RE: XXX Kahani दो दो चाचिया
मुझे लगा की अब दोनो औरते अपने कार्यक्रम मे मस्त होगी तो मे चुपचाप उनके कमरे की तरफ गया, अन्दर नाइट लॅंप जल रहा था. मे पर्दे के पीछे छुप गया. अंडर देखा तो दंग रह गया. छ्होटी चाची बिस्तेर पर टाँगे चौरी कर के लेटी हुई थी. उनके गोल और टाइट बूब्स जैसे बाहर को कूदने को लालायित थे. उपर की गुलाबी चुचिया एकदम बंदूक की गोली की नोक की तरह सख़्त हो रखी और नुकीली हो रखी थी. कमला भी एकद्ूम नंगी थी. उसकी नंगी और पहार जैसी काली गांद मेरी तरफ थी, और वो चाची की चूत चाट रही थी, चाची ने उसके बाल पकरे हुए थे,' कमला तेरी जीब तो लंड से भी ज़्यादा मज़ा दे रही है,' चाची बोली,' दीदी मेरी जीभ जानती है आपकी चूत को कहा कहा कितना प्रेशर चाहिए, लंड तो अँधा होता है चूत की ठुकाई कर अंडर पानी डाल कर चला जाता है,' कमला ने कहा और उसकी चूत चाटने की आवाज़ें और चाची की ऊओह आ की आवाज़ें टेक्स हो गयीं,' कमला तू तो पूरी रंडी है चूस मेरी जान चूस मेरी चूत, बहुत मज़ा आ रहा है,' चाची ने कहा,कमला अब जीभ और अंडर डाल कर जीभ से चाची की चूत को चोद रही थी, छ्होटी चाची हवा मे गांद उठा उठा कर कमला की जीभ को चूत दे रही थी,' चोद कमला चोद मुझे चोद रानी और ज़ोर से चोद, मेरी चूत आज से तेरी गुलाम है, चोदति जा रानी,, ऊऊऊहह आआआआआहह बहुत मज़ा आ रहा है तेरी जीभ पर मेरी चूत अपना पानी छ्चोड़ने वाली है,' चाची बोली और कस कर कमला के बॉल पाकर लिए. चाची की साँस फूल रही थी, कमला गतगत उनकी गुलाबी चूत का रस पी रही थी. " दीदी आपकी चूत क्या है ,अंगूर का मीठे दाना है,' कमला बिली.' चाची शर्मा गयी, बोली,' धत्त!'
" अब मेरा क़र्ज़ उतरो दीदी,' कमला बोली और टाँगे चोरी कर के लेट गयी, चाची अब उसकी टॅंगो के सामने थि.खम्ल की चूत एकद्ूम सॉफ थी.' उसकी चूत के मोटे काले हॉट मुझे सॉफ दिखाई दे रही थी. कमला की चूत के काले होटो के बीच से झांते चूत के अंडर के मोटे काले होट भी दिख रहे थे. कमला की चूत से चाची की चूत ठीक उल्टी थी, अब चाची की गांद मेरी तरफ थी इसलिए वो सॉफ दिख रही थी. चाची की चूत ऐसा लगता था जैसे किसी 14 साल की लर्की की चूत हो एकद्ूम सॉफ और टाइट. चाची ने अपनी ड्रॉयर से एक नक़ली लंड निकाला उसको निरोध पहनाया और कमला की चूत मे घुसा दिया. चाची अब कमला को चोद रही थी, कमला दो मिनिट मे ही गरम हो गयी,' चोदो दीदी इस रंडी का भोसड़ा इस लॉर से,' कमला ने कहा और वो गलिया बोलने लगी,' ओह मदारचोड़ ऊवू भेन्चोद क्या लंड है फाड़ दो इस से मेरा कला भोसड़ा और ज़ोर से चोदो,' ये कह कर कमला अपने मोटे मोटे काले चूटर हवा मे उछालने लगी.' उसके बड़े बड़े 42 इंच के लगभग के बूब्स भी उछाल रहे थे और काले मोटे निपल्स एकद्ूम तने हुए थी, चाची बीच बीच मे उसके निपल्स मसल देती थी. कमला को 3-4 मिनिट मे ओर्गस्म हो गया, उधर ब्लू फिल्म अभी भी चल रही थी, उसमे एक जवान लरके का लंड दो बुद्दी औरते चूस रही थी, मेरा लंड पत्थर की तरह हो रखा था, और उत्तेजना से इतना पानी निकला की मेरा निक्केर गीला हो चुका था, मैने एग्ज़ाइट्मेंट मे निक्केर नीचे सरका दिया और उन दोनो की काम लीला देख कर मूठ मार रहा था. चाची के झरने के साथ ही मेरे पहला वीर्यपात हो चुका था, लेकिन लंड फिर भी शांत नही हुआ मे दूसरी बार मुति मार रहा था, अब जैसे ही दोनो औरते झाड़ गयी मेरी नज़र ब्लू फिल्म पर थी, वाहा एक औरत अब उस लरके का सुपरा चूस रही थी तो दूसरी उसके आँड चाट रही थी. मे ये देख ही रहा था की मुझे पता ही नही चला की कमला और छ्होटी चाची बाथरूम जाने के लिए रूम से बाहर जाने लगी थी, कमला मुझे देख कर लगभग चीखी ,' अर्रे तुम यहा क्या कर रहे हो,' मुझे कुछ समझ नही आया,' सूसू करने आया था,' मैने कहा और फूले हुए लंड को निक्केर मे ठुसने की कोशिश करते हुए भाग कर बिस्तेर पर आ कर चुपचाप लेट गया.
मे सोया ही थी की कमला अंडर आई और नाइट लॅंप जला दिया. वो मेरे पास आकर बोली,' रमेश भैया, क्या हुआ, आपो नींद नही आ रही क्या?' मे सोने की आक्टिंग करने लगा मगर कमला मुझे ज़ोर से झिन्झोर्ने लगी, अब सोने की आक्टिंग करना बेकार था, मैने ऐसा ज़ाहिर काइया जैसे मे नींद से उठा हू,' क्या हुआ कमलाजी?' मैने पूछा. कमला ने मुझे आंक मारी और बोली,' अब आप सोने की आक्टिंग बंड करो और जल्दिसे बताओ पर्दे के पीछे क्या कर रहे थे नही तो मे अभी चाचिजी को बुलाती हू,' उसने कहा, मेरे पसीने छ्छूट गये,' कुछ नही मुझे सूसू लग रहा था बाथरूम जा रहा था, चाचिजी का रूम खुला देख कर अंडर झाँकने लग गया,' मैने कहा.' देखो बाथरूम तो लॉबी से अटॅच है इसके लिए इसके लिए वाहा आने की ज़रूरत कहा, और फिर तुमने अपनी नुन्नि तो पहले ही बाहर निकल रखी थी, क्या पर्दे के पीछे सूसू करने वेल थे?' ये कह कर कमला हस्ने लगी.
मेरे पसीने छ्छूट रहे थे और मे लंड को दबा कर बैठा हुआ था,' चलो आओ मे तुमको सूसू करवा लाती हू वैसे भी तुम बिना सूसू किए हुमको देख कर लेट गये आओ चलो नही तो बिस्तेर गीला हो जाएगा,' कमला मुस्कराते हुए बोली. मुझे कतो तो खून नही,' नही मुझे अब सूसू नही आ रही,' मैने कहा,' जल्दी चलो बातरूम मे नही तो मे छ्होटी चाचिजी को भी बुला लूँगी हम दोनो तुमको पाकर कर ज़बरदस्ती सूसू करवाएँगे,' कमला बोली तो डर के मारे मेरी गांद गले मे आ गयी और मे उठ खड़ा हुआ. हालाँकि मैने घुटने मोर रखे थे मगर निक्केर मे ताना हुआ लंड कैसे छुपाता. बाथरूम पहुच कर मैने कहा,' मे खुद सूसू कर लूँगा अब आप जाओ.'" ऐसे कैसे कर लोगे आज तो मे ही तुमको सूसू कर्वौन्गि ,' कमला ने कहा और मेरे निक्केर को उतारने लगी, मे नही नही करता रहा मगर तब तक तो मेरा निक्केर घुटनो तक नीचे खिच चुका था और लंड उछाल कर बाहर आ चुका था,' रमेश बाबू ऐसे तो सूसू कैसे करोगे तुम्हारी नूनी तो तनी हुई है जब तक ये बैठेगी नही सूसू उतेरगा नही,' कमला बोली और धीरे धीरे मेरे लंड के आगे की चमरी आयेज पीछे करने लगी. थोरे दीनो पहले ही मैने मूठ मार मार कर आयेज की चमरी पीछे खिसकाई थी मगर अभी भी वो आसानी से पूरी पीछे नही जाती थी और दर्द भी होता था, कमला ने साबुन लिया और उसको चमरी पर रग़ाद दिया इसके बाद वो धीरे धीरे चमरी को पूरा आगे पीछे करने लगी. मेरी हालत खराब थी. कमला ने लंड को मुति मे कस कर पकरा हुआ था मुझे अछा भी लग रहा था , कोई दो मिनिट भी नाहू हुए थे की मेरा फव्वारा छ्छूट गया जो कमला की च्चती पर गिरा, ब्लाउस मे से उसके माममे सॉफ दिख रहे थे. " तो पर्दे के पीछे ये काम हो रहा था रमेश बाबू,' कमला हस्ते हुए बोली,' ये तो हम से ही करवा लेते क्यू अपने हाथ को तकलीफ़ देते हो,' कमला बोली. मेरा लंड मुरझा रहा था और छ्होटा हो गया था,' अब मूतने की कोशिश करो रमेश बाबू,' ये कह कर कमला मूह से सी सी की आवाज़ निकालने लगी जैसे छ्होटे बचे को मूटा रही हो, थोड़ी देर मे मेरा मूत निकला, कमला ने लंड के च्छेद पर तंगी बची खुचि बुनो को हाथ से सॉफ काइया और मुझे निक्केर वापस पहना दिया,' आप छ्होटी चाची को तो ये नही बताओगे?' मैने पूछा,' अगर तू मेरी सारी बात मानेगा तो नही कहूँगी , बोल मानेगा?' उसने कहा,' मे बोला,' आप जो कहोगे मे करूँगा बस आप चाचिजी को कुछ मत बताना.' " चल अब बिस्तेर पर जाकर सो जा तुझे सुबह जल्दी उठ कर स्कूल जाना है,' कमला बोली और वापस छ्होटी चाची के कमरे मे चली गयी इस बार मेरी अंडर झाँकने की हिम्मत नही हुई.
मुझे रात भर डर के मारे नींद नही आई, और मारे डर के चाची के कमरे में दुबारा झाँकने की हिम्मत नही हुई. मारे डर के लंड भी बेचारा सिकुर कर परा रहा. कोई 2-3 बजे मेरी नींद लगी. मुझे छ्होटी चाची बौरनविता के दूध के साथ सुबह 5-45 पर उठाती थी. दूध पी कर में ब्रश करता टाय्लेट जाकर तय्यार होता फिर 6-45 पर मेरी स्कूल बस आ जाती थी. अगले दिन सुबह मेरी नींद खुली मुझे लगा छ्होटी चाची मुझे जगाने आई हाइन, मगर देखा तो कमला दूध का ग्लास लेकर मेरे सिरहाने बेती थी. मैने ग्लास पकरा और दूध पीने लगा, जैसे ही दूध ख़तम हुआ कमला ने अपने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए, इस से पहले की मुझे कुछ समझ मे आता कमला बोली,' रमेश बाबू अब आप बारे हो गये हो अब आपको ग्लास वाला नही ये दूध पीना चाहिए,' और हस्ते हुए उसने अपने काले मोटे निपल्स मेरे होतो के आगे कर दिए, मे उसका निपल्स चूसने लगा, मेरे शरीर में करेंट दौड़ा और में अब उसका एक मोटा बूब अपने दोनो हाथो में लेकर दबाने मसालने लगा और निपल्स ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा, कमला सी सी उई उई की आवाज़े करने लगी,' ले अब दूसरा मुम्मा भी चूस एक को ही निचोरेगा क्या हरामी!' वो बोली और अब मेरे सामने दूसरा बूब था जिसे मैने निचोरना शुरू कर दिया, कमला मेरे हाथो की ताक़त से डंग थी,' आबे तेरे हाथो मे तो बड़ी ताक़त है, मज़बूत पाकर है तेरी, वो बोली. उधर कमला के मस्त और मोटे मुमे दबाते दबाते मेरा लंड आकर कर निक्केर को फाड़ रहा था. कमला ने अपना हाथ नीचे लिया और निक्केर के उपेर से ही उसको दबाने लगी,' रमेश बाबू ये बेचारा आकर कर पठार हो रहा है और गरम लोहे की तरह उबाल रहा है, इसको ठंडक पानी निकालने के बाद ही पहुचेगी,' उसने कहा और दूसरे हाथ से ज़प खोलने लगी. एक ही मिनिट मे मेरा लंड च्चत की तरफ देख रहा था,' कमलाजी प्लीज़ इसको वापस दल दो छ्होटी चाची आ जाएँगी,' मैने कहा,' उन्होने तुमको नंगा नही देखा क्या रमेश बाबू? देख भी लेंगी तो क्या है!' कमला ने कहा और मेरा लंड और ज़ोर से दबा दिया. " उफ्फ' मेरे मूह से निकला तो कमला ने पाकर धीरे कर दी और मेरे सुपरे पर उंगलिया फिरने लगी, ' रमेश बाबू तुमने दूध पी लिया अब मेरी बरी है,' ये कह कर उन्होने मूह नीचे काइया और अपनी जीभ मेरे मूट के च्छेद पर फेरने लगी, मुझे कुछ समझ नही आया, कमला ने अब मेरे सुपरे की चमरी पीछे की और उसको लॉलीपोप की तरह चूसने चाटने लगी, दन्तो से वो मेरी चमरी को आगे पीछे सरकने लगी. उसके मूह से गिरते थूक ने मेरे पूरे लंड और अंडकोषों को गीला कर दिया था, मे नया खिलाड़ी था ज़्यादा कंट्रोल नही कर पाया, दो मिनिट मे ही मेरा शरीर टन गया और वीरया की पहली बूँद उच्छल कर कमला के मूह मे जा गिरी, कमला ने तुरंत अपने होट मेरे लॉड पर कस दिए और उछाल रही एक एक बूँद को गटकती रही, जब वीर्य की आखरी बूँद ने मेरे लंड से बाहर का रास्ता ढूँढ लिया तब कही जा कर कमला ने अपना मूह मेरे लंड से हटाया,' रमेश बाबू कुंवारे लंड का वीरया तो अमृत होता है आज तुमने अमृत पीला दिया,' ये कह कर उसने ब्लाउस के बटन बंड कर दिए मैने भी निक्केर बंड किया और बाथरूम मे भाग गया. उस दिन स्कूल मे मेरा बिल्कुल मान नही लगा किताबो की बीच मे मुझे कमला के मुममे दिखाई दे रहे थे.
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