जाए, उसने अपना मूह उसकी चूत के होतो पेर लगाया और अपनी जीभ से उसकी गीली और गरम चूत की खुदाई करने लगा, अनामिका को बहुत मज़ा आ रहा था उसने रमेश के बॉल कस कर पकड़ लिए, और अपनी गांद उँची नीची करने लगी. रमेश चूत चाटने मे उस्ताद था, अपने एक हाथ से उसने उसके हॉट फैला दिए दूसरे से उसकी क्लाइटॉरिस सहला रहा था और जीभ उसकी चूत को चोद रही थी. करीब 2-3 मिनिट की चटाई मे ही अनामिका झाड़ गयी, ' रमेश बहुत मज़ा आया, तूने ऐसी चटाई की की में तो होश भूल गयी, क्या लंड भी इतना ही मज़ा देता हे?' उसने पूछा. " देख शुरू मे तो तेरी सील टूटेगी और दर्द होगा लेकिन एक दो बार चूड़ने के बाद लंड चूत को वो मज़ा देता हे की चूत होश खो बत्ती हे,' रमेश बोला,' तू तय्यार हे दर्द सहन करने के लिए?" उसने पूछा,' हा लेकिन प्यार से डालना,' अनामिका बोली. हालाँकि अनामिका की चूत रस से भारी हुई थी लेकिन कमला को पता था अनामिका की कुँवारी चूत मे सूखा लंड थोड़ा मुश्किल से जाएगा, उसने पीछे से आ कर रमेश के कारक लंड पेर नारियल का तेल माल दिया, उसका लंड अब चमक रहा था,' रमेश ने कहा,' दर्द हो तो भी टाँगे थोड़ी चौड़ी रखना, इस से लंड आसानी से प्रवेश करेगा.'ओक ,' अनामिका बोली. रमेश ने अब अपने तेल से साने लंड को उसकी छोटी चूत के मूह पेर रखा और सूपड़ा बाहर रगड़ने लगा. अनामिका रागड़ाई से बेहद उत्तेजित थी और साथ में गॅंड भी हिलने लगी. आमेश ऐसी ही सूपड़ा रगता फिर हल्का सा दबाव देता, जैसे ही दबाव पड़ता अनामिका ज़ोर से चीखती ओय मा मार गयी... मगर रमेश किसी कुशल खिलाड़ी की तरह खेलता रहा, आख़िर उसने चीखो के बीच अपना लगभग पूरा सूपड़ा अंदर सरका दिया, जीवन मे इतनी टाइट चूत के अंडर उसने कभी लंड नही डाला था. वो जैसे ही दबाव बढ़ता अनामिका रोने लगती,' हटाओ इसे बहुत दर्द हो रहा हे रमेश मेरी चूत फट रही हे अब इतना ही डालो बाक़ी बाद मे करना बाहर निकालो उूउइ उ ऑश अया,' कह कर अनामिका रोने लगी. मगर रमेश धीरे धीरे अपना लंड बाहर निकलता और धीरे से अंडर सरकता, उधर अनामिका की सील टूट चुकी थी, उसके खून से रमेश का लंड भर चुका था, चदडार भी लाल हो गयी थी, अनामिका रोते चीखते पागल हो गयी थी, लेकिन रमेश ने अपना तीन चौथाई लंड सरका ही दिया , और वो रुका नही, इतनी टाइट चूत की पकड़ से वो भी उत्तेजित था, अब तेज़ी से चोद्ते हुए बड़बड़ाने लगा,' श आहह चाची इतनी टाइट चूत हे की मेरा लंड फस गया हे, चाची इस चूत ने मुझे कस कर पकड़ लिया हे, ये मेरा पानी खींच रही हे कमला श आहह क्या करू?' वो बोला,' निकल दे इसकी चूत मे पानी कोई चिटना नही हम देख लेंगे,' छ्होटी चाची बोली,' हा चाची अब भर रहा हू इसकी टाइट चूत मेरे रस से ऊऊऊऊऊओ चाच्ची बहुत मज़ा आ रहा हे, अया चाची ये लो ये लो ये छूटा हाअ हा निकल रहा हे, ऊवू निकल गया आआआआआआआ ओह्ह्ह्ह,' कह कर रमेश झाड़ गया, अनामिका ने उसे कस कर भींच लिया और किस करने आगी. " अब अपनी बेटी को दूसरे कमरे मे ले जा कर हल्दी का दूध पीला कर सुला दो अब ये 2 दिन तक कुछ नही कर पाएगी,' छ्होटी चाची ने अनामिका की मा से कहा, अनामिका काँपते हुए दो औरतो का सहारा लेकर बमुश्किल उठी और दीसरे कमरे मे चली गयी. " अब कुँवारी चूत के पानी से भरा तेरा लंड हुमारी ढीली छूटो को छोड़ेगा रमेश,' छ्होटी चाची बोली. " नही आज रमेश पहली बार अपनी बड़ी चाची की चूत को छोड़ेगा वो भी लाल लंड से, लाल खून पी कर आज इसका लंड तंदुरुस्त हुआ हे,' बड़ी चाची ने कहा और रमेश के पास आ गयी.
बड़ी चाची ने अपने कपड़े खोल दिए थे, आज इतने दीनो बाद रमेश उनको पहली बार छोड़ने जा रहा था. छ्होटी चाची और कमला ने तुरंत रमेश के लंड को जगाना शुरू कर दिया. बड़ी चाची नगी लेट गयी और टाँगे फैला दी, उनकी खुली हुई चूत के फांके सॉफ दिख रही थी. रमेश का खून से भरा लॉडा कमला और छ्होटी चाची के हाथो मे मोटा हो रहा था,' आजा रमेश अब तू पूरा मर्द बन गया हे ले ले अपनी बड़ी चाची की,' वो बोली. रमेश ने आव देखा ना ताव तुरंत लॉडा उनकी गेली और गरम चूत मे सरका दिया और किसी कमतूर कुत्ते की तरह चाची तो कुटिया की तरह चोदने लगा,' चाचिजी अपने मुझे इतने दीनो तक क्यू तरसया?' " ऐसे ही, देख मुझे पता हे तू ही मुझे ज़िंदगी भर चुदाई का सुख देगा, अब थोड़ा तरसया तो तेरे लॉड मे ज़्यादा प्यास आ गयी और मज़बूती भी, अब तू मुझे कुत्ते की तरह चोद रहा हे की नही ,नही तो अब तक मेरी चूत से बोर हो गया होता,' वो बोली. " मे तेरी बड़ी चाची हू मा भी ऐसे चोद जैसे अपनी मा को चोद रहा हो,' वो बोली और मुझे कस काए पकड़ लिया,' और हा कमला आज पूरी रात रमेश सिर्फ़ मुझे चोदेगा,' कह कर उन्होने नीचे से गांद हिलनी शुरू कर दी,' बना दे मुझे अपनी रंडी मेरे बेटे,' कह कर उन्होने रमेश को कस कर भींच लिया,' चाची बहुत मज़ा दे रही है आपकी चूत इसकी पकड़ बहुत मज़बूत हे, रमेश बोला. " चोद मेरे बेटे चोद तेरी मा को, तेरे आंडो के रस को पीने के लिए तेरी मा की चूत तरस रही हे, उसकी प्यास बुझा दे,' कह कर चाची ने स्पीड बढ़ा दी.
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